NEET UG 2024 परीक्षा दोबारा होगी या नहीं? सुप्रीम कोर्ट के पाले में गेंद; जानें क्या है सारा विवाद
NEET UG 2024 Full Controversy: नीट यूजी 2024 विवाद में आए दिन गिरफ्तारी हो रही है, कार्रवाई से जुड़े कई अपडेट आ रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का दौर जारी है। सवाल ये खड़े हो रहे हैं कि क्या NEET UG परीक्षा दोबारा होगी या नहीं? आपको इस विवाद से जुड़े हर पहलू से रूबरू करवाते हैं।
क्या है नीट यूजी 2024 परीक्षा से जुड़ा सारा विवाद।
What is NEET UG 2024 Scam: नीट यूजी 2024 परीक्षा दोबारा होगी या नहीं, इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है। क्या आप जानते हैं कि आखिर ये पूरा विवाद क्या है, इसकी शुरुआत कैसे हुई और अब ये विवाद किस मोड़ पर पहुंच चुका है। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है, आए दिन गिरफ्तारी का दौर जारी है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट में भी मामले पर सुनवाई चल रही है। आपको इस लेख के जरिए समझाते हैं कि आखिर ये सारा विवाद क्या है? सवाल ये भी उठ रहे हैं कि आखिर इसका निपटारा कब होगा?
कब होगा नीट यूजी 2024 परीक्षा विवाद का निपटारा?
मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित नीट यूजी परीक्षा 2024 का पेपर लीक होने और परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी के आरोपों पर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस बार की परीक्षा में बहुत कुछ ऐसा हुआ जो सामान्य नहीं हो सकता है। परीक्षा आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं, यही वजह है कि नीट, यूजीसी नेट हंगामे के बीच एनटीए के महानिदेशक (DG) सुबोध कुमार को पद से हटा दिया गया और रिटायर्ड IAS प्रदीप सिंह खरोला को एनटीए का नया डायरेक्टर जनरल बनाया गया। लेकिन सवाल ये उठता है कि इस विवाद की शुरुआत कैसे हुई और असल माजरा क्या है।
कैसे शरू हुआ NEET UG 2024 परीक्षा का विवाद?
अगले आदेश तक के लिए नीट यूजी काउंसलिंग टाल दी गई है। लेकिन इसकी वजह क्या है, क्या नीट यूजी परीक्षा दोबारा आयोजिक की जाएगी या इन्हीं नतीजों के आधार पर काउंसलिंग कराई जाएगी? अब इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट कर सकती है। दरअसल, इस साल 5 मई को यह परीक्षा आयोजित की गई थी, जिसमें 571 शहरों के 4,750 परीक्षा केंद्रों पर करीब 23 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। नीट-यूजी एक अंडर ग्रेजुएट स्तर का प्रवेश परीक्षा है, जो 5 मई को आयोजित की गई थी, इसके नतीजे 4 जून को घोषित किए गए थे। ये सारा विवाद परीक्षा के परिणामों के बाद ही शुरू हुआ।
इतिहास में कभी नहीं हुआ था ऐसा, जो इस बार हुआ
नीट यूजी परीक्षा के नतीजों से पता चला कि 67 छात्रों ने इस बार एग्जाम में टॉप किया। उन सभी ने 720 में से 720 अंकों के साथ AIR-1 रैंक हासिल की थी। नीट यूजी के अब तक के इतिहास में कभी भी ऐसा नहीं हुआ था। हैरान कर देने वाले नतीजों के बाद धांधली और पेपर लीक के आरोप लगने लगे। Physics Wallah के मालिक अलख पांडे ने इस पर परीक्षा आयोजित करने वाली संस्थान एनटीए के खिलाफ पेपर लीक करने का मामला दर्ज करवाया। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। देखते ही देखते ये विवाद देश का सबसे बड़ा विवाद बन गया और एक के बाद एक करके सुप्रीम कोर्ट में 38 याचिकाएं पहुंच गईं।
काउंसलिंग प्रक्रिया को कर दिया गया स्थगित, ये रही वजह
पेपर लीक के आरोप पर NTA ने कहा कि सिर्फ ग्रेस मार्क्स वालों की ही परीक्षा फिर से होनी चाहिए। उधर कोर्ट ने मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया। बिहार की राजधानी पटना से लेकर गुजरात के गोधरा तक पेपर लीक के कनेक्शन निकलकर सामने आने लगे। बता दें, NTA द्वारा 1563 छात्रों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित की गई। इस बार हुई परीक्षा के नतीजों में छात्रों 61 छात्रों को ही 100 परसेंटाइल प्राप्त हुआ, यानी छह छात्र उस सूची से हट गए, जिन्हें 100 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए थे। मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन के लिए 6 जुलाई 2024 से काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू होने वाली थी, जिसे स्थगित कर दिया गया है। नीट रिजल्ट के खिलाफ 38 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 18 जुलाई तक टली
