महाराष्ट्र में बंपर वोटिंग, टूटा 30 साल का रिकॉर्ड, आएगी MVA सरकार या महायुति की वापसी के आसार?
महाराष्ट्र में मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी का श्रेय सत्तारूढ़ महायुति (Mahayuti) और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) के बीच कांटे की टक्कर और उनके उग्र चुनाव अभियान को दिया जा रहा है। इस बार करीबी मुकाबला होना निश्चित दिख रहा है।
महाराष्ट्र में किसकी सरकार?
Maharashtra Highest Voting: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार कड़ी टक्कर दिखी है। मतदान में लोगों की भागीदारी ने नतीजों को लेकर सस्पेंस भी बढ़ा दिया है। राज्य में महायुति-एमवीए गठबंधन की लड़ाई इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि करीब 30 साल बाद महाराष्ट्र में बंपर वोटिंग हुई है। 20 नवंबर को भारी संख्या में मतदाता वोट डालने निकले और मतदान 65.1 प्रतिशत को पार कर गया। 1995 के बाद पहली बार इतना अधिक मतदान हुआ है। तब राज्य में 71.69 प्रतिशत मतदान हुआ था।
महायुति और MVA के बीच कांटे की टक्कर
इस साल लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र में 61.39 प्रतिशत और 2019 के विधानसभा चुनाव में 61.4 प्रतिशत मतदान हुआ था। महाराष्ट्र में मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी का श्रेय सत्तारूढ़ महायुति (Mahayuti) और विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) के बीच कांटे की टक्कर और उनके उग्र चुनाव अभियान को दिया जा रहा है। इस बार करीबी मुकाबला होना निश्चित दिख रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान, महायुति के तीन दलों - बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी को कुल मिलाकर 42.71 प्रतिशत वोट मिले, जबकि महा विकास अघाड़ी के तीन प्रमुख साझेदार - कांग्रेस, शिव सेना यूबीटी और एनसीपी एसपी - को 43.91 फीसदी वोट मिले थे। तब एमवीए गठबंधन महायुति पर भारी पड़ा था।
मतदान प्रतिशत में कम से कम 3.5 प्रतिशत का उछाल यह तय करने में एक प्रमुख कारक के रूप में उभर सकता है कि बाजी कौन मारेगा। 2019 में 8.85 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं के मुकाबले, अब पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 9.5 प्रतिशत बढ़कर 9.69 करोड़ हो गई है। इसलिए बढ़े हुए वोट आधार पर उच्च मतदान प्रतिशत शनिवार को घोषित होने वाले परिणामों के लिए एक महत्वपूर्ण कारक बनकर उभरेगा।
दोनों गठबंधनों ने किए अपनी-अपनी के दावे
वोटिंग प्रतिशत में बढ़ोतरी के बीच दोनों गठबंधनों ने अपनी-अपनी के दावे किए हैं। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि बढ़े हुए मतदान से सत्तारूढ़ महायुति को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जब भी मतदान में बढ़ोतरी होती है, तो भाजपा को राजनीतिक रूप से लाभ होता है। जाहिर है कि विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत पिछले चुनाव की तुलना में बढ़ा है। इससे बीजेपी और महायुति दोनों को मदद मिलेगी। वहीं, राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि एमवीए चुनाव जीतने की ओर बढ़ रहा है। पटोले ने कहा कि महाराष्ट्र के स्वाभिमानी नागरिक एक ऐसी सरकार का चुनाव करेंगे जो राज्य के कल्याण को प्राथमिकता देगी। जनता की प्रतिक्रिया को देखते हुए कांग्रेस पार्टी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। राज्य में महा विकास अघाड़ी सरकार का गठन निश्चित है।
ग्रामीण मतदाता बड़ी संख्या में उमड़े
भारतीय चुनाव आयोग (ECI)द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि शहरी मतदाताओं की तुलना में ग्रामीण मतदाता बड़ी संख्या में मतदान के लिए निकले। जिलों में सबसे अधिक मतदान पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में दर्ज किया गया जहां यह 76.25 प्रतिशत रहा। हमेशा की तरह मुंबई शहर में सबसे कम 52.07 प्रतिशत मतदान हुआ। किसी भी निर्वाचन क्षेत्र के लिए, कोल्हापुर जिले की करवीर विधानसभा सीट पर सबसे अधिक 84.79 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। करवीर में मुकाबला दिवंगत विधायक पीएन पाटिल के बेटे और कांग्रेस उम्मीदवार राहुल पाटिल और शिंदे सेना के चंद्रदीप नारके के बीच है।
दिग्गजों की सीटों पर कितना मतदान
वहीं, दक्षिण मुंबई के कोलाबा निर्वाचन क्षेत्र में सबसे कम 44.49 प्रतिशत मतदान हुआ। वहां बीजेपी के राहुल नार्वेकर का मुकाबला कांग्रेस के हीरा देवासी से है। उधर, हाई-प्रोफाइल बारामती विधानसभा सीट पर, जहां उपमुख्यमंत्री अजीत पवार अपने भतीजे और एनसीपी (सपा) उम्मीदवार युगेंद्र पवार से मुकाबला कर रहे हैं, वहां 71.03 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2019 के चुनावों में 68.82 प्रतिशत से अधिक है। वहीं, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कोपरी-पचपखाड़ी विधानसभा क्षेत्र में मिले आंकड़ों के अनुसार 59.85 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। जबकि डिप्टी सीएम फड़णवीस की नागपुर दक्षिण पश्चिम सीट पर 54.49 फीसदी मतदान हुआ।
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