क्या है वो विवाद जिसके कारण EVM फिर से हो रहा बदनाम, समझिए मुंबई पुलिस के FIR से लेकर चुनाव आयोग के दावों की पूरी कहानी

EVM Tampering New Controversy: एक खबर में दावा किया गया है कि मुंबई उत्तर-पश्चिम के सांसद रवींद्र वायकर के रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर ने गोरेगांव के नेस्को में मतगणना केंद्र के अंदर एक मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर ‘‘एक ओटीपी जेनरेट किया, जिससे ईवीएम अनलॉक हो गई।’’ जिसे लेकर मुंबई पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।

ईवीएम टेम्परिंग का विवाद फिर से गहराया

EVM Tampering New Controversy: मुंबई से ईवीएम में टेम्परिंग के लेकर एक नया विवाद उठ खड़ा है। इस बार विवाद एक एफआईआर से पैदा हुआ है, जिसके कारण ईवीएम को फिर बदनाम होना पड़ रहा है। दरअसल यह लड़ाई शिवसेना बनाम शिवसेना की है। मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट पर एनडीए की ओर से शिवसेना (शिंदे गुट) और शिवसेना (उद्धव गुट) के बीच लड़ाई थी। उद्धव गुट की ओर से अमोल कीर्तिकर मैदान में थे और शिंदे गुट से रवीन्द्र वायकर। लोकसभा चुनाव के लिए जब मतों की गिनती हुई तो पहले दौर में उद्धव गुट के अमोल कीर्तिकर एक वोट से आगे थे, इसके बाद जब दोबारा गणना तो हुई तो रवींद्र वायकर को विजेता घोषित किया गया। यहीं से इस विवाद की शुरुआत हुई। उद्धव गुट की ओर से मतों में हेरफेर का आरोप लगाया जाने लगा। इसके बाद मुंबई पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज की, जिससे नई विवाद को हवा मिलने लगी। इसके बाद चुनाव आयोग से लेकर मुंबई पुलिस तक इस मामले पर सफाई दे चुकी है।

मुंबई पुलिस की एफआईआर में क्या

एक अखबार की खबर में दावा किया गया है कि मुंबई उत्तर-पश्चिम के सांसद रवींद्र वायकर के रिश्तेदार मंगेश पंडिलकर ने गोरेगांव के नेस्को में मतगणना केंद्र के अंदर एक मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर ‘‘एक ओटीपी जेनरेट किया, जिससे ईवीएम अनलॉक हो गई।’’ जिसे लेकर मुंबई पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। इस खबर के बाद जब विपक्ष हमलावर हुआ तो पुलिस सामने आई इसे फेक खबर बताया दिया। पुलिस की ओर से कहा गया कि वनराई पुलिस ने वायकर के रिश्तेदार पंडिलकर के खिलाफ बुधवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (आधिकारिक आदेश की अवज्ञा) के तहत मामला दर्ज किया था। पंडिलकर पर आरोप है कि उन्होंने 4 जून को आम चुनाव के नतीजों की घोषणा के समय गोरेगांव स्थित मतगणना केंद्र पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था। जोगेश्वरी विधानसभा क्षेत्र के मतदान अधिकारी दिनेश गुरव के खिलाफ भी पुलिस ने मामला दर्ज किया है। गुरव का मोबाइल फोन मतगणना के दिन एक अनधिकृत व्यक्ति के पास पाया गया था। मतलब ईवीएम में छेड़छाड़ को लेकर कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है, फोन ले जाने को लेकर मामला दर्ज हुआ है।

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