सुप्रीम कोर्ट ने विवादों से घिरी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2024 से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई बृहस्पतिवार को 18 जुलाई तक टाल दी। इन याचिकाओं में नीट-यूजी 2024 के आयोजन में कथित अनियमितताओं एवं कदाचार की जांच करने, परीक्षा रद्द करने और नये सिरे से परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। शीर्ष अदालत ने कुछ याचिकाकर्ताओं को मामले में केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की ओर से दाखिल हलफनामों की प्रति नहीं मिल पाने के मद्देनजर यह कदम उठाया।
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि कुछ याचिककर्ताओं की पैरवी कर रहे वकीलों को केंद्र और एनटीए की ओर से बुधवार को अलग-अलग दाखिल किए गए हलफनामों की प्रति अभी तक नहीं मिली है। उसने कहा, 'अगली सुनवाई बृहस्पतिवार (18 जुलाई) को होगी।' हालांकि, केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्होंने याचिकाकर्ताओं के वकील को अपने हलफनामे की प्रति उपलब्ध करा दी है। संक्षिप्त सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने मामले को 15 जुलाई को सूचीबद्ध करने का आग्रह किया, लेकिन मेहता ने कहा कि वह उस दिन उपलब्ध नहीं रहेंगे।
सीबीआई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में कही ये बड़ी बात
पीठ ने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उसे नीट-यूजी 2024 के आयोजन में कथित अनियमितताओं की जांच में हुई प्रगति पर एक स्थिति रिपोर्ट सौंपी है। शीर्ष अदालत में बुधवार को दाखिल एक अतिरिक्त हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा था कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास ने नीट-यूजी 2024 के नतीजों का डेटा विश्लेषण किया है, जिसमें न तो इस बात के संकेत मिले हैं कि परीक्षा में 'बड़े पैमाने पर कदाचार' हुआ था और न ही ऐसा सामने आया है कि स्थानीय उम्मीदवारों के किसी समूह को फायदा पहुंचा और उन्होंने अप्रत्याशित अंक हासिल किए।
नये सिरे से परीक्षा कराने का आदेश दे सकती है अदालत
सरकार का यह दावा सुप्रीम कोर्ट की आठ जुलाई की टिप्पणी के मद्देनजर अहम है, जिसमें उसने कहा था कि अगर पांच मई को नीट-यूजी 2024 के आयोजन में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की बात सामने आती है, तो वह नये सिरे से परीक्षा कराने का आदेश दे सकता है। केंद्र के नये हलफनामे में दावा किया गया है कि आईआईटी मद्रास के विशेषज्ञों ने नतीजों के डेटा विश्लेषण में पाया कि अंक वितरण में घंटी के आकार के वक्र का अनुसरण किया गया, जो बड़े पैमाने पर कराई जाने वाली किसी भी परीक्षा में दिखता है और इसे कोई अनियमितता न होने का संकेत माना जाता है। हलफनामे में केंद्र ने कहा कि 2024-25 के लिए स्नातक सीटों के वास्ते काउंसिलिंग की प्रक्रिया जुलाई के तीसरे सप्ताह से शुरू होगी और इसे चार चरणों में पूरा किया जाएगा।
नीट-यूजी 2024 का आयोजन करने वाली एनटीए ने भी शीर्ष अदालत में एक अतिरिक्त हलफनामा दायर किया। एजेंसी ने कहा कि उसने राष्ट्रीय, राज्य, शहर और केंद्र स्तर पर नीट-यूजी 2024 में अंकों के वितरण का एक विश्लेषण किया है। एनटीए ने अपने हलफनामे में कहा, 'यह विश्लेषण दिखाता है कि अंकों का वितरण बिल्कुल सामान्य है और ऐसा कोई बाहरी कारक प्रतीत नहीं होता है, जो अंकों के वितरण को प्रभावित करता नजर आता है।' उसने हलफनामे में प्रश्न पत्रों की गोपनीय छपाई, उसे लाने-ले जाने और उसके वितरण के लिए स्थापित व्यवस्था की भी जानकारी दी। पांच मई को 23.33 लाख से अधिक छात्रों ने 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर नीट-यूजी परीक्षा दी थी। इन शहरों में 14 विदेशी शहर भी शामिल थे।
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