कभी दोस्त, कभी दुश्मन... सियासी जंग में फिर आमने सामने लालू यादव और नीतीश कुमार

Lalu Vs Nitish: नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव बिहार की सियासत के दोनों दिग्गज एक बार फिर आमने-सामने हैं। कहा जाता है कि लालू दुश्मनी भी बड़े प्यार से निभाते हैं और नीतीश तो मौसम की तरह बदल जाते हैं। नीतीश एक दफा फिर लालू के साथ से आजिज आ गए और पीछा छुड़ाकर भाजपा के साथ जाना चाहते हैं।

Nitish Kumar Lalu Yadav

नीतीश और लालू, दोस्ती और दुश्मनी।

Bihar Political Drama: बिहार की सियासत के सारे दांव-पेंच दो नेताओं के ईर्द-गिर्द ही घूमते हैं। दोनों कभी एक-दूसरे के जिगरी दोस्त हुआ करते थे, फिर सियासी दुश्मन बने, फिर दोस्ती हुई, फिर दुश्मनी, फिर दोस्ती और अब फिर दोनों आमने-सामने आ चुके हैं। समझना मुश्किल नहीं है कि यहां बात लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की हो रही है।

लालू यादव और नीतीश फिर आमने-सामने

ऐसा तो हो ही नहीं सकता कि बिहार की सियासत का जिक्र हो और लालू यादव और नीतीश कुमार के बिना कहानी पूरी हो जाए। सीएम नीतीश ने एक बार फिर पाला बदलने का मन बना लिया है। लालू की आरजेडी का साथ उनको रास नहीं आ रहा, तभी वो फिर भाजपा का दामन थामकर मुख्यमंत्री बने रहने के लिए खिचड़ी पका रहे हैं, मगर क्या किसी को इस बात पर यकीन हो पाएगा कि इस सियासी उठापटक के बीच लालू शांति से बैठे रहेंगे। नहीं अब लालू ने भी नीतीश के दो-दो हाथ करने के लिए अपनी कमर कस ली है।

नीतीश के खिलाफ लालू ने कसी कमर

सूत्रों के हवाले से जानकारी के मुताबिक अब लालू यादव ने बिहार के सियासी संग्राम के बीच मोर्चा संभाल लिया है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) बहुमत जुटाने में जुट गई है। खुद लालू ने अपने कंधों पर ये जिम्मा उठा लिया है। लालू यादव के संपर्क में RJD, कांग्रेस और वाम दलों के विधायक बने हुए हैं। लालू ने सभी को अलर्ट कर दिया है।

तो क्या नीतीश को सबक सिखाएंगे लालू?

नीतीश कुमार कभी भाजपा के साथ चले जाते हैं तो कभी आरजेडी के साथ आ जाते हैं। आने जाने का सिलसिला इतना आम हो चुका है कि सियासत में दिलचस्पी रखने वालों को नीतीश के पलटी मारने से अब जरा भी हैरानी नहीं होती है। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के हर कदम पर लालू-तेजस्वी ने नजर बनाए रखी है। इस बार लालू इस कोशिश में हैं कि बार-बार पलटी मारकर नीतीश जैसे सीएम की कुर्सी पर बने रहते हैं, इस बार उन्हें झटका दिया जाए। यही वजह है कि आरजेडी ने भी जोड़-तोड़ शुरू कर दी है।

RJD के संपर्क में JDU के कई विधायक

बताया जा रहा है कि लालू-नीतीश के बीच आज कोई बातचीत नहीं हुई। बृहस्पतिवार को दो बार लालू यादव से सीएम नीतीश की बात हुई थी। दावा ये भी किया जा रहा है कि JDU के कई विधायक RJD के संपर्क में हैं। अगर नीतीश कुमार गठबंधन से अलग होंगे तो RJD बहुमत के आधार पर विधायकों की परेड करा सकती है।

तो क्या मांझी के बेटे बनेंगें बिहार के डिप्टी सीएम?

बिहार में जोड़-तोड़ की सियासत इस कदर तेज हो चुकी है कि एक बार फिर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संस्थापक जीतनराम मांझी की पांचों उंगली घी में डूबी नजर आ रही है। कहा जा रहा है कि RJD मांझी के बेटे को डिप्टी सीएम बनाने तक के लिए तैयार है। RJD ये दावा कर रही है कि उसके पास बहुमत से ज्यादा संख्या बल है।
हालांकि मांझी को आरजेडी के तरफ से मिले ऑफर पर हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने जवाब दिया है कि मांझी जी को कोई ऑफर नहीं मिला है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा एनडीए के साथ है और रहेगा।
कहा जाता है कि लालू दुश्मनी भी बड़े प्यार से निभाते हैं और नीतीश तो मौसम की तरह बदल जाते हैं। नीतीश एक दफा फिर लालू के साथ से आजिज आ गए और पीछा छुड़ाकर भाजपा के साथ जाना चाहते हैं। अब ये देखना अहम होगा कि कॉलेज के दिनों से नीतीश कुमार और लालू यादव की दोस्ती, फिर सियासी दुश्मनी की इस लड़ाई में किसको जीत हासिल होती है। नीतीश बिहार के सीएम बने रहते हैं या लालू यादव उनके साथ कोई बड़ा खेला कर देते हैं।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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