प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद क्या घबराहट में हैं डोनाल्ड ट्रंप? कमला हैरिस से दूसरे मुकाबले पर हाथ किए खड़े

US Presidential Debate 2024: पिछली डिबेट यानी 27 जून वाली प्रेसिडेंशियल डिबेट में ट्रंप के सामने जो बाइडेन थे, इस डिबेट में आक्रामक ट्रंप का सामना बाइडेन मजबूती से नहीं कर पाए, वह लड़खड़ा गए। पूरी डिबेट में ट्रंप, बाइडेन पर भारी पड़े। इसके बाद की रेटिंग में वह ट्रंप से पिछड़ते गए और फिर स्वास्थ्य कारणों का हवाले देकर राष्ट्रपति पद की रेस से हट गए।

अमेरिका में 5 नवंबर को होगा राष्ट्रपति पद के लिए मतदान।

मुख्य बातें
  • अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर है, कमला-ट्रंप में टक्कर
  • 10 सितंबर को फिलाडेल्फिया में एबीसी न्यूज पर हुई दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट
  • इस डिबेट में डोनाल्ड ट्रंप के मुकाबले कमला हैरिस का प्रदर्शन बेहतर माना गया

US Presidential Debate 2024: गत 10 जून को फिलाडेल्फिया में एबीसी न्यूज चैनल पर हुए प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद लगता है पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप डर गए हैं। वह तीसरी बार और कमला हैरिस के साथ दूसरी बार डिबेट करने से कतराने और घबराने लगे हैं... उन्होंने सोशल मीडिया 'ट्रूथ सोशल' पर अपने एक पोस्ट में कहा कि हैरिस ने तीसरी डिबेट का अनुरोध किया है, इसका मतलब है कि मंगलवार को हुई तीसरी डिबेट वह हार चुकी हैं। इस हार से उबरने के लिए वह तीसरी डिबेट चाहती हैं। पोस्ट में ट्रंप ने लिखा है कि डिबेट के बाद हुए पोल्स बताते हैं कि कॉमरेड कमला हैरिस के खिलाफ मैं जीत चुका हूं और इसके तुरंत बाद ही उन्होंने तीसरी डिबेट की मांग की। अब कोई तीसरी डिबेट नहीं होगी।'

कैपिटल हिल हमले पर ट्रंप पर जवाब देते नहीं बना

सवाल है कि कमला के साथ डिबेट से भाग क्यों रहे हैं ट्रंप? तो इसका जवाब 10 सितंबर यानी मंगलवार को हुई डिबेट में ही छिपा है। करीब डेढ़ घंटे की इस डिबेट में अर्थव्यवस्था, अबॉर्शन, इमिग्रेशन, टैक्स, रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास युद्ध पर दोनों नेताओं के बीच खूब आरोप-प्रत्यारोप चला। अर्थव्यवस्था, इमिग्रेशन जैसे मुद्दे पर ट्रंप ज्यादा असरदार दिखे तो लोकतंत्र, 6 जनवरी को कैपिटल हिल पर हुए हमले, अबॉर्शन, टैक्स और प्रोजेक्ट 2025 पर कमला ज्यादा असरदार दिखीं। खासकर, छह जनवरी 2021 को कैपिटल हिल पर रिपब्लिकन पार्टी के समर्थकों ने जो उत्पात मचाया उसे लेकर कमला ने ट्रंप को बुरी तरह घेरा, इससे वह बुरी तरह तिलमिला गए, उनसे जवाब देते नहीं बन पा रहा था। यही नहीं प्रोजेक्ट 2025 का जिक्र होते ही वह बैकफुट पर आ गए। इससे दूरी बनाते हुए उन्हें कहना पड़ा कि इस प्रोजेक्ट से उन्हें कोई लेना-देना नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसमें कुछ अच्छी, कुछ बुरी बाते हैं लेकिन उन्होंने इसे पढ़ा नहीं है, और आगे इसे पढ़ने का इरादा भी नहीं रखते।

'प्रोजेक्ट 2025' पर बैकफुट पर हैं ट्रंप

यहां हम प्रोजेक्ट 2025 के बारे में भी बता देते हैं, दरअसल, 'प्रोजेक्ट 2025' के बारे में हैरिस ने अमेरिकी लोगों को अगाह करते हुए इसे एक 'खतरनाक प्रोजेक्ट' बताया। 900 पन्नों की इस रिपोर्ट को 'ट्रंप प्रोजेक्ट 2025' बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यह एक तरह से अगले चार सालों के लिए ट्रंप एडमिनेस्ट्रेशन का 'ब्लू प्रिंट' है। कमला ने दावा किया कि चुनाव जीतने पर ट्रंप इसे प्रोजेक्ट को लागू करेंगे। इस प्रोजेक्ट को वाशिंगटन के सबसे प्रभावी दक्षिणपंथी संस्था द हेरिटेज फाउंडेशन ने तैयार किया है। इसे तैयार करने में ट्रंप प्रशासन में शीर्ष पदों पर सेवा दे चुके लोग शामिल रहे हैं। अगले चार सालों के लिए ट्रंप प्रशासन की नीतियां और योजनाएं कैसी होनी चाहिए, उसके बारे में इसमें सुझाव दिया गया है। यही नहीं, हैरिस का दावा है कि इसके लागू हो जाने के बाद राष्ट्रपति की शक्तियां काफी बढ़ जाएंगी, यहां तक कि राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को मानने के लिए बाध्य नहीं होंगे और उन्हें महाभियोग चलाकर नहीं हटाया जा सकता। प्रोजेक्ट अगर लागू हुआ तो समाज में प्राचीन विचारों और प्रथाओं को प्राथमिकता मिलेगी और उदार एवं लोकतांत्रिक विचार हाशिये पर चले जाएंगे। इस प्रोजेक्ट से ट्रंप ने दूरी बनाने की कोशिश की है लेकिन अमेरिकी चुनाव में यह एक मुद्दा बन चुका है।

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