फिट रहने वाली 47 बरस की सुष्मिता सेन को आया हर्ट अटैकः समझें, कैसे एक्ट्रेस के दिल ने दे दिया 'धोखा'

दरअसल, फिट रहने वाली 47 बरस की बॉलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन को हर्ट अटैक का सामना करना पड़ा। यह खुलासा उन्होंने गुरुवार (दो मार्च, 2023) को सोशल मीडिया के जरिए किया। अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले उन्हें दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद उनकी एंजियोप्लास्टी भी हुई थी।

तीन राज्यों के नतीजे देखकर कुछ लोगों के दिल में सियासी दर्द होने लगा होगा, लेकिन अब आपको असली दिल के दर्द के बारे में बताता हूं। सुपरफिट रहने वाली हीरोइन सुष्मिता सेन को अचानक हार्ट अटैक कैसे आया? अचानक आने वाले हार्ट अटैक का क्या कोरोना से कनेक्शन है? और क्या आप भी वो गलती तो नहीं कर रहे जिससे अचानक हार्ट अटैक आए? आज बहुत से लोग ये बात सुनकर हैरान रह गये कि सुष्मिता सेन को हार्टअटैक आ गया। सबके मन में एक ही सवाल है कि इतनी फिट रहने वाली, नियम से वर्कआउट और योगा करने वाली सुष्मिता सेन को हार्टअटैक कैसे आ सकता है क्योंकि जो सुष्मिता सेन 47 साल की उम्र में इतनी फिट हैं। डेली रूटीन से वर्कआउट करती हैं। अपनी सेहत के साथ कोई समझौता नहीं करती। ये ऐसा वर्कआउट है जिसे करने के लिए बहुत ताकत और एनर्जी की जरूरत पड़ती है लेकिन सुष्मिता सेन इसे बहुत आसानी से कर रही हैं।

इन तस्वीरों को देखकर क्या कोई मान सकता है कि सुष्मिता सेन को दिल की कोई बीमारी हो सकती है और उन्हें हार्टअटैक आ सकता है लेकिन इसके बावजूद भी सुष्मिता सेन को हार्ट अटैक आ गया। ये बात खुद सुष्मिता सेन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करके बताया। अपने पिता के साथ एक तस्वीर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा कि I suffered a heart attack a couple of days back...Angioplasty done…...stent in place… यानी 'मुझे कुछ दिन पहले हार्टअटैक की समस्या हुई। एंजियोप्लास्टिक हो चुकी है और Stent भी लगाया गया है। सुष्मिता सेन को Stent लगाने का मतलब है कि सुष्मिता सेन के हार्ट की नसों में ब्लॉकेज रहे होंगे जिन्हें खोलने के लिए Stent लगाने की ज़रूरत पड़ी है...Stent एक छोटी से डिवाइस होती हैं जिसे एंजियोप्लास्टिक के ज़रिये पतले तार से उस जगह ले जाया जाता है जहां ब्लॉकेज होते हैं और फिर Stent को फुला दिया जाता है जिससे नसें में खून का फ्लो सामान्य हो जाता है और हार्ट तक खून की सप्लाई शुरू हो जाती है। जिससे मरीज की जान बच जाती है।

समय पर इलाज मिलने की वजह से सुष्मिता सेन ख़तरे से बाहर हैं, वो बहुत भाग्यशाली हैं कि उन्हें अस्पताल जाकर समय पर इलाज मिल गया वर्ना देश भर से जिस तरह अचानक हार्टअटैक के वीडियो आ रहे हैं जिसमें लोगों को बचने का मौका ही नहीं मिल रहा है..इन वीडियो ने बहुत से लोगों को डरा दिया है..पहले आपको कुछ वीडियो दिखा देता हूं फिर इसकी वजह के बारे में बताऊंगा। अभी कुछ दिन पहले हैदराबाद की एक जिम में पुशअप करता ये युवक... तेंलगाना पुलिस में कांस्टेबल था.. इनका नाम विशाल है और उम्र सिर्फ़ 24 साल...लेकिन पुशअप करने के दौरान अचानक सीने में दर्द शुरू हो गया और सिर्फ़ 15 से 20 सेकेंड के अंदर मौत हो गई..संभलने का मौका ही नहीं मिला..इतना समय भी नहीं मिला कि अस्पताल पहुंचाया जा सके

आमतौर पर कहा जाता है कि एक्सरसाइज- वर्कआउट करने से शरीर और हार्ट फिट रहते हैं लेकिन यहां तो जिम में ही हार्टअटैक की घटना दिखाई दे रही है। ये अहमदाबाद के एक क्रिकेट मैदान का वीडियो है जिसमें मैच के दौरान एक बॉलर कुछ बेचैनी महसूस हुई और सीने में दर्द शुरू हो गया...34 साल के बॉलर वसंद राठौड़ बॉलिंग रोक कर वही मैदान में बैठ गये..दूसरे खिलाड़ियों को लगा कि कोई मसल खिंच गई होगी बाद में अस्पताल ले जाया गया तो वहां डॉक्टर ने कह दिया कि वसंत की मौत हो चुकी है, वसंत को सीवियर हार्टअटैक आया था।

हर कोई हैरान है कि अच्छा भला तंदरुस्त खिलाड़ी अचानक हार्ट से मर गया। हंसते खेलते कैसे लोगों को हार्ट अटैक आ रहा है। उसका एक और वीडियो दिखाता हूं। हैदराबाद में शादी की एक रस्म के दौरान 40 साल के इस आदमी अचानक हार्टअटैक आ गया, जिससे वो वहीं गिर पड़े,किसी को कुछ समझ में नहीं आया कि हुआ क्या है...अस्पताल पहुंचने से पहले इस आदमी की मौत हो चुकी थी। इन सभी वीडियो में दो बात सबसे कॉमन है..पहली बात सभी की उम्र कम है, कोई 24 साल कोई 34 साल कोई 40 साल...और दूसरी बात...किसी को भी अस्पताल पहुंचने का मौका ही नहीं मिला, ज़्यादातर की हार्टअटैक आने के कुछ ही सेकेंड में मौत हो गई।

पहले अक्सर ऐसा होता था कि 60 साल से 70 साल की उम्र में हार्टअटैक के मामले देखे जाते थे जिसमें ज़्यादातर मामलों में