What Is Postal Ballot: क्या है पोस्टल बैलेट, जिसमें हारी बाजी भी पलट सकता है उम्मीदवार, जानिए कैसे होता है इसका इस्तेमाल
What Is Postal Ballot: पोस्टल बैलेट, मतलब डाक के जरिए मतदान, जिसे डाक मतपत्र भी कहा जाता है। भारत के संविधान के अनुसार कुछ लोगों को डाक से मतदान करने का अधिकार है।
क्या है पोस्टल बैलेट
What Is Postal Ballot: भारत में चुनाव भले ही इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के जरिए होता है, लेकिन आज भी कुछ खास लोगों को पोस्टल बैलेट के जरिए वोटिंग करने की अनुमति है। हाल के दिनों में पोस्टल बैलेट से मतदान काफी चर्चाओं में रहा है और इसे लेकर भी विवाद रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान तो कई विधायकों की जीत में पोस्टल बैलेट की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। विपक्ष का दावा था कि ईवीएम से जीत रहा उम्मीदवार, पोस्टल बैलेट के कारण हार गया था। आइए समझते हैं क्या है पोस्टल बैलेट
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पोस्टल बैलेट क्या है (What is Postal Ballot)
पोस्टल बैलेट, मतलब डाक के जरिए मतदान, जिसे डाक मतपत्र भी कहा जाता है। भारत के संविधान के अनुसार कुछ लोगों को डाक से मतदान करने का अधिकार है। पोस्टल बैलेट मतदान का एक तरीका है, जिसमें मतदाता मतदान केंद्र पर व्यक्तिगत रूप से जाने के बजाय डाक द्वारा अपना मत डालते हैं।
कौन कर सकता है पोस्टल बैलेट का प्रयोग (Who is Eligible for Postal Ballot)
भारत में केवल कुछ श्रेणियों के लोग ही डाक मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने के पात्र हैं। सशस्त्र बलों और राज्य पुलिस में काम करने वाले लोगों के साथ-साथ उनकी पत्नियां और भारत सरकार के लिए काम करने वाले कर्मचारी जो आधिकारिक तौर पर विदेश में तैनात हैं, डाक वोट के लिए पंजीकरण कर सकते हैं, इन्हें सेवा मतदाता भी कहा जाता है। इसके अतिरिक्त, नजरबंदी में रखे गए लोग, विकलांग और 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग भी डाक मत का उपयोग कर सकते हैं। कैदी इसके जरिए बिल्कुल भी मतदान नहीं कर सकते। मीडियाकर्मियों को भी अपना वोट डालने के लिए डाक मतपत्र का उपयोग करने की अनुमति दी गई है।
कैसे होता है भारत में पोस्टल बैलेट से वोटिंग (Process of Postal Voting)
भारत में पोस्टल बैलेट केवल भारतीय चुनाव आयोग की इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट पेपर्स (ETPB) प्रणाली के जरिए किया जाता है। पोस्टल बैलेट के आवेदन के लिए, पात्र मतदाताओं को अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर के पास एक आवेदन जमा करना होगा। आवेदन पत्र में व्यक्तिगत विवरण, मतदाता पहचान जानकारी और डाक मतपत्र मांगने का कारण लिखना जरूरी होता है। आरओ आवेदक की पात्रता की पुष्टि करता है और मानदंड पूरा होने पर डाक मतपत्र जारी करता है। एक बार आवेदन स्वीकृत हो जाने के बाद, आरओ मतदाता के पंजीकृत पते पर डाक मतपत्र भेजता है। इसमें में आम तौर पर एक मतपत्र, एक घोषणा पत्र और एक प्री-पेड रिटर्न लिफाफा शामिल होता है। जिसे भरकर मतदाता वापस प्री-पेड रिटर्न लिफाफे के जरिए वापस आरओ के पास भेज देता है।
पोस्टल बैलेट की गिनती (Counting Of Postal Ballots)
संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में जब वोटिंग हो जाती है और मतों की गिनती की जाती है, उसी समय पोस्टल बैलेट से आए मतों की भी गिनती होती है। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से प्राप्त हुए वोटों की गिनती से पहले डाक वोटों की गिनती की जाती है।
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