ठीक एक साल पहले हुआ था हमास का वीभत्स हमला, दहल गई थी पूरी दुनिया, आज तीन मोर्चों पर लड़ रहा इजरायल

पिछले साल 7 अक्टूबर के हमलों की शुरुआत में हमास के आतंकवादियों ने गाजा से इजरायल पर रॉकेट दागे थे। आंकड़ों के अनुसार, उस दिन हमास के हमलों में 1,200 लोग मारे गए और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया था।

Hamas attack on Israel

इजरायल पर हमास के हमले का एक साल पूरा

मुख्य बातें
  • ठीक एक साल पहले 7 अक्टूबर 2013 को इजरायल पर हुआ था हमास का वीभत्स हमला
  • इजरायल आज हमास के घातक हमले की पहली वर्षगांठ मना रहा है
  • एक साल के बाद इजरायल को एक साथ तीन मोर्चों पर जूझना पड़ा रहा है
One-year of Hamas Attacks: आज से ठीक एक साल पहले 7 अक्टूबर 2013 को इजरायल पर आतंकी संगठन हमास का वीभत्स हमला हुआ था। इजरायल आज हमास के घातक हमले की पहली वर्षगांठ मना रहा है। इस एक साल के बाद आज इजरायल को एक साथ तीन मोर्चों पर जूझना पड़ा रहा है। एक तरह उसने इस हमले के तुरंत बाद गाजा में हमला बोल दिया जिसमें अब तक 42 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं। उसने गाजा में घुसकर हमास पर जवाबी कार्रवाई भी की और आतंकी नेटवर्क को नेस्तनाबूत किया।

हिजबुल्लाह ने इजरायल को बनाया निशाना

उधर, हमास के हमले के बाद से ही लेबनान के ईरान समर्थित आतंकी संगठन हिजबुल्लाह ने भी इजरायल को कमजोर समझकर मिसाइलों से हमले का सिलसिला शुरू किया। इजरायल के जवाबी वार से दोनों देशों के बीच युद्ध अब चरम पर पहुंच गया है। इजरायल ने पहले पेजर और वॉकी-टॉकी धमाकों से हिजबुल्लाह को दहलाया और फिर बड़ा हमला करते हुए हिजबुल्ला सरगना नसरल्लाह को भी ढेर कर दिया। इससे बिफरे ईरान ने कुछ दिनों पहले ही इजरायल पर करीब 200 मिसाइलों की बारिश कर दी। अब इजरायल पलटवार की रणनीति में जुटा है। इस तरह इजरायल अब तीन मोर्चों पर अकेले ही दुश्मनों से लोहा ले रहा है।

हमास के हमलों में 1200 की मौत

पिछले साल 7 अक्टूबर के हमलों की शुरुआत में हमास के आतंकवादियों ने गाजा से इजरायल पर रॉकेट दागे थे। आंकड़ों के अनुसार, उस दिन हमास के हमलों में 1,200 लोग मारे गए और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया था। जवाब में इजरायल ने गाजा के घनी आबादी वाले तटीय इलाके को बर्बाद कर दिया और हमले में लगभग 42,000 लोग मारे गए। युद्ध के एक साल बाद भी गाजा, लेबनान और ईरान के शहरों पर इजरायली हवाई हमले जारी हैं।

हमास ने दिए इजरायल को गहरे घाव

हमास के दिए घावों को इजरायल अब भी भूला नहीं है। इजरायल रक्षा बलों (Israel Defense Forces) अपनी नाकामी का आज भी अफसोस है। आईडीएफ के जनरल स्टाफ के प्रमुख एलटीजी हर्जी हलेवी कहते हैं, 7 अक्टूबर को एक साल बीत चुका है, इस दिन हम इजरायल के नागरिकों की रक्षा करने के अपने मिशन में विफल रहे थे। अब हम दस दिनों के पश्चाताप में है। 7 अक्टूबर न सिर्फ याद करने का दिन है, बल्कि गहन आत्मनिरीक्षण का भी मौका है। एक साल बीत चुका है, और हमने हमास की सैन्य शाखा को हरा दिया है। हम आतंकी संगठन की आतंकवादी क्षमताओं के खिलाफ लड़ना जारी रखे हुए हैं। हमने हिजबुल्लाह को करार झटका दिया है और उसने अपने सीनियर नेतृत्व को खो दिया है। हम रुके नहीं हैं - हम लड़ते हैं, चर्चा करते हैं, सीखते हैं और सुधार करते हैं। हम सभी मोर्चों पर आक्रामक, सामरिक और सक्रिय दृष्टिकोण अपना रहे हैं, सभी सीमाओं पर अपनी रक्षात्मक रणनीतियों को अपना रहे हैं। हम अपने दुश्मनों की क्षमताओं को नष्ट कर रहे हैं, और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इन क्षमताओं का पुनर्निर्माण न किया जाए, ताकि 7 अक्टूबर की पुनरावृत्ति कभी न हो।

ईरान पर हमले के विकल्प खुले हुए

इस बीच रविवार को इजरायली बलों ने लेबनान और गाजा पट्टी में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर बमबारी की। वहीं, ईरान पर हमले की संभावना भी लगातार बनी हुई है। इजरायल के रक्षा मंत्री ने घोषणा की कि ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के लिए सभी विकल्प खुले हैं, जिसे इजरायल कट्टर दुश्मन मानता है। सालगिरह की पूर्व संध्या पर ईरान ने प्रतिबंध हटाने से पहले नौ घंटे के लिए देश भर में उड़ानें रोक दीं। हालांकि, उसने तुरंत फैसला वापस भी ले लिया। इस बीच हिजबुल्लाह और इजरायल के बीच युद्ध और तेज हो गया है।

हिजबुल्लाह के मिसाइल हमले में कई घायल

हमास के हमले की बरसी की पूर्व संध्या पर रविवार देर रात लॉन्च किए गए हिजबुल्लाह रॉकेटों ने इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम को तोड़ दिया और इजरायल के तीसरे सबसे बड़े शहर हाइफा पर हमला किया जिससे इमारतों को नुकसान पहुंचा। इजरायली मीडिया ने बताया कि रॉकेट हमलों में 10 लोग घायल हो गए। तिबरियास शहर पर भी हमला हुआ। हिजबुल्लाह ने जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि उसने फादी 1 (Fadi 1) मिसाइलों की बौछार से हाइफा के दक्षिण में एक सैन्य स्थल को निशाना बनाया।
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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