चुनाव में फर्जी हलफनामा भरने पर रद्द हो सकता है प्रत्याशी का नामांकन? जानिए, क्या कहता है कानून
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के दौरान पार्टियों के उम्मीदवार (Election Candidate) और निर्दलीय नामांकन कर रहे हैं इसमें वो अपनी आय, कैश और संपत्ति, देनदारियों और पढ़ाई लिखाई के साथ ही आपराधिक रिकॉर्ड यदि कोई है तो उसे जमा कराते हैं, कोई उम्मीदवार इस हलफनामे में झूठी जानकारी (Fake Affidavit) डाल दे तो क्या उसके चुनाव लड़ने पर रोक लग सकती है या क्या,जानें इन्हीं सवालों के जबाव

नामांकन देते समय अपना एफिडेविट भी देना होता है
What is Fake Affidavit: हर उम्मीदवार को रिटर्निंग ऑफिसर को नामांकन देते समय अपना एफिडेविट भी देना होगा, ऐसा रिप्रेजेंटशन ऑफ द पीपुल एक्ट (RPA) का सेक्शन का सेक्शन 33ए (2) कहता है, इस हलफनामे में उम्मीदवार अपनी आय, कैश और संपत्ति, देनदारियों और पढ़ाई लिखाई के साथ ही आपराधिक रिकॉर्ड यदि कोई है तो उसका जिक्र करते हैं।
उम्मीदवार को जो एफिडेविट देना होता है, उसे फॉर्म 26 कहते हैं, क्रिमिनल रिकॉर्ड होने पर ये भी खुलासा करना होता है कि उम्मीदवार के विरूद्ध कितने पेंडिंग केस है और बाकी जानकारी भी देनी होती है वहीं एफिडेविट का कोई भी कॉलम खाली नहीं छोड़ना होता यानि अगर किसी कॉलम में मांगी हुई जानकारी लागू नहीं होती तो वहां 'लागू नहीं' मेंशन करना होता है।
कई दफा ऐसा भी हुआ है जब उम्मीदवार ने हलफनामे में गलत या पूरी जानकारी नहीं दी, जैसे कि अगर उम्मीदवार अपनी असली संपत्ति का पूरा ब्योरा इस एफिडेविट में नहीं देता है या आधी अधूरी या गलत जानकारी देता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
रिप्रेजेंटशन ऑफ द पीपुल एक्ट (RPA) 1951 की धारा 125A के तहत उस उम्मीदवार को अधिकतम 6 महीने की जेल हो सकती है वहीं जुर्माना लगाए जाने का भी प्रावधान है।
क्या किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता है?
कई दफा उम्मीदवार सारी बातें सही-सही नहीं बताते इसकी पुष्टि होने पर द रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट (RPA) 1951 की धारा 125ए के तहत अधिकतम 6 महीने की सजा हो सकती है साथ में जुर्माना भी लगाया जा सकता है पर ये सब होने पर भी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता पर उम्मीदवार वोट के लिए धमकाता हो या रिश्वत देने की कोशिश करे तो उसे चुनाव में शामिल होने से रोका भी जा सकता है, साल 2023 में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने ऐसे ही एक मामले पर फैसला सुनाया था।
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