Mathura: किसने तुड़वाया था श्रीकृष्ण जन्मस्थान? जानें इतिहास और पूरा विवाद

Mathura Full Story: मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर बने मंदिर को तीन बार तोड़ा और चार बार बनवाया जा चुका है। आक्रमणकारी महमूद गजनवी ने गुजरात के सोमनाथ मंदिर की तरह इसे भी लूटकर तुड़वा दिया था। इस स्थान के मालिकाना हक के लिए सालों पुराना विवाद दो पक्षों में चल रहा है।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर बने मंदिर का इतिहास।

Shri Krishna Janmabhoomi: करीब पांच हजार साल पहले कटरा केशव देव में राजा कंस का कारागार हुआ करता था, जो मल्लपुरा क्षेत्र में आता है। मान्यताओं के अनुसार रोहिणी नक्षत्र में आधी रात को इसी कारागार में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। कटरा केशव देव श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मानी जाती है, ऐसा दावा इतिहासकार डॉ. वासुदेव शरण अग्रवाल ने किया है। कई साक्ष्यों के मिलने और गहन अध्ययन के बाद कृष्णदत्त वाजपेयी ने इस बात का जिक्र किया कि कृष्ण का असली जन्मस्थान कटरा केशव देव ही है। उन्होंने इससे जुड़े कई पहलुओं का जिक्र अपनी पुस्तक मथुरा में किया है।

कृष्णदत्त वाजपेयी की पुस्तक।

तस्वीर साभार : Twitter

महमूद गजनवी ने तुड़वाया था ये भव्य मंदिर

सन् 1017 ई. में आक्रमणकारी महमूद गजनवी ने सम्राट चंद्रगुप्त विक्रमादित्य द्वारा बनवाए गए श्रीकृष्ण के भव्य मंदिर को पहले लूटा और फिर तोड़ दिया था, इतिहासकारों इसका उल्लेख किया है। लोगों का मानना है कि भगवान कृष्ण के प्रपौत्र बज्रनाभ ने सबसे पहले कारागार के पास अपने कुलदेवता की स्मृति में एक मंदिर बनवाया था। इन स्थानों से मिले शिलालेखों पर ब्राहम्मी-लिपि में लिखा हुआ है। साक्ष्यों से ये पता चलता है कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर वसु नाम के एक व्यक्ति ने एक मंदिर का निर्माण कराया था।

सम्राट विक्रमादित्य के शासन काल में बना दूसरा मंदिर

इतिहासकारों का ये भी मानना है कि 400 ई. में दूसरे भव्य मंदिर का निर्माण सम्राट विक्रमादित्य के शासन काल में हुआ था। उस वक्त कला और संस्कृति के रूप में मथुरा को जाना जाता था। यही वक्त था जब हिंदू धर्म के साथ-साथ बौद्ध और जैन धर्म का भी विकास हो रहा था। बौद्धों और जैनियों के भी विहार और मंदिर बने।

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