बढ़ने वाली हैं लालू यादव और तेजस्वी की मुश्किलें? राजद से नेताओं का हो रहा 'मोहभंग', समझिए 3 कारण

Bihar Politics: लालू यादव की पार्टी राजद के विधायकों की संख्या विधानसभा में लगातार कम हो रही है। पाला बदलने का सिलसिला लगातार जारी है, अगले साल सूबे में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में नेताओं का अपनी पार्टी से मोहभंग होता नजर आ रहा है। आपको इसकी तीन ठोस वजह समझनी चाहिए।

क्या लालू यादव के साथ होने वाला है कोई बड़ा खेला?

RJD in Trouble in Bihar: बिहार की सियासत समझ पाना हर किसी के वश की बात नहीं है। कब किसके पांव के नीचे से जमीन खिसकने वाली है, कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता है। यही वजह है कि इन दिनों पाला बदलने का खेल जोर-शोर से चल रहा है। राजनीति में कोई किसी को सगा नहीं होता, अपने भाई और भतीजे दगा करने से पहले एक दफा भी विचार नहीं करते हैं। वैसे भी बिहार के नेताओं की तो बात ही निराली है, यहां सुबह तक यूपीए की सरकार रहती है और शाम होते-होते नीतीश पाला बदल लेते हैं और अगली सुबह एनडीए की सरकार बन जाती है। वैसे इन दिनों लालू खेमे की हालत थोड़ी ढ़ीली लग रही है।

क्या लालू यादव और बेटे तेजस्वी के साथ होगा खेला?

कुछ सियासी दिग्गज एक ओर ये दावा कर रहे हैं कि लालू के बेटे तेजस्वी यादव ही बिहार के भविष्य हैं, तो दूसरी तरफ तेजस्वी और उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं की नाराजगी लालू के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। एक के बाद एक कई दिग्गज नेताओं का राजद से मोहभंग होता नजर आ रहा है। लालू के नेताओं की बगावत उनकी मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। आपको समझाते हैं कि आखिर राजद से पार्टी नेताओं का मोह क्यों भंग हो रहा है।

लालू यादव।

तस्वीर साभार : PTI

»पहली वजह: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे

बीचे लोकसभा चुनाव के नतीजों में भले ही विपक्षी दलों के गठबंधन ने बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन 23 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने वाली लालू की राजद को महज 4 सीटों पर जीत नसीब हुई। राजद के जीत का स्ट्राइक रेट महज 17 फीसदी रहा। कहीं न कहीं, ये पार्टी के लिए चिंता का विषय है। जबकि कांग्रेस ने 9 सीटों पर चुनाव लड़ा और 3 सीटों पर जीत दर्ज की, उसकी जीत का स्ट्राइक रेट 33 फीसदी रहा। ऐसे में पार्टी नेताओं में राजद को लेकर भारी असंतोष पनप रहा है।
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