भारतीय राजनीति के वो 7 पिता, जिनकी विरासत संभाल रहे उनके बच्चे

Father in Indian Politics: भारतीय सियासत के इतिहास को खंगाला जाए, तो ऐसी सूची बड़ी लंबी होगी जिसमें बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं ने अपने बेटे या बेटी के हाथों में राजनीतिक विरासत सौंप दी। आज के दौर में ऐसे कई नेता हैं, जिनको उनके पिता से राजनीतिक पहचान मिली है। जान लीजिए खास बातें।

इन 7 पिता ने अपने बच्चों को सौंप दी राजनीतिक विरासत।

Leaders Who Inherit Political Power From Father: वो कहते हैं न सियासत में कोई किसी का सगा नहीं होता, लेकिन राजनीति में अपनों का भला करने की प्रथा काफी पुरानी है। बात जब पिता पुत्र या बाप-बेटी के रिश्ते की हो, तो जगजाहिर है कि 'पुत्र मोह' और 'पुत्री मोह' की खातिर बड़े से बड़े महारथियों ने अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया। भारतीय सियासत के इतिहास को खंगाला जाए, तो ऐसी सूची बड़ी लंबी होगी जिसमें बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं ने अपने बेटे या बेटी के हाथों में राजनीतिक विरासत सौंप दी। आज के दौर में ऐसे कई नेता हैं, जिनको उनके पिता से राजनीतिक पहचान मिली है। इनमें किन-किन नेताओं के नाम शामिल हैं और उन्होंने अपने पिता की विरासत को कितना आगे बढ़ाया, आपको सबकुछ समझना चाहिए।

इन 7 पिता ने अपने बच्चों को सौंप दी विरासत

वैसे तो भारतीय राजनीति में ऐसे कई नेताओं के नाम दर्ज हैं, जिनके बच्चे अपने पिता की बनाई हुई सियासी जमीन पर अपना राजनीतिक भविष्य संवार रहे हैं। आपको 7 चर्चित नेताओं से रूबरू करवाते हैं। इस सूची में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, एचडी देवेगौड़ा, पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, लालू प्रसाद यादव, शरद पवार, रामविलास पासवान और बाल ठाकरे का नाम अव्वल दर्जे पर है।

1). राजीव गांधी के दोनों बच्चे

वैसे पिता राजीव गांधी और बेटे राहुल गांधी राजनीति में दोनों की ही एंट्री बेहद एक्सीडेंटल अंदाज में हुई, कुछ ऐसा ही प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ भी हुआ। भाई संजय गांधी की मौत के बाद राजीव ने सियासत में कदम रखने का फैसला लिया। राजीव की मौत के बाद कई वर्षों तक गांधी परिवार राजनीति से दूर रहा, लेकिन राहुल की मां सोनिया आखिर सियासत में जा पहुंचीं। उसके बाद राहुल की एंट्री उन दिनों हुई, जब कांग्रेस की स्थिति बेहद मजबूत थी। राहुल गांधी के सामने नई-नई चुनौतियां आती गईं और वो हालात से सीखते गए। उनकी मुश्किलें बढ़ने लगीं तो उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा भी अपना भाई का साथ देने राजनीति में उतर आईं। अब राजीव गांधी के दोनों बच्चे सियासत में अपने पिता, दादी और परनाना की विरासत को संभाल रहे हैं।

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