UP के लड़कों ने कैसे किया कमाल? समझिए अखिलेश और राहुल की जोड़ी के 3 दमदार फैक्टर
UP Ke Ladke: जिस भाजपा नीत एनडीए ने 2014 के चुनावों में 73 सीटों पर जीत हासिल की थी, वो इन बार के चुनावों में 40 तक पहुंचती भी नजर नहीं आ रही है। आपको उन तीन दमदार फैक्टर से रूबरू करवाते हैं, जिसने यूपी को लोगों को अखिलेश और राहुल की जोड़ी की ओर आकर्षित कर दिया।
अखिलेश यादव और राहुल गांधी की जोड़ी ने कर दिया कमाल।
Lok Sabha Election Results 2024: वो कहावत है न दिल्ली की गद्दी का रास्ता उत्तर प्रदेश से ही होकर जाता है। लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में यूपी के रुझानों और परिणामों ने हर किसी को चौंका दिया है। अखिलेश यादव और राहुल गांधी 2017 के विधानसभा चुनावों में साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन उस वक्त इन दोनों लड़कों की जोड़ी को जनता ने सिरे से नकार दिया था। यूपी में उस बड़ी हार के चलते उस वक्त दोनों की जोड़ी में दरार पड़ गई थी। लेकिन 7 साल बाद दोनों लड़कों ने एक बार फिर जोड़ी बनाई, जो इस बार के चुनावी नतीजों में कमाल करती नजर आ रही है।
यूपी के दो लड़कों ने चुनावी नतीजों में कर दिया कमाल
उत्तर प्रदेश में कुल 40 लोकसभा सीटों के लिए सभी लसात चरणों में चुनाव हुए। चुनावी नतीजे सामने आने लगे हैं, शुरुआती रुझानों से ही विपक्षी दलों के गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूजिव अलायंस ने हर किसी को चौंका दिया। जिस भाजपा नीत एनडीए ने 2014 के चुनावों में 73 सीटों पर जीत हासिल की थी, वो इन बार के चुनावों में 40 तक पहुंचती भी नजर नहीं आ रही है। आपको उन तीन दमदार फैक्टर से रूबरू करवाते हैं, जिसने यूपी को लोगों को अखिलेश और राहुल की जोड़ी की ओर आकर्षित कर दिया।
पहला फैक्टर- अखिलेश का पीडीए फॉर्मूला साबित हुआ कारगर
समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) यात्रा निकाल रहे हैं। वो लोगों के बीच जाकर पार्टी को जिताने के लिए समर्थन मांगते रहे। उत्तर प्रदेश में अखिलेश का ये फैक्टर शायद काम कर गया। कांग्रेस के साथ मिलकर सपा की साइकिल दौड़ पड़ी और अखिलेश की साइकिल पर बैठकर राहुल ने कांग्रेस का हाथ मजबूत किया।
दूसरा फैक्टर- राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का बड़ा असर
देशभर में राहुल गांधी ने जिस अंदाज में भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा की, उसके चलते लोगों के दिलों में कांग्रेस मजबूती से उतरती चली गई। उत्तर प्रदेश में जिस तरह अखिलेश ने कांग्रेस के साथ गठजोड़ किया, उसका असर नतीजों में दिखा। कांग्रेस के लिए अखिलेश यादव संजीवनी साबित हुए। यूपी में भारत जोड़ो यात्रा के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने यूपी जोड़ो यात्रा निकाली, जिससे जनाधार काफी मजबूत हुआ।
तीसरा फैक्टर- मायावती को यूपी की जनता ने सिरे से नकार दिया
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती को यूपी की जनता ने सिरे से नकार दिया। सपा और कांग्रेस ने मायावती पर भाजपा की बी-टीम होने का आरोप लगाया, टिकट बंटवारे में ये दिखा कि मायावती सपा और कांग्रेस को हराने के मकसद से उम्मीदवार उतार रही हैं। ऐसे में अखिलेश और राहुल की जोड़ी को एकतरफा समर्थन मिला और मायावती की पार्टी की हार कहीं न कहीं ये इशारा कर रहा है कि यूपी का मुकाबला सीधा इंडिया गठबंधन बनाम एनडीए के बीच था।
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