अब दलितों से प्यार! संत रविदास के रास्ते BJP साध रही MP चुनाव, समझें- क्या है भगवा दल का असल प्रयास

Madhya Pradesh Elections: इस बीच, म.प्र के सीएम शिवराज ने अपने ट्वीट में संत रविदास को सामाजिक समरसता का अग्रदूत करार दिया था। कहा था कि उनका सूबा हमेशा से भारतीय सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चेतना का केंद्र रहा है। ऐसे में उन्हें यकीन है कि संत रविदास की शिक्षा व विचारों के लोकव्यापीकरण में यह प्रकल्प मील का पत्थर साबित होगा।

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (क्रिएटिवः अभिषेक गुप्ता)

Madhya Pradesh Elections: मिशन इलेक्शन के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार (12 अगस्त, 2023) को मध्य प्रदेश के दौरे पर हैं। वह वहां सागर जिला में संत रविदास मंदिर का शिलान्यास करेंगे। पीएम इस दौरान आम सभा को भी संबोधित करेंगे। म.प्र के सहकारिता और लोक सेवा मंत्री अरविंद भदौरिया ने मोदी के दौरे को लेकर पीटीआई को बताया कि वह नई दिल्ली से खजुराहो पहुंचेंगे। फिर हेलीकॉप्टर से बडतुमा आएंगे, जहां वह मंदिर (संत रविदास को समर्पित) और एक संग्रहालय की आधारशिला रखेंगे। आधे घंटे बाद वह बडतुमा से लगभग 20 किमी दूर ढाना हवाई पट्टी के पास सार्वजनिक बैठक स्थल पर पहुंचेंगे। कार्यक्रम में सत्तारूढ़ पार्टी की चल रही 'समरसता (सद्भाव) यात्रा' का समापन भी होगा। आम सभा और शिलान्यास समारोह में डेढ़ से दो लाख लोगों के आने की उम्मीद है।

मिशन म.प्र के दौरान क्या रहेगा पीएम का शेड्यूल?

  • दोपहर करीब 2.15 बजे मोदी सागर पहुंचेंगे, फिर संत रविदास स्मारक स्थल पर भूमि पूजन करेंगे
  • दोपहर करीब 3.15 बजे धाना में सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे, वहां रविदास स्मारक (100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बने) का शिलान्यास होगा
  • कार्यक्रम के दौरान पीएम 4000 करोड़ रुपये से अधिक की रेल और सड़क क्षेत्र की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे।
वैसे, प्रधानमंत्री के इन दोनों कार्यक्रमों को चुनाव से पहले भगवा दल की ओर से दलितों तक पहुंचने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। सियासी जानकारों की मानें तो म.प्र में बीजेपी का दलित प्रेम चुनाव को ध्यान में रखते हुए जागा है। वे लोग संत रविदास के रास्ते सूबे का चुनाव साधना चाहते हैं।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी आदिवासी और ओबीसी वोटबैंक के बाद दलितों पर फोकस कर रही है। चूंकि, प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में सूबे में पीएम की एक महीने से अधिक समय के अंदर यह दूसरी यात्रा काफी मायने रखती है। मोदी ने इससे पहले एक जुलाई को शहडोल जिले के पकरिया गांव में आदिवासी नेताओं, स्वयं सहायता समूहों की सदस्य महिलाओं और युवा फुटबॉल खिलाड़ियों के साथ बातचीत की थी।

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