बंधकों की रिहाई से लेकर इजरायली सैनिकों की वापसी तक, हमास के साथ हुए सीजफायर में आखिर है क्या
Israel Hamas Ceasefire Deal : यह संघर्षविराम में कैसे लागू होगा और इसमें क्या बातें हैं जिन्हें मानने के लिए इजरायल और हमास तैयार हुए हैं। यह सीजफायर कराने में कतर की बड़ी भूमिका है। कतर के पीएम ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। सीजफायर का पहला चरण छह सप्ताह का है और इसके तीन चरण हैं।
इजरायल और हमास के बीच सीजफायर पर बनी सहमति।
मुख्य बातें
- कतर की राजधानी दोहा में इजरायल और हमास के बीच सीजफायर पर हुई डील
- अगले रविवार से लागू होगा यह सीजफायर, रिहा किए जाएंगे इजरायली बंधक
- इजरायल भी जेलों में बंद राजनीतिक कैदियों को छोड़ेगा, गाजा में पहुंचेगी मदद
Israel Hamas Ceasefire Deal : करीब 15 महीने की भीषण लड़ाई के बाद इजरायल और हमास के बीच सीजफायर हो गया है। यह डील पूरे मध्य पूर्व के लिए बहुत बड़ी राहत लेकर आई है। युद्धग्रस्त इलाके गाजा और फिलिस्तीन के लोगों के चेहरों पर खुशी और मुस्कान देखी जा रही है। लोग जश्न मना रहे हैं। यह सीजफायर कतर की राजधानी दोहा में करीब एक साल तक चली कूटनीतिक बातचीत का नतीजा है। सीजफायर कराने में अमेरिका, कतर और मिस्र की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। इस सीजफायर के लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं जिन्हें दोनों पक्षों इजरायल और हमास ने अपनी सहमति दी है।
सीजफायर डील पर किसने क्या कहा
इस सीजफायर डील पर कतर के प्रधानमंत्री, अमेरिकी राष्ट्रपति, इजरायली पीएम, हमास के नेता सभी के बयान आए हैं। कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी ने कहा कि यह समझौता रविवार से लागू हो जाएगा और इस डील को इजरायल के कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि इस सीजफायर से गाजा में लड़ाई रुकेगी और मानवीय सहायता में तेजी आएगी और युद्ध की वजह से बिछड़े लोग अपने परिवार के साथ दोबारा जुड़ सकेंगे। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इस सीजफायर के अंतिम ब्योरे पर अभी भी काम किया जा रहा है लेकिन इसे आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने बाइडेन को धन्यवाद दिया। वहीं, हमास के नेता खलील अल हाया ने कहा कि यह सीजफायर फिलिस्तीनियों के प्रतिरोध का परिणाम है।
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रविवार से लागू होगा सीजफायर
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक इस सीजफायर की घोषणा होने पर इजरायल और फिलिस्तीन के बंधक परिवार खुशी से झूम उठे। चारो तरफ जश्न मनाया जाने लगा लेकिन गाजा में जमीन पर इसका असर नहीं दिखा। हमास द्वारा चलाई जाने वाली सिविल डिफेंस एजेंसी ने कहा कि कतर से सीजफायर की घोषणा होने के बाद इजरायल की ओर से हवाई हमला हुआ और इसमें 20 से ज्यादा लोग मारे गए। बहरहाल, सीजफायर की घोषणा तो हो गई है। अब हम यहां जानेंगे कि आखिर यह संघर्षविराम में कैसे लागू होगा और इसमें क्या बातें हैं जिन्हें मानने के लिए इजरायल और हमास तैयार हुए हैं। यह सीजफायर कराने में कतर की बड़ी भूमिका है। कतर के पीएम ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। सीजफायर का पहला चरण छह सप्ताह का है। पहले चरण के शुरू होने पर हमास 33 बंधकों जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग हैं, उन्हें रिहा करेगा। जबकि इस रिहाई के बदले में इजरायल अपने जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ेगा।
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गाजा के रिहायशी इलाके से पीछे हटेगी इजरायल की फौज
सीजफायर की शर्तों के मुताबिक इजरायल की फौज गाजा के रिहायशी इलाकों से पीछे पूर्वी इलाके की तरफ आएगी और हमलों की वजह से विस्थापित हुए फिलिस्तीनियों को वापस अपने घर लौटने की इजाजत दी जाएगी। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के राहत सामग्री वाले सैकड़ों ट्रकों को रोजाना गाजा में प्रवेश मिलेगा। इस सीजफायर के कई चरण हैं। दूसरे चरण के लिए दोनों पक्षों में बातचीत सीजफायर लागू होने के 16वें दिन शुरू होगी। इस दूसरे चरण में बाकी बचे बंधकों की रिहाई, गाजा से इजरायली सैनिकों की पूरी तरह से वापसी और इलाके में स्थायी शांति लाने के उपायों पर बातचीत होगी।
