पहले सीएम योगी ने सुनाई खरी-खरी, अब केशव मौर्या ने की जेपी नड्डा से मुलाकात, क्या यूपी बीजेपी में सब ठीक है?
नड्डा-मौर्या की यह बैठक कार्यकारिणी की बैठक में उपमुख्यमंत्री के इस बयान के बाद महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि संगठन हमेशा सरकार से बड़ा होता है। इससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या यूपी बीजेपी में सब ठीक चल रहा है।
केशव मौर्या की नड्डा से मुलाकात
Keshav Maurya meets JP Nadda-लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में कमजोर प्रदर्शन के बाद भारतीय जनता पार्टी में अंदरुनी उठापटक तेज होती नजर आ रही है। हाल ही में हुई यूपी भाजपा कार्यकारिणी की बैठक के बाद पार्टी में हलचलें बढ़ गई हैं। बैठक में पार्टी के कमजोर प्रदर्शन की समीक्षा हुई थी और सीएम योगी ने इसमें खरी-खरी बात सामने रखी थी। इस बीच यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात कर कयासों को बढ़ा दिया।
नड्डा से मुलाकात के बाद साधी चुप्पी
भाजपा अध्यक्ष के साथ बैठक के बाद भाजपा मुख्यालय से बाहर निकलते समय मौर्य ने मीडियाकर्मियों के सामने कोई टिप्पणी नहीं की। पार्टी सूत्रों ने बताया कि नड्डा भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी से भी मुलाकात कर सकते हैं। मौर्य की जेपी नड्डा के साथ हुई इस मुलाकात में क्या एंजेडा रहा इस पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि नड्डा के साथ मौर्य की यह बैठक रविवार को प्रदेश की विस्तारित कार्यकारिणी की बैठक में उपमुख्यमंत्री के इस बयान के बाद महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि संगठन हमेशा सरकार से बड़ा होता है। इससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या यूपी बीजेपी में सब ठीक चल रहा है।
योगी ने अति-आत्मविश्वास को बताया हार की वजह
नड्डा ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया था जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में चुनावी हार के लिए अति आत्मविश्वास को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि पार्टी विपक्षी गठबंधन इंडिया के प्रचार अभियान का प्रभावी ढंग से मुकाबला नहीं कर सकी। केशव मौर्य और योगी आदित्यनाथ के बीच रिश्तों में मधुरता कम होने की चर्चा लंबे समय से चल रही है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, निजी बातचीत में राज्य के कई भाजपा नेता, जिनमें लोकसभा चुनाव हारने वाले नेता भी शामिल हैं, मुख्यमंत्री की कार्यशैली की आलोचना करते रहे हैं और इसे अपनी हार के कारणों में से एक बताया है।
चुनाव में बीजेपी को लगा झटका
हाल ही में संपन्न हुए आम चुनावों में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के इंडिया ब्लॉक ने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 43 पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 36 सीटें मिली थीं। एनडीए ने 2019 में 64 सीटें जीती थीं। उपचुनाव के कारण राज्य की 10 विधानसभा सीटों पर राजनीतिक पर्यवेक्षकों को नतीजों का बेसब्री से इंतजार रहेगा।
योगी ने बताई हार की वजह
कार्यकारिणी की बैठक में आदित्यनाथ ने दावा किया कि अति आत्मविश्वास ने इस साल के चुनावों में भाजपा की उम्मीदों को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा पिछले चुनावों के अपने वोट शेयर को बरकरार रखने में कामयाब रही, लेकिन वोटों का ट्रांसफर हुआ, और अब पराजित विपक्ष फिर से उछल-कूद मचा रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 और उसके बाद के चुनावों में बीजेपी के पक्ष में जितने प्रतिशत वोट थे, बीजेपी 2024 में भी उतने ही वोट हासिल करने में सफल रही है, लेकिन वोटों के शिफ्ट होने और अति आत्मविश्वास ने हमारी उम्मीदों को ठेस पहुंचाई है।
नड्डा ने की योगी के काम की तारीफ
बाद में कार्यक्रम में बोलते हुए नड्डा ने योगी आदित्यनाथ के काम की सराहना की। उन्होंने कहा, एक समय था जब लोग कानून और व्यवस्था के मुद्दों के कारण उत्तर प्रदेश छोड़कर दूसरे राज्यों में जा रहे थे। आज माफिया राज खत्म हो गया है। पिछले 10 वर्षों में उत्तर प्रदेश ने बहुत प्रगति की है। राज्य की अर्थव्यवस्था देश में दूसरे स्थान पर है।
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