Mission Gaganyaan के चारों एस्ट्रोनॉट्स से देश हुआ रूबरू, जानिए इस मिशन में क्या-क्या होगा, कैसी हैं चुनौतियां

गगनयान के तीन दिवसीय मिशन के लिए चालक दल के सदस्यों को 400 किमी. की कक्षा में लॉन्च किया जाना है। इस मिशन के जरिए इन्हें भारतीय समुद्री जल में उन्हें सुरक्षित रूप से उतारना सबसे बड़ी चुनौती है।

मिशन गगनयान के जांबाज

Gaganyaan Mission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उन चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों का खुलासा किया जिन्हें गगनयान मिशन के लिए चुना गया है। ये चारों अंतरिक्ष यात्री देश के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं। ये चार अंतरिक्ष यात्री हैं - प्रशांत नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और शुभांशु शुक्ला। गगनयान मिशन भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है जिसके लिए इसरो के कई केंद्रों पर व्यापक तैयारी चल रही है।

एस्ट्रोनॉट्स को 400 किमी. की कक्षा में लॉन्च किया जाएगा

गगनयान के तीन दिवसीय मिशन के लिए चालक दल के सदस्यों को 400 किमी. की कक्षा में लॉन्च किया जाना है। इस मिशन के जरिए इन्हें भारतीय समुद्री जल में उन्हें सुरक्षित रूप से उतारकर वापस पृथ्वी पर लाकर मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करने की योजना है। इसरो ने पहले मानवरहित गगनयान (जी1) मिशन के लिए पहचाने गए उड़ान इंजन के परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है, जो अस्थायी रूप से 2024 की दूसरी तिमाही के लिए निर्धारित है। यह इंजन मानव-युक्त एलवीएम3 वाहन के ऊपरी चरण को शक्ति प्रदान करेगा और इसकी थ्रस्ट क्षमता 442.5 सेकंड के विशिष्ट आवेग के साथ 19 से 22 टन है।

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग और भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण के साथ भारत 2023 में नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया। अब गगनयान मिशन के जरिए एक और नया इतिहास रचने की तैयारी है। भारत की अंतरिक्ष योजना में 2024-2025 में गगनयान मिशन, 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना और 2040 तक चंद्रमा पर पहले भारतीय को भेजना शामिल है।

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