संभल के बाद अब जौनपुर की अटाला मस्जिद पर विवाद: धर्म-इतिहास से जुड़ी हैं हिंदू-मुस्लिम पक्ष के दावों की जड़ें

Atala Mosque Controversy : मुस्लिम पक्ष हिंदू समुदाय के दावों को खारिज कर रहा है। मुस्लिम पक्ष का दावा है कि अटाला मस्जिद में 1476 से नमाज होती आई है। अटाला मस्जिद पर विवाद सरकार ने शुरू किया। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि अटाला मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर को तोड़कर नहीं हुआ है। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे की मांग का विरोध किया था।

Atala Mosque Controversy : संभल की शाही जामा मस्जिद का विवाद अभी थमा नहीं है कि उत्तर प्रदेश की एक और मस्जिद कानूनी सुनवाई के दायरे में आ गई है। जौनपुर के सिविल कोर्ट ने अटाला मस्जिद का सर्वे कराने का आदेश दे दिया है। सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर का स्वरूप कैसा हो, इस पर सुनवाई अब 16 दिसंबर को होगी। सर्वे के आदेश को हिंदू पक्ष इसे अपनी जीत के रूप में ले रहा है। हिंदू पक्ष का दावा है कि मंदिर को तोड़कर अटाला मस्जिद का निर्माण हुआ है। जबकि मुस्लिम पक्ष का दावा है कि किसी मंदिर को तोड़कर अटाला मस्जिद का निर्माण नहीं हुआ है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि सरकार मस्जिद पर विवाद खड़ा करना चाहती है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यहां 14वीं शताब्दी से ही नमाज होती आई है।

क्या है विवाद

दरअसल, स्वराज वाहिनी संगठन ने जौनपुर जिला कोर्ट में मुकदमा दाखिल कर दावा किया है कि मंदिर को तोड़कर अटाला मस्जिद बनवाई गई जिस जगह मस्जिद है, वहां पहले अटला देवी का मंदिर था। हिंदू पक्ष का दावा है कि अटला मंदिर का निर्माण 1155 ई. में राजा विजय चंद्र ने कराया लेकिन फिरोजशाह तुगलक के भाई बरबक ने 1364 ई. में इस मंदिर को तोड़ दिया। फिर इस जगह पर 1377 ई. में अटाला मस्जिद बनवाई गई। संगठन की मांग है कि मस्जिद का सर्वे होने चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।

अगस्त में भी टीम गई थी अटाला मस्जिद

बता दें कि दो अगस्त को भी कोर्ट कमिश्नर की टीम कार्यवाही के लिए अटाला मस्जिद गई थी लेकिन मस्जिद के दरवाजे बंद थे, इसलिए कार्यवाही हो नहीं पाई और टीम को वापस आना पड़ा। हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि हमने मस्जिद का सर्वे कराने की मांग की थी। कोर्ट ने हमारी मांग मान ली है। अब अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी। मुस्लिम पक्ष के लोग न्यायालय में सहयोग करने की बात तो करते हैं लेकिन मौके पर उनका सहयोग दिखाई नहीं देता।

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