कैसे संसद की सुरक्षा में हुई चूक? मुख्य साजिशकर्ता ललित झा गिरफ्तार, जानें पूरा घटनाक्रम
Lapse in Parliament Security : संसद की सुरक्षा में चूक मामले में चार आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है। मुख्य साजिशकर्ता ललित झा को पुलिस ने दबोच लिया है। पहले गिरफ्तार किये चार लोगों को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
चार आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज।
Parliament News: संसद की सुरक्षा में चूक के मामले में दिल्ली पुलिस ने आतंकवाद निरोधक कानून (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। घटना के मुख्य साजिशकर्ता माने जा रहे ललित झा को पकड़ने के लिए कई स्थानों पर दबिश दी। आखिरकार वो गिरफ्तार हो ही गया।वहीं अदालत ने पहले गिरफ्तार किये गए चार लोगों को बृहस्पतिवार को सात दिन के लिए दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेज दिया है।
थाने पहुंचकर ललित ने किया सरेंडर
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने ये जानकारी साझा की है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना का मुख्य आरोपी ललित झा गिरफ्तार हो गया है। महेश नाम के शख्स के साथ आरोपी ललित झा खुद कर्तव्य पथ थाने पहुंचा और सरेंडर कर दिया। नई दिल्ली जिला पुलिस ने उसे स्पेशल सेल को सौंप दिया है।
किसी आतंकी समूह से आरोपियों के संबंध नहीं
यूएपीए के तहत दर्ज मामले गैर जमानती होते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों को अब तक किसी भी आतंकी समूह के साथ आरोपियों के संबंध नहीं मिले हैं। सूत्रों ने कहा कि जांच के दौरान दो और लोगों की भूमिका भी सामने आई है तथा सभी आरोपियों ने सुनियोजित साजिश के तहत सबकुछ किया। विशाल शर्मा उर्फ विक्की अब भी हिरासत में है। आरोपी संसद पहुंचने से पहले गुरुग्राम में उसके घर पर ही रुके थे। गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों-सागर शर्मा (26), मनोरंजन डी (34), अमोल शिंदे (25) और नीलम देवी (37) की चिकित्सीय जांच आधी रात को राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों की एक टीम ने की।
इन धाराओं के तहत दर्ज किए गए हैं मामले
पुलिस सूत्रों ने बताया कि संसद मार्ग थाने में यूएपीए की धारा 16 (आतंकवादी कृत्य) और 18 (साजिश आदि) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 452 (अनधिकार प्रवेश), 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना), 186 (लोकसेवक के सार्वजनिक कार्य निर्वहन में बाधा पहुंचाना) और 353 (लोकसेवक को उसके कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आरोपियों ने पीली गैस उड़ाते हुए की नारेबाजी
चारों आरोपियों से डिप्लोमेटिक सिक्यूरिटी फोर्सेज़ (डीएसएफ) के चाणक्यपुरी स्थित कार्यालय में पूछताछ की गई। शुरुआत में, नीलम और अमोल को संसद मार्ग थाने ले जाया गया और बाद में, उन्हें डीएसएफ कार्यालय ले जाया गया। सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए और उन्होंने 'केन' से पीली गैस उड़ाते हुए नारेबाजी की। हालांकि, सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया। लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम ने केन से लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए "तानाशाही नहीं चलेगी" आदि नारे लगाए।
संसद पर हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन की घटना
सुरक्षा में चूक की यह घटना 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले की बरसी के दिन हुई। इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विशेष प्रकोष्ठ की जांच में दो संगठनों के नाम भी सामने आए हैं और उनकी भूमिका की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी आरोपी जांच टीम को एक ही जवाब दे रहे हैं। अधिकारी ने कहा, "ऐसा लगता है कि उन्होंने पहले से ही तैयारी कर रखी थी कि पकड़े जाने पर पुलिस उनसे पूछताछ करेगी तो उन्हें क्या जवाब देना है।" बुधवार की घटना को लेकर आठ सुरक्षाकर्मियों को आज निलंबित कर दिया गया।
ललित को पकड़ने के पुलिस ने की छापेमारीगिरफ्तारी से पहले अधिकारियों ने बताया था कि दिल्ली पुलिस ललित को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है, जो पेशे से शिक्षक है और उसे सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना का मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है। ललित और अन्य आरोपी क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह से प्रभावित थे तथा ऐसा कृत्य करना चाहते थे जिससे देश का ध्यान उन पर जाए। ललित कोलकाता का निवासी है। उन्होंने बताया था कि सभी छह लोग सोशल मीडिया से संपर्क में आए थे और फिर फेसबुक पर भगत सिंह ‘फैन पेज’ से जुड़े थे। ललित, सागर और मनोरंजन करीब एक साल पहले मैसूर में मिले थे, जहां उन्होंने संसद में घुसने की साजिश रची थी। बाद में, उन्होंने नीलम और अमोल को भी साजिश में शामिल कर लिया। अधिकारी ने कहा कि ललित ने अगुवाई की और मनोरंजन को मानसून सत्र के दौरान संसद के सभी प्रवेश द्वारों की रेकी करने (टोह लेने) का निर्देश दिया।
कहां मिली आरोपी ललित की आखिरी लोकेशन?
