Cyclone Biparjoy चक्रवात का नाम कैसे पड़ा 'बिपरजॉय', जानिए किस देश ने दिया यह नाम
Cyclone Biparjoy : चक्रवात के नाम दिलचस्प होते हैं। इनका नामकरण अलग-अलग देश करते हैं। इस बार इस चक्रवात का नामकरण बांग्लादेश ने किया है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) के मुताबिक प्रत्येक चक्रवात संगठन की ओर से दिए गए वर्णानुक्रम नाम से पहचाना जाता है।
अरब सागर से उठा है चक्रवात 'बिपरजॉय'।
Cyclone Biparjoy : अरब सागर से उठा चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’प्रचंड रूप ले चुका है। मौसम विभाग का कहना है कि यह 15 जून को गुजरात के कच्छ तट पहुंच सकता है लेकिन इसका असर अभी से दिखने लगा है। मुंबई एवं गुजरात के समुद्र में ज्वार उठने शुरू हो गए हैं। चक्रवात के प्रभाव से निपटने के लिए सरकार की एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। गुजरात के कच्छ में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की जा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को चक्रवात पर समीक्षा बैठक करेंगे।
किसने दिया 'बिपरजॉय' नाम?
चक्रवात के नाम दिलचस्प होते हैं। इनका नामकरण अलग-अलग देश करते हैं। इस बार इस चक्रवात का नामकरण बांग्लादेश ने किया है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) के मुताबिक प्रत्येक चक्रवात संगठन की ओर से दिए गए वर्णानुक्रम नाम से पहचाना जाता है। ये नाम सदस्य देशों की ओर दिए जाते हैं। इस बार चक्रवात का नाम देने की जिम्मेदारी बांग्लादेश की थी।
चक्रवात को नाम क्यों दिया जाता है?
विश्व मौसम विभाग संगठन के अनुसार उष्णकटिबंधीय क्षेत्र से उठने वाले चक्रवात की अवधि एक सप्ताह या उससे ज्यादा होती है। ऐसे में एक समय में एक से ज्यादा चक्रवात भी उठ सकते हैं। ऐसे में चक्रवातों के बारे में की जाने वाली भविष्यवाणी या अनुमान को लेकर किसी तरह की भ्रम की स्थिति न उत्पन्न हो, इससे बचने के लिए चक्रवातों का नामकरण किया जाता है।
चक्रवातों का नामकरण कैसे होता है?
सामान्य तौर पर उष्णकटिबंधीय क्षेत्र से उठने वाले चक्रवातों का नामकरण स्थानीय स्तर के नियमों के मुताबिक किया जाता है। अटलांटिक और दक्षिणी गोलार्ध में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नाम वर्णानुक्रम के अनुसार होते हैं। महिलाओं एवं पुरुषों के नाम पर भी चक्रवातों का नामकरण होता आया है। प्रत्येक उष्णकटिबंधीय चक्रवात बेसिन के लिए कौन से नाम उपयुक्त हैं, इसे देखते हुए डब्ल्यूएमओ नामों की सूची में फेरबदल करता है।
कच्छ में एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की तैनाती
प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ के 15 जून को कच्छ जिले में पहुंचने की संभावना के मद्देनजर गुजरात सरकार राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) एवं राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के दलों को तटीय इलाकों में तैनात कर रही है तथा छह जिलों में आश्रय केंद्र स्थापित करेगी। एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि 13 से 15 जून के बीच भारी बारिश होने और 150 किलोमीटर (किमी) प्रति घंटा की रफ्तार तक हवा बहने से कच्छ, जामनगर, मोरबी, गिर सोमनाथ, पोरबंदर, और देवभूमि द्वारका जिलों के चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना है।
द्वारका में 1,300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
प्रधानमंत्री मोदी चक्रवाती तूफान बिपोरजॉय से संबंधित हालात की समीक्षा के लिए आज एक बैठक बुलाएंगे। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि बिपोरजॉय के बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में सौराष्ट्र-कच्छ के तटीय क्षेत्र में दस्तक देने की संभावना है। इसके मद्देनजर गुजरात के उत्तरी और दक्षिणी तटीय क्षेत्रों में मछली पकड़ने संबंधी गतिविधियों पर रोक लगा दी गयी है और इन जिलों से लोगों को निकाला जा रहा है। देवभूमि द्वारका में अधिकारियों ने बताया कि अब तक करीब 1,300 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
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