लेबनान में तबाही के पीछे कौन? पेजर, वॉकी-टॉकी के बाद सोलर सिस्टम में कैसे हो रहा ब्लास्ट, किसने की 'हिजबुल्लाह' की टेक्नोलॉजी में घुसपैठ
Lebanon Pager and Walkie-Talkies Explosion: हिज्बुल्लाह के लिए पेजर और वॉकी-टॉकी लेबनान में मोबाइल फोन नेटवर्क की इजराइली निगरानी से बचने का भी साधन है। जिन पेजर्स और वॉकी-टॉकी में ब्लास्ट हुआ, उनकी बैटरी 85 दिन तक चल सकती है। यह लेबनान के लिए जरूरी हैं, क्योंकि यहां बिजली कटौती आम हो गई है। इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने इसी कमजोरी का फायदा उठाया और पेजर्स की बैटरी को निशाना बनाया।
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लेबनान में फिर धमाके।
Lebanon Pager and Walkie-Talkies Explosion: हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जो टेक्नोलॉजी से संचालित होती है। टेक्नोलॉजी ने हमारे जीवन को आसान बनाया है, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कम्यूनिकेशन डिवाइसेस, गैजेट्स कभी-कभी सुसाइड बम में भी तब्दील हो सकते हैं, इसका मजमून लेबनान में दिख रहा है। जहां हिजबुल्लाह के कम्यूनिकेशन सिस्टम में बड़ी घुसपैठ हुई है। एक दिन पहले लेबनान में हिजबुल्लाह लड़ाकों के पेजर्स में विस्फोट हुए। इसमें करीब नौ लोगों की मौत हुई और 4000 से ज्यादा लोग घायल हो गए। अब हिजबुल्लाह लड़ाकों के द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले वॉकी-टॉकी में भी विस्फोट हुए हैं।
बुधवार को बेरूत और दक्षिणी लेबनान में कई जगह धमाके रिपोर्ट किए गए। खबर है कि वॉकी-टॉकी सिस्टम गर्म होकर एक सुसाइड बम में तब्दील हो गए और फटने लगे। इन धमाकों में अब तक 9 लोग मारे जा चुके हैं और सैकड़ों घायल हैं। इतना ही नहीं लेबनान में हिजबुल्लाह अधिकारियों ने फिंगरप्रिंट मशीनों और सोलर सिस्टम में भी ब्लास्ट की सूचना दी है। अब सवाल यह उठता है कि ये ब्लास्ट कैसे हो रहे हैं? इसके पीछे कौन है? क्या इसके पीछे इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ है? अगर हां, तो मोसाद ने हिजबुल्लाह के कम्यूनिकेशन डिवाइसेस में घुसपैठ कैसे की? आइए जानते हैं...
पहले पेजर्स में ब्लास्ट
लेबनान में मंगलवार को कई सीरियल ब्लास्ट हुए। ये ब्लास्ट हिजबुल्लाह लड़ाकों के द्वारा संचार के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पेजर्स डिवाइसेस में हुए। रिपोर्ट्स में कहा गया कि पेजर्स में रिंग बजी, जिसके बाद ये गर्म होकर अपने आप ही फट गए। इन धमाकों में 8 लोगों की मौत हो गई और 4000 से ज्यादा लोग घायल हुए। धमाकों के बाद लेबनान ने इजरायली सेना पर इन पेजर की बैटरियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया।बता दें, हिज्बुल्ला के लिए पेजर लेबनान में मोबाइल फोन नेटवर्क की इजराइली निगरानी से बचने का भी साधन है।
अब वॉकी-टॉकी में हुआ विस्फोट
पेजर्स में ब्लास्ट के बाद हिजबुल्लाह के शीर्ष नेताओं ने अपने लड़ाकों को वॉकी-टॉकी के इस्तेमाल की हिदायद दी। हालांकि, ठीक एक दिन बाद वॉकी-टॉकी भी फटने लगे। बेरूत और दक्षिणी लेबनान में कई जगहों पर विस्फोट की खबरें आईं। रिपोर्ट्स में कहा गया कि कुछ धमाके उन जगहों पर भी हुए जहां पेजर्स ब्लास्ट में मारे गए हिजबुल्लाह लड़ाकों को दफनाया जा रहा था। इसके अलावा हिजबुल्लाह ने फिंगरप्रिंट मशीनों और सोलर सिस्टम में भी ब्लास्ट रिपोर्ट किए गए। इन धमाकों में करीब 9 लोगों के मरने की खबर है और सैकड़ों घायल हैं।
हिजबुल्लाह के पास कैसे पहुंचे धमाके वाले पेजर्स और वॉकी-टॉकी
रिपोर्टस के अनुसार, जिन पेजर्स में धमाके हुए थे उन्हें हिजबुल्लाह ने करीब पांच महीने पहले खरीदा था। इन पेजर्स के साथ बड़ी मात्रा में वॉकी-टॉकी भी खरीदे गए थे। ताइवानी कंपनी गोल्ड अपोलो ने बताया कि धमाके वाले एआर-924 पेजर का निर्माण बीएसी कंसल्टिंग केएफटी ने किया था, जो हंगरी की राजधानी में स्थित है। सहयोग समझौते के अनुसार, ताइवानी कंपनी ने हंगरी की बीएसी को लेबनान और सीरिया में उत्पाद की बिक्री के लिए ब्रांड के ट्रेडमार्क का इस्तेमाल करने का अधिकार दिया था, लेकिन उत्पाद के निर्माण के लिए सिर्फ बीएसी जिम्मेदार है। गोल्ड अपोलो के अध्यक्ष सु चिंग-कुआंग ने कहा कि उनकी कंपनी का पिछले तीन साल से बीएसी के साथ लाइसेंस समझौता है। कंपनी के रिकॉर्ड के अनुसार, बीएसी कंसल्टिंग केएफटी को मई 2022 में पंजीकृत किया गया था। रिकॉर्ड से पता चलता है कि इसकी स्थायी पूंजी 7,840 यूरो है, और 2022 में इसका राजस्व 7,25,768 अमेरिकी डॉलर और 2023 में 5,93,972 अमेरिकी डॉलर था।
हमलों के पीछे मोसाद पर क्यों शक?
हिज्बुल्ला और लेबनान की सरकार ने इन हमलों के लिए इजराइल पर आरोप लगाया है। कहा गया है कि यह मोसाद द्वारा प्लान किया गया एक रिमोट हमला था। हालांकि, इजराइल ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि इजराइल ने मंगलवार को हमले के बाद अमेरिका को जानकारी दी थी। इसमें गया था पेजर में कम मात्रा में विस्फोटक छिपाकर रखा गया था और फिर उसमें विस्फोट किया गया था।
डिलीवरी से पहले ही पेजर्स में रखे गए थे विस्फोटक
जिन पेजर्स को हिजबुल्लाह को डिलीवर किया गया था उनकी बैटरी 85 दिन तक चल सकती है। यह लेबनान के लिए जरूरी हैं, क्योंकि सालों से जारी आर्थिक संकट की वजह से बिजली कटौती आम हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने इसी कमजोरी का फायदा उठाया और पेजर्स की बैटरी को निशाना बनाया। विशेषज्ञों का मानना है कि इन पेजर में हिजबुल्लाह के पास डिलीवरी से पहले ही विस्फोटक सामग्री डाली गई थी, जिन्हें रिमोट ब्लास्ट किया गया।
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मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें
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