अधिकारी ने कहा, "जुलाई में मनोरंजन दिल्ली आया और एक सांसद के नाम पर जारी आंगतुक पास से संसद के अंदर गया। वहां उसे पता चला कि जूतों की तलाशी नहीं होती है।" ललित चार अन्य लोगों के साथ बुधवार को संसद पहुंचा। जब उन्हें केवल दो पास मिले, तो ललित ने उन चारों - सागर, मनोरंजन, नीलम और अमोल के मोबाइल फोन अपने साथ ले जाने का फैसला किया। संसद परिसर के अंदर और बाहर जिन कैन से रंगीन धुआं फैलाया गया था, उन्हें अमोल महाराष्ट्र के कल्याण से लाया था। ललित की आखिरी लोकेशन राजस्थान-हरियाणा सीमा पर नीमराणा में मिली थी। पुलिस ने पहले कहा था कि सभी पांचों 10 दिसंबर को एकत्र हुए थे और गुरुग्राम में विशाल शर्मा के आवास पर रुके थे।
पुलिस ने बुधवार को कहा था कि आरोपियों ने सुनियोजित, समन्वित, सावधानीपूर्वक रची गई साजिश के जरिए संसद की सुरक्षा में सेंध लगाई। अधिकारियों के मुताबिक, 'पूछताछ में अमोल ने बताया कि वे किसान आंदोलन, मणिपुर संकट, बेरोजगारी जैसे मुद्दों से परेशान थे, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया।' उन्होंने बताया कि 'उनकी विचारधारा एक थी और इसलिए उन्होंने सरकार को संदेश देने का फैसला किया।'
संसद की सुरक्षा में चूक, जानें पूरा घटनाक्रम
- वर्ष 2022 में, ललित झा, 26 वर्षीय सागर शर्मा और 34 वर्षीय मनोरंजन डी, मैसूरु में मिले, जहां उन्होंने देश का ध्यान आकर्षित करने के लिए संसद में घुसने की साजिश रची। बाद में नीलम और अमोल इस साजिश में शामिल हो गये।
- चार साल तक सोशल मीडिया पर एक-दूसरे के संपर्क में रहने के बाद ये पांचों फेसबुक पर भगत सिंह फैन पेज से जुड़े। कथित मुख्य साजिशकर्ता ललित झा के निर्देश पर मनोरंजन ने इस साल जुलाई में मानसून सत्र के दौरान संसद भवन की रेकी की और इस बात पर गौर किया कि आगंतुकों के जूतों की जांच नहीं की जा रही।
- ये पांचों रविवार को गुरुग्राम निवासी विशाल शर्मा के घर पर एकत्र हुए और मंगलवार तक वहीं रहे। बुधवार सुबह पांचों संसद भवन के लिए रवाना हुए। मनोरंजन ने मैसूर-कोडागु के सांसद प्रताप सिम्हा के जरिये दर्शक दीघा के पास हासिल किये। सागर और मनोरंजन नये संसद भवन में प्रवेश कर दर्शक दीर्घा तक पहुंचे।
- दोपहर लगभग एक बजे सागर दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गया। मनोरंजन ने भी कूदने की कोशिश की और उसे दर्शक दीर्घा की रेलिंग से लटकते हुए देखा गया। उन्होंने अपने जूतों में छिपाकर रखे गए ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। सदन में सांसदों ने उन्हें पकड़कर उनकी पिटाई की और सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया।
- लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर नीलम और अमोल ने ‘केन’ से पीले और लाल रंग का धुआं छोड़ा और नारे लगाए। उनके साथ मौजूद ललित ने एक वीडियो शूट किया जिसे बाद में इंस्टाग्राम पर साझा किया गया। नीलम और अमोल को पुलिसकर्मियों ने पकड़ लिया, जबकि ललित उन्हें चकमा देने में कामयाब रहा।
- सागर, मनोरंजन, नीलम और अमोल को संसद मार्ग थाने ले जाया गया जहां जांचकर्ताओं ने उनसे पूछताछ की। दिल्ली पुलिस का विशेष प्रकोष्ठ जांच में शामिल हुआ। विशाल और उसकी पत्नी को भी पुलिस ने गुरुग्राम से हिरासत में ले लिया।
- सागर, मनोरंजन, नीलम और अमोल को दिल्ली पुलिस ने कई घंटे तक पूछताछ करने के बाद गिरफ्तार कर लिया। इन सभी के खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।
- आतंकवाद रोधी इकाई का विशेष प्रकोष्ठ सुरक्षा चूक की जांच कर रहा है और फरार ललित को पकड़ने का प्रयास कर रहा है। चारों को शहर की एक अदालत में पेश किया जा सकता है।
- दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने ये जानकारी साझा की है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना का मुख्य आरोपी ललित झा गिरफ्तार हो गया है।
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