क्यों सुलग रहा है मणिपुर और क्या है अमित शाह का Peace Plan? 5 प्वाइंट में समझें सबकुछ

Manipur Violence: मणिपुर में शांति बहाली और फिर से सबकुछ सामान्य करने की दिशा में अमित शाह यहां अधिकारियों और सभी समुदाय के लोगों के साथ ताबड़तोड़ बैठकें कर रहे हैं। हालांकि, अमित शाह की ये कोशिशें किस हद तक कामयाब हुई हैं? मणिपुर की हिंसा के केंद्र में क्या है और अमित शाह का इस राज्य में पीस प्लान क्या है? आइए समझते हैं...

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह

Manipur Violence: मणिपुर इन दिनों सुलग रहा है। बीते तीन मई से यह राज्य जातीय हिंसा की चपेट में है। जन-जीवन अस्त व्यस्त है। स्कूल, दुकानें, उद्योग-धंधे सब कुछ ठप हैं। कर्फ्यू और सेना के साए में आम नागरिकों की रातें कट रही हैं। राज्य में शांति बहाली की तमाम कोशिशें सरकार की तरफ से हुई हैं, लेकिन सबकुछ बेनतीजा ही रहा। इस बीच खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाला है और वह इस राज्य में बीते 29 मई से डेरा डाले हुए हैं।

शांति बहाली और फिर से सबकुछ सामान्य करने की दिशा में अमित शाह यहां अधिकारियों और सभी समुदाय के लोगों के साथ ताबड़तोड़ बैठकें कर रहे हैं। उनके इन प्रयासों में हिंसाग्रस्त इलाकों के दौरे भी शामिल हैं, जिससे वह लोगों में विश्वास बहाली की कोशिश में जुटे हैं। हालांकि, अमित शाह की ये कोशिशें किस हद तक कामयाब हुई हैं? मणिपुर की हिंसा के केंद्र में क्या है और अमित शाह का इस राज्य में पीस प्लान क्या है? आइए समझते हैं...

मणिपुर में इतनी हिंसा की वजह क्या है?

मणिपुर की हिंसा के केंद्र में यहां के मैतेई और कुकी समुदाय हैं। इस राज्य में मैतेई समुदाय बहुसंख्यक है और राज्य के लगभग 10 प्रतिशत भूभाग में इस समुदाय का प्रभाव है। मैतेई समुदाय लंबे समय से जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहा है। बीते मार्च में मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा दिए जाने पर विचार किया जाए। इसी का विरोध कुकी समुदाय कर रहा है। बता दें, मणिपुर के 90 इलाकों में कुकी और अन्य समुदाय के लोग निवास करते हैं।

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