उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस के साथ आएंगे ओवैसी या नहीं? इस दिन हो जाएगा फैसला
Maharashtra Elections: क्या महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे, शरद पवार, राहुल गांधी और असदुद्दीन ओवैसी के बीच समझौता होगा या फिर ओवैसी की पार्टी AIMIM से विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (MVA) दूरी बनाकर रखेगा? इसका फैसला 9 सितंबर तक होने की संभावना है। ऐसा क्यों, आपको इस रिपोर्ट में समझाते हैं।
क्या ओवैसी और एमवीए का मिलन होगा?
Owaisi Plan for Maharashtra Chunav: विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में क्या असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM का करार विपक्षी दलों के गठबंधन महाविकास अघाड़ी से होगा या नहीं इसका जवाब अगले कुछ ही घंटों में मिलने की उम्मीद है। ओवैसी की पार्टी के नेता ने विपक्षी दलों को 9 सितंबर तक का अल्टीमेटम दे दिया है और ये साफ कर दिया है कि यदि एमवीए नौ सितंबर तक गठबंधन प्रस्ताव पर जवाब नहीं देता है तो एआईएमआईएम अपने बूते पर लड़ेगी।
महाराष्ट्र में यदि ओवैसी और विपक्ष ने मिलाया हाथ...
अदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने आगे बढ़कर ये चाहत बयां की थी कि वो विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी का हिस्सा बने और भाजपा को हराने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंके। अभी भी इसकी उम्मीद है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूटीबी), शरद पवार की एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस के साथ ओवैसी की एआईएमआईएम कोई सियासी समझौता कर सकती है। महाविकास अघाड़ी से हाथ मिलाने की पेशकश खुद ओवैसी की पार्टी AIMIM ने की थी, अगर ये पहल सफल हुई तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तस्वीर काफी बदल जाएगी?
उद्धव ठाकरे, शरद पवार के साथ आए ओवैसी; तो कितना बदलेगा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव? समझिए सारा गेम
..नहीं तो अपने बूते पर चुनाव लड़ेगी ओवैसी की पार्टी
ऑल इंडिया मजलिस -ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (एआईएमआईएम) के नेता इम्तियाज जलील ने शनिवार को कहा कि पार्टी ने महा विकास आघाडी (एमवीए) को गठबंधन का प्रस्ताव दिया है लेकिन यदि यह विपक्षी गठबंधन नौ सितंबर पर इस प्रस्ताव पर जवाब नहीं देता है तो वह अपने बूते पर चुनाव लड़ेगी। जलील ने कहा कि एआईएमआईएम उन चंद सीट पर चुनाव लड़ना चाह रही है जहां उसका मजबूत प्रभाव है।
उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम महसूस करती है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति को महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनाना चाहिए। इस गठबंधन में एकनाथ की शिवसेना और अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अन्य घटक दल हैं। उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम और शिवसेना (यूबीटी) की विचाराधाराएं भिन्न-भिन्न होने के बाद वे ‘राजनीतिक बाध्यता’ के कारण एवं राज्य के किसानों एवं लोगों के हित में एमवीए के साथ गठजोड़ करने के लिए तैयार हैं।
राज्य में कितनी सीट पर चुनाव लड़ेगी AIMIM?
महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक-दो महीने में चुनाव होने की संभावना है। जलील ने कहा कि एआईएमआईएम की एमवीए-- कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की राकांपा (एसपी) के नेताओं के साथ उन सीट पर चुनाव लड़ने के अपने इस प्रस्ताव पर कुछ बातचीत की है जहां पार्टी मजबूत है।
उन्होंने कहा कि एमवीए ने एआईएमआईएम के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए कुछ समय मांगा था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा, ' हमने कई सीट का प्रस्ताव नहीं दिया है।' उन्होंने कहा, 'हमने बहुत इंतजार किया है। अगर वे आखिरी समय में हमें साथ लेने से इनकार कर देते हैं तो क्या होगा? अगर वे नौ सितंबर तक जवाब नहीं देते हैं, तो हम अपने इच्छुक उम्मीदवारों के लिए फॉर्म वितरित करना शुरू कर देंगे। हम तय करेंगे कि राज्य में एआईएमआईएम कितनी सीट पर चुनाव लड़ेगी। हम अपनी स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं।'
क्या एमवीए में सिर्फ तीन नेताओं का रहेगा बोलबाला?
वर्ष 2019 के पिछले चुनाव में एआईएमआईएम ने 44 सीट पर चुनाव लड़ा था जिसमें दो पर वह विजयी रही थी। भाजपा को तब 105, अविभाजित राकांपा को 56 और शिवसेना को 54 एवं कांग्रेस को 44 सीट मिली थी। उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि वे मंच पर केवल तीन कुर्सियां चाहते हैं... शरद पवार, उद्धव ठाकरे और नाना पटोले (प्रदेश कांग्रेस प्रमुख) की। वे नहीं चाहते कि हम मंच पर चौथी पार्टी बनें।'
औरंगाबाद लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले जलील ने कहा कि उनकी पार्टी को एमवीए के साथ गठबंधन से बहुत लाभ नहीं होगा, लेकिन अगर वह एआईएमआईएम को साथ नहीं लेती है तो विपक्षी गठबंधन को भारी नुकसान हो सकता है।
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