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तीसरे और अंतिम चरण में गाजा का पुनर्निमाण शामिल
तीसरे और अंतिम चरण में गाजा का पुनर्निमाण शामिल है। इसमें यह देखा जाएगा कि गाजा को दोबारा कैसे खड़ा किया जा सके। जाहिर है कि गाजा में जिस तरह का नुकसान और तबाही हुई है, उसके पुनर्निमाण में वर्षों लगेंगे। इस तीसरे चरण में यह भी देखा जाएगा कि यदि किसी बंधक का शव रह गया है तो उसे वापस कर दिया जाए।
ट्रंप और बाइडेन दोनों ने लिया श्रेय
इजरायल और हमास के बीच हुए इस सीजफायर का श्रेय अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और राष्ट्रपति जो बाइडेन दोनों ने लिया है।
बाइडेन ने जोर देकर कहा कि यह सौदा मई के अंत में उनके द्वारा निर्धारित योजना की स्पष्ट रूपरेखा के तहत किया गया। जबकि ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा-यह युद्ध विराम समझौता नवंबर में हमारी ऐतिहासिक जीत के परिणामस्वरूप ही संभव हो पाया, क्योंकि हमारी जीत ने पूरी दुनिया को संकेत दिया कि मेरा प्रशासन शांति चाहेगा और सभी अमेरिकियों एवं हमारे सहयोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समझौतों पर बातचीत करेगा। उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि अमेरिकी और इजरायली बंधक लौटकर अपने परिवारों और प्रियजनों से मिलेंगे।’
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मेरे कूटनीतिक प्रयास कभी नहीं रुके-ट्रंप
ट्रंप ने कहा कि दोहा, कतर में वार्ता में हिस्सा लेने वाले उनके नवनिर्वाचित पश्चिम एशिया दूत स्टीव विटकॉफ ‘इजरायल और हमारे सहयोगियों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे।’जबकि बाइडन ने कहा कि ‘इस कार्य को पूरा करने के प्रयासों में मेरे कूटनीतिक प्रयास कभी नहीं रुके।’
उन्होंने कहा, ‘यह न सिर्फ हमास पर पड़ रहे अत्यधिक दबाव और लेबनान में युद्ध विराम तथा ईरान के कमजोर होने के बाद बदले क्षेत्रीय समीकरण का परिणाम है, बल्कि यह दृढ़ एवं मेहनत वाली अमेरिकी कूटनीति का भी फल है।’
सात अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हमास ने किया हमला
बता दें कि हमास ने सात अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर भीषण हमला किया। इन हमलों में 1,200 लोग मारे गए। हमास के लड़ाके करीब 250 लोगों को बंधक बनाकर अपने साथ ले गए। इसके बाद इजरायल ने जवाबी हमले करने शुरू किए। हमास द्वारा फिलिस्तीन में चलाई जाने वाले स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि इजरायल के हमलों में में 46,700 से ज्यादा लोग मारे गए और 23 लाख से ज्यादा फिलिस्तीनी विस्थापित हुए। इजरायल के हमलों की वजह से गाजा में बड़े पैमाने पर विध्वंस हुआ। इन हमलों की वजह से भोजन-पानी, ईंधन, दवा और रोजमर्रा की अन्य जरूरतों की भारी किल्लत हो गई। वहीं, इजरायल का कहना है कि अभी भी 94 बंधक हमास के कब्जे में हैं और वह मानकर चल रहा है कि इनमें से 34 लोग अब जिंदा नहीं हैं। इसके अलावा युद्ध शुरू होने से अगवा किए गए चार इजरायली सैनिक भी हैं, जिनमें से दो की मौत हो गई है। नवंबर 2023 में हुए एक सप्ताह के संघर्ष विराम के दौरान गाजा से 100 से अधिक बंधकों को रिहा किया गया था।
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अब गाजा तक पहुंच पाएगी मानवीय मदद
बहरहाल, इजरायल और हमास के बीच यह सीजफायर उथल-पुथल के दौर से गुजर रहे मध्य पूर्व में स्थिरता और शांति लाने का काम करेगी। इस सीजफायर का भविष्य इस बात पर बहुत निर्भर करेगा कि गाजा पर प्रशासन किसका चलेगा। इजरायल कभी नहीं चाहेगा कि गाजा के नए प्रशासन या व्यवस्था में हमास की कोई भूमिका हो। हमास के आतंकियों एवं लड़ाकों के खिलाफ चलाए जा रहे अपने अभियान में इजरायल किसी तरह की नरमी लाएगा, इसकी उम्मीद कम ही है। फिर भी यह सीजफायर इजरायल खासकर फिलिस्तीन को स्थिर होने का एक बेहद जरूरी मौका देगा। गाजा के लोगों तक मानवीय मदद पहुंचनी जरूरी है। सीजफायर के लागू होने से उन्हें यह मदद मिल पाएगी।
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आलोक कुमार राव author
करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने...और देखें
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