क्या सियासी है केजरीवाल के इस्तीफे का दांव, फैसले के पीछे लोगों की सहानुभूति-हरियाणा चुनाव?
Arvind Kejriwal Resignation: राजनीतिक विश्लेषक केजरीवाल के इस फैसले के पीछे राजनीतिक वजह के अलावा सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को एक बड़ा कारण मान रहे हैं। दरअसल, केजरीवाल की रिहाई तो हुई है लेकिन बंदिशों के साथ। वह दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते। किसी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते। बहुत जरूरी हुआ तो उन्हें हस्ताक्षर करने से पहले उन्हें उप राज्यपाल की इजाजत लेनी होगी
दिल्ली के सीएम पद से इस्तीफा देंगे अरविंद केजरीवाल।
- रविवार को अपने इस्तीफे की घोषणा कर केजरीवाल ने सभी को चौंका दिया
- मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे अरविंद केजरीवाल
- केजरीवाल के इस फैसले को एक सोचा-समझा राजनीतिक फैसला माना जा रहा है
Arvind Kejriwal Resignation: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने इस्तीफे की घोषणा कर बड़ा दांव चल दिया है। उनके इस दांव से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) चौंक गई। केजरीवाल मंगलवार को इस्तीफा देंगे। करीब पांच महीने बाद दिल्ली में विधानसभा चुनाव होंगे, इससे पहले केजरीवाल के इस्तीफे को राजनीति के जानकार एक सोची-समझी और बहुत विचार विमर्श के बाद राजनीतिक नफा-नुकसान को देखते हुए एक सियासी फैसला मान रहे है। दिल्ली में अगला मुख्यमंत्री कौन बनता है, इस पर अब सभी की नजरें लगे हुई हैं। फिलहाल, केजरीवाल ने इस्तीफे का फैसला क्यों किया, यह हर कोई जानना चाहता है।
कोई फैसला नहीं ले पाएंगे केजरीवाल
राजनीतिक विश्लेषक केजरीवाल के इस फैसले के पीछे राजनीतिक वजह के अलावा सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को एक बड़ा कारण मान रहे हैं। दरअसल, केजरीवाल की रिहाई तो हुई है लेकिन बंदिशों के साथ। वह दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते। किसी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते। बहुत जरूरी हुआ तो उन्हें हस्ताक्षर करने से पहले उन्हें उप राज्यपाल की इजाजत लेनी होगी। आबकारी नीति से जुड़े फाइलों को देख नहीं सकते और न ही इस बारे में कोई बयान जारी कर सकते हैं। गवाहों से वह संपर्क नहीं कर सकते कोर्ट की तरफ से ये सारी बंदिशें उन पर लगी हैं। यानी कि उनके हाथ में ज्यादा कुछ नहीं है। वह अपने इस फैसले से लोगों की सहानुभूति बटोरना चाहते हैं।
यह भी पढ़ें-Mukhtar Ansari Death: कैसे हुई थी मुख्तार अंसारी की मौत, स्लो पॉइजन नहीं इस वजह से!
पद की लालसा नहीं-केजरीवाल
दूसरा, उनके इस नाटकीय फैसले के पीछे राजनीतिक वजहें भी मानी जा रही है। केजरीवाल बहुत सोच विचारकर फैसला लेते हैं। उनके इसके पीछे सियासी मकसद है। अपना इस्तीफा देकर उन्होंने यह बताने की कोशिश की है कि उनके लिए पद कोई बड़ी चीज नहीं है, सीएम की कुर्सी भी नहीं। पद की लालसा उनमें नहीं है। वह एक सामान्य व्यक्ति हैं। अपनी गिरफ्तारी के समय इस्तीफा न देने का बचाव वह सैद्धांतिक एवं कानूनी लड़ाई से जोड़कर करते आए हैं। चुनाव से पांच महीने पहले इस्तीफे की पेशकर कर वह देश भर में सुर्खियों में आ गए हैं।
हरियाण के लिए खुलकर करेंगे प्रचार
हरियाणा में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। केजरीवाल की पार्टी वहां भी चुनाव लड़ रही है। केजरीवाल की पार्टी 2019 का भी विधानसभा चुनाव लड़ी थी लेकिन उसका प्रदर्शन बेहद खराब रहा। केजरीवाल को लगता है कि सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद उनके पास चुनाव प्रचार के लिए ज्यादा समय होगा और वे ज्यादा मुखर होकर पार्टी के लिए प्रचार कर पाएंगे। हरियाणा चुनाव में वह खुद को शहीद और आम आदमी बताकर अपने लिए वोट मांगेंगे। बंदिशों के साथ केजरीवाल सीएम पद पर रहते तो वह दिल्ली के लिए कोई काम नहीं कर पाते। इसे लेकर भाजपा उन पर और हमलावर होती और इसे चुनावी मुद्दा बताती।
इस्तीफे की पेशकश राजनीतिक नौटंकी-कांग्रेस
केजरीवाल ने अपना इस्तीफा दिल्ली विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर दिया है। वह सीधे जनता की अदालत में पहुच गए हैं। इस्तीफे की घोषणा करते हुए उन्होंने जनता से सीधे संवाद किया। उन्होंने कहा कि वह ईमानदार हैं या बेईमान इसका फैसला अब लोग करेंगे। केजरीवाल के इस इस्तीफे को भाजपा और कांग्रेस दोनों राजनीतिक नौटंकी बता रहे हैं। कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने रविवार को कहा कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का अरविंद केजरीवाल का फैसला एक 'राजनीतिक नौटंकी' है, क्योंकि उच्चतम न्यायालय पहले ही उन पर प्रतिबंध लगा चुका है। यादव ने कहा कि केजरीवाल ने मुख्यमंत्री बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया है, क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को छह महीने पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था।
यह भी पढ़ें- वंदे भारत मेट्रो का नाम बदला, अब Namo Bharat Rapid Rail कहलाएगी ये ट्रेन
सहानुभूति का कार्ड खेल रहे केजरीवाल-इल्मी
भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने रविवार को कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पद से इस्तीफा देने की घोषणा करके ‘सहानुभूति कार्ड खेलने की कोशिश’कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि उन्हें लंबे समय तक जेल में रहना पड़ेगा। पहले केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) से जुड़ी रहीं इल्मी ने कहा कि वह एक बार फिर उस पार्टी की संस्थापक सदस्य होने पर ‘शर्मिंदा’महसूस कर रही हैं, ‘जिसके मुख्यमंत्री राजनीतिक नाटकबाजी करते हैं।’
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | एक्सप्लेनर्स (explainer News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें
हरियाणा की राजनीति में बड़ा नाम थे चौटाला, 5 बार रहे CM, बोले थे-115 साल जिऊंगा
क्या बाबा साहेब अंबेडकर को नापसंद करते थे नेहरू? इन मुद्दों पर थी दोनों नेताओं की अलग राय
महाराष्ट्र में होने वाला है खेला? पहले सीएम फडणवीस से मिले उद्धव, अब पीएम मोदी से मिले शरद पवार; समझिए मायने
नए हाकिम से सीरियाई आवाम को उम्मीद? स्याह अंधेरों में घिरा रहा है क्षेत्र का इतिहास
कौन है बांग्लादेश की जमीन तक पहुंचने वाली अराकान आर्मी, चौतरफा घिरने लगे हैं मो. यूनुस
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited