राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के कारण तो नहीं, कांग्रेस से दूर हुए ममता और नीतीश? समझिए बिहार और बंगाल का समीकरण

राहुल गांधी की यह यात्रा कांग्रेस के लिए काफी मायने रखती है। लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी की नजर उन सीटों पर है, जो कांग्रेस की या तो मजबूत गढ़ है, या गढ़ रहा है, या फिर करीबी मुकाबला रहा है।

rahul gandhi bharat jodo yatra

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी

इंडिया गठबंधन अपने स्वरूप में आते ही धीरे-धीरे खत्म होने लगा है। यह गठबंधन तब बिखरने लगा है, जब राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे पार्ट भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले हैं। राहुल अभी पूर्वोत्तर भारत से निकल कर पश्चिम बंगाल के रास्ते बिहार पहुंचे हैं। बिहार के बाद फिर बंगाल में एंट्री करेंगे। इन दोनों ही राज्यों में इंडिया गठबंधन लगभग बिखर ही गया है। ममता अकेले लड़ने का ऐलान कर चुकी है, नीतीश अलग हो चुके हैं। हलांकि कांग्रेस, ममता को जुटा

राहुल की यात्रा के मायने

राहुल गांधी की यह यात्रा कांग्रेस के लिए काफी मायने रखती है। लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी की नजर उन सीटों पर है, जो कांग्रेस की या तो मजबूत गढ़ है, या गढ़ रहा है, या फिर करीबी मुकाबला रहा है। राहुल गांधी की इस यात्रा से कांग्रेस को फायदा होगा, क्योंकि पिछली यात्रा से कांग्रेस फायदे में रही है। कर्नाटक में सत्ता में वापसी हुई तो तेलंगाना में पहली बार सरकार बनाई है। आंध्र प्रदेश में अपने आप को फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रही है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि कांग्रेस को राहुल की इस यात्रा से फायदा होगा।

पश्चिम बंगाल का समीकरण

पूर्वोत्तर में राहुल गांधी का विरोध असम में हुआ, जहां बीजेपी की सरकार, सीएम हिमंत और राहुल के बीच वार पलटवार भी देखने को मिला। यहां सीधी लड़ाई भी बीजेपी और कांग्रेस के बीच है। इसके बाद जैसे ही यह यात्रा पश्चिम बंगाल में एंट्री को तैयार हुई, ममता बनर्जी ने घोषणा कर दी कि वो अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेगी। दरअसल पश्चिम बंगाल में ममता की पार्टी टीएमसी सत्ता में है। कहा जा रहा है कि ममता, कांग्रेस को सिर्फ 2 लोकसभा सीट देने के लिए तैयार थी, लेकिन कांग्रेस को ये मंजूर नहीं था, ऊपर से राहुल की यात्रा बंगाल में आ रही थी, तो इससे नुकसान तो ममता को ही था, क्योंकि बीजेपी का अपना एक जनाधार है, वहां कांग्रेस कम ही सेंध लगा पाएगी। वाम दल कांग्रेस के साथ हैं, तो अगर राहुल वोट खींचते हैं तो वो ममता का होगा, जो कभी कांग्रेस के पास ही था। बंगाल में भारत जोड़ो यात्रा जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, उत्तर दिनाजपुर, दार्जिलिंग, मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों से गुजर चुकी है या गुजरने वाली है। राहुल गांधी की यह यात्रा बंगाल में कुल 5 दिनों तक चलेगी, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी छह लोकसभा सीटों को कवर करेंगे। इन सीटों पर कांग्रेस की पहले पकड़ रही है।

बिहार का समीकरण

बिहार के सीएम नीतीश कुमार, जिन्होंने इंडिया गठबंधन को बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी, वो भी राहुल की यात्रा से एक दिन पहले पलटी मारकर बीजेपी में चले गए। नीतीश इंडिया गठबंधन का संयोजक बनना चाहते थे, जो ममता और केजरीवाल को मंजूर नहीं था, साथ ही कांग्रेस के एक धड़े को भी यह मंजूर नहीं था। बिहार में जहां से राहुल गांधी की यात्रा गुजरेगी, वो कांग्रेस का आज भी गढ़ ही माना जाता है, या कहिए कि कांग्रेस का वहां आज भी अस्तित्व है। बिहार में राहुल गांधी किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, बक्सर, औरंगाबाद, काराकाट और सासाराम सीटों को कवर करेंगे। नीतीश यहां सीटों को लेकर स्पष्ट थे, 17 पर जदयू बाकि पर राजद, कांग्रेस, वाम दल लड़ें। जो राजद-कांग्रेस को मंजूर नहीं था। राहुल की इस यात्रा के कारण कांग्रेस कम से कम 8 सीटों पर दावा ठोक ही रही थी। अगर जदयू ज्यादा सीटों पर लड़ती ही नहीं तो वो जीतती भी कम ही, ऐसे में अगर इंडिया गठबंधन सत्ता में आता तो भी नीतीश कुमार पीएम बन नहीं सकते थे।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | एक्सप्लेनर्स (explainer News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited