माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पर्वतारोहियों को थैलियों में वापस लाना होगा अपना मल, समझिए क्यों उठाया गया ऐसा कदम

माउंट एवरेस्ट शिखर पर चढ़ते समय केवल कुछ ही व्यक्ति अपना मल बायोडिग्रेडेबल बैग में वापस लाते हैं। बाकी वहीं छोड़ देते हैं, जिससे यह समस्या उत्पन्न हुई है।

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माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पर्वतारोहियों के लिए नए नियम (फोटो- pixabay)

माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाले पर्वतारोहियों को अब अपना मल एक थैली में डालकर वापस लाना होगा। ऐसा नियम अब लागू किया जा चुका है। इ्स नियम के आने के बाद ऐसा सवाल उठ रहा है कि आखिर ऐसा क्यों किया गया, आजतक तो यह नियम नहीं था, फिर अचानक से ये कैसा नियम?

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बेस कैंप से मिलेगा बैग

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, माउंट एवरेस्ट के पर्वतारोहियों को अपना मल पैक करके बेस कैंप में वापस लाने के लिए कहा गया है। यह निर्णय पसांग ल्हामू ग्रामीण नगर पालिका द्वारा लिया गया है। पर्वतारोहियों को बेस कैंप से एक बैग खरीदना होगा, जिसमें उन्हें अपना मल वापस लाना होगा। वापसी पर इसकी जांच भी होगी। मतलब कोई इस नियम से बच नहीं सकता है।

क्यों उठा ऐसा कदम

दरअसल माउंट पर एवरेस्ट समेत नेपाल स्थित कई पर्वतों पर चढ़ने के लिए सैंकड़ों पर्वतारोही हर साल नेपाल जाते हैं। जिसमें कुछ सफल होते हैं, कुछ आधे रास्ते पर अटक जाते हैं। माउंट एवरेस्ट के साथ-साथ माउंट ल्होत्से पर भी पर्वतारोही चढ़ने का प्रयास करते हैं। अब हो ये रहा है कि बेस कैंप से जब ये पर्वतारोही एवरेस्ट और ल्होत्से पर चढ़ने के लिए निकलते हैं तो खुले में ही मल का त्याग करते हैं, जो वहां नष्ट नहीं हो पाते हैं, तापमान कम रहने के कारण वो उसी अवस्था में रह जाते हैं, जिससे माउंट एवरेस्ट पर गंदगी फैल रही है। पर्वतारोही बीमार पड़ रहे हैं। इस सब शिकायतों के बाद यह कदम उठाया गया है ताकि पर्वतों पर मल दिखाई न दे।

मिल रही थी शिकायतें

पसांग ल्हामू ग्रामीण नगर पालिका के अध्यक्ष मिंगमा शेरपा ने बताया- हमें शिकायतें मिल रही हैं कि चट्टानों पर मानव मल दिखाई दे रहे हैं और कुछ पर्वतारोही बीमार पड़ रहे हैं। यह स्वीकार्य नहीं है और हमारी छवि खराब हो रही है।" जो लोग दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत और पड़ोसी माउंट ल्होत्से पर चढ़ना चाहते हैं, उन्हें बेस कैंप में "पूप बैग" खरीदने की आवश्यकता होगी। इन बैगों की "वापसी पर जांच" की जाएगी।

कहां है दिक्कत

चढ़ाई के मौसम के दौरान, पर्वतारोही बेस कैंप पर लंबी अवधि बिताते हैं, जहां शौचालय और अन्य आवश्यकताओं के लिए अलग तंबू बनाए जाते हैं। हालांकि, चढ़ाई शुरू करने के बाद वे शौच के लिए गड्ढा खोदते हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में बर्फबारी कम होती है, जिससे पर्वतारोहियों को खुले में शौच करना पड़ता है। माउंट एवरेस्ट शिखर पर चढ़ते समय केवल कुछ ही व्यक्ति अपना मल बायोडिग्रेडेबल बैग में वापस लाते हैं। बाकी वहीं छोड़ देते हैं, जिससे यह समस्या उत्पन्न हुई है।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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