चोकसी को बेल्जियम से भारत लाने का काम करेगी 125 साल पुरानी प्रत्यर्पण संधि, अंग्रेजों के समय की है यह ट्रीटी
Extradition treaty between India and Belgium : डोमिनिका में गिरफ्तारी के बाद, मेहुल को इलाज के लिए वापस एंटीगुआ वापस भेजा दिया गया। हालांकि, भारत सरकार ने तब भी मेहुल की प्रत्यर्पण की कोशिश की लेकिन उस समय उसे सफलता नहीं मिल पाई। लेकिन इस बार मेहुल की गिरफ्तारी बेल्जियम में हुई है। चूंकि बेल्जियम के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि 125 साल पुरानी है।

बेल्जियम में कैंसर का इलाज करा रहा था चोकसी।
Extradition treaty between India and Belgium : बीते सात साल से फरार चलने वाला भगोड़ा मेहुल चौकसी यूरोपीय देश बेल्जियम में गिरफ्तार हुआ है। बताया जा रहा है कि यह गिरफ्तारी भारत सरकार के अनुरोध पर हुई है। मेहुल ब्लड कैंसर का इलाज कराने बेल्जियम पहुंचा था। अब उसे प्रत्यर्पित कर भारत लाने की तैयारी की जा रही है। 13,000 करोड़ रुपये के पीएनबी बैंक के घोटाले का यह आरोपी इससे पहले 2021 में चर्चा में आया था। 2021 में वह एंटीगुआ से भागकर डोमिनिका पहुंचा था। डोमिनिका में अवैध प्रवेश के आरोप में वह गिरफ्तार हुआ। चोकसी का दावा था कि उसे एंटीगुआ से अगवा किया गया। हालांकि, कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि वह भारत में कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए भागने की कोशिश कर रहा था।
प्रत्यर्पण संधि 125 साल पुरानी है
डोमिनिका में गिरफ्तारी के बाद, मेहुल को इलाज के लिए वापस एंटीगुआ वापस भेजा दिया गया। हालांकि, भारत सरकार ने तब भी मेहुल की प्रत्यर्पण की कोशिश की लेकिन उस समय उसे सफलता नहीं मिल पाई। लेकिन इस बार मेहुल की गिरफ्तारी बेल्जियम में हुई है। चूंकि बेल्जियम के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि 125 साल पुरानी है। इसलिए उम्मीद जगी है। आप सोच रहे होंगे कि भारत को आजाद हुए 79 साल ही हुए तो यह संधि 125 साल पहले कैसे हो गई। तो इसकी वजह भी है। 1901 में ब्रिटेन और बेल्जियम के बीच यह प्रत्यर्पण संधि हुई थी। 1947 में अंग्रेज, भारत को छोड़कर तो चले गए लेकिन यह ट्रीटी आज भी भारत और बेल्जियम के बीच कायम है।
1901 में बेल्जियम के साथ प्रत्यर्पण संधि हुई
दरअसल, भारत पर जब अंग्रेजों का शासन था तो 29 अक्टूबर 1901 में बेल्जियम के साथ एक प्रत्यर्पण संधि हुई। आगे इस संधि में 1907, 1911 और 1958 में संशोधन हुए। आजादी के बाद 1954 में भारत और बेल्जियम ने एक्सचेंज ऑफ लेटर के जरिए इस प्रत्यर्पण संधि को जारी रखने पर सहमत हुए। इस संधि में कहा गया है कि गंभीर अपराध के आरोपी यदि एक-दूसरे की जमीन पर मिले तो दोनों देश इन आरोपियों को एक दूसरे को प्रत्यर्पित करेंगे। इस ट्रीटी के तहत हत्या, जघन्य हत्या, धोखाधड़ी, नकली करेंसी, रेप, फिरौती, ड्रग तस्करी जैसे गंभीर अपराधों का सामना करने वाले आरोपियों को प्रत्यर्पित करने का प्रावधान है।
भारत ने प्रत्यर्पण का औपचारिक अनुरोध किया
रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि मेहुल को भारत लाने के लिए भारत सरकार इसी ट्रीटी को आधार बना रही है। यह जानकारी मिलने पर कि मेहुल बेल्जियम में इलाज कर रहा है, इस देश में उसकी मौजूदगी को देखते हुए भारत सरकार ने अगस्त 2024 में उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था। अब चूंकि, चोकसी गिरफ्तार हो गया है तो उसे प्रत्यर्पित करने के लिए भारत ने औपचारिक अनुरोध किया है। उसे भारत लाने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। प्रत्यर्पण के लिए जरूरी दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं। भारतीय कानूनी एजेंसियां इस बार चोकसी पर चूकना नहीं चाहतीं। डोमिनिका में हाथ जला चुकी ईडी इस बार फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।
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कौन है मेहुल चौकसी?
हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक के साथ 13 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। कुछ समय पहले ही उसके खिलाफ इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस को हटा दिया गया था और तभी से भारतीय एजेंसियां उसे प्रत्यर्पण के माध्यम से भारत लाने के प्रयास में लगी हैं। मामला उजागर होने से पहले वह भारत से फरार हो गया। वह पहले अमेरिका गया और फिर वहां से कैरेबियाई देश एंटीगुआ पहुंचा। उसने एंटीगुआ की नागरिकता हासिल कर ली और 2018 में वहीं बस गया। इस बीच रेड कॉर्नर नोटिस हटने के बाद मेहुल और उसकी पत्नी प्रीति के एंटीगुआ से बेल्जियम पहुंचने की खबरें आईं। बताया जा रहा है कि चोकसी एंटवर्प में रक्त कैंसर का इलाज करवा रहा है। मेहुल ने बेल्जियम में इलाज के दौरान पत्नी की मदद से एफ-रेजिडेंसी कार्ड हासिल किया। चर्चा यह भी है कि वह यहां से स्विटजरलैंड जाना चाहता था लेकिन उसकी गिरफ्तारी हो गई।
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