Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस से पीछा छुड़ाना चाहते हैं केजरीवाल? AAP ढूंढ रही तरह-तरह के बहाने, समझें असल माजरा

Election Explainer: पहले पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने, फिर बिहार में नीतीश कुमार ने, उसके बाद पंजाब में भगवंत मान ने कांग्रेस से अदावत मोल ली, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी कांग्रेस से पूरी तरह नाता तोड़ने का मन बनाया है। शायद यही वजह है कि आम आदमी पार्टी तरह-तरह के बहाने बना रही है।

अरविंद केजरीवाल को कांग्रेस से क्या परेशानी?

AAP Vs Congress: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कब कांग्रेस के सगे हो जाए और कब दुश्मनी कर लें, इसका अंदाजा लगा पाना आसान नहीं है। जिस कांग्रेस को पानी पी-पीकर कोसने के बाद 2013 में आम आदमी पार्टी सियासत में आई थी, उसी कांग्रेस के साथ मिलकर पहली बार केजरीवाल ने सत्ता का स्वाद चखा। हालांकि थोड़े ही दिन बाद केजरीवाल की पार्टी को प्रचंड बहुमत मिली और उन्होंने मजबूत सरकार बनाते ही कांग्रेस को फिर खरी-खोटी सुनाना शुरू कर दिया। वक्त के साथ-साथ सियासी समीकरण भी बदलता चला गया। कई कांग्रेसी नेताओं ने दावा किया कि AAP भाजपा की बी-टीम है, मगर इन सबके बावजूद दोनों (कांग्रेस और आम आदमी पार्टी) ने कई बार एक साथ मंच साझा किया, अब तो वो विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA में एक-दूसरे के सहयोगी हैं। हालांकि केजरीवाल शायद एक बार फिर कांग्रेस से पीछा छुड़ाने के लिए व्याकुल हुए जा रहे हैं।

क्या सचमुच कांग्रेस से पीछा छुड़ाना चाहती है AAP?

आम आदमी पार्टी कभी-कभी ऐसे दावे करती है, जो बात किसी के भी गले से नीचे उतरना आसान नहीं होता। पिछले 6 महीने से केजरीवाल और उनकी पार्टी एक ही राग अलाप रही है कि 'मुझे गिरफ्तार किया जाएगा', 'लोकसभा चुनाव से पहले मेरी गिरफ्तारी होगी', 'वो मुझे चुनाव प्रचार से रोकना चाहते हैं', 'ईडी का समन गैरकानूनी है', वगैरह, वगैरह... अब आम आदमी पार्टी की ओर से ऐसा दावा किया गया है, जिससे ये साफ पता चल रहा है कि कहीं न कहीं अरविंद केजरीवाल कांग्रेस से पीछा छुड़ाने के लिए बेकरार हुए जा रहे हैं।

दरअसलस केजरीवाल सरकार में मंत्री और आप नेता आतिशी ने बीते एक दिन पहले ही ये दावा किया कि 'यदि पार्टी लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे को लेकर समझौता करती है तो अगले तीन से चार दिन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।' अब उनके इस दावे को क्या समझा जाए? क्या आम आदमी पार्टी की ओर से कांग्रेस पर दबाव बनाने का ये कोई नया सियासी तरीका है या फिर कांग्रेस से पीछे छुड़ाने के लिए कोई सॉलिड बहाना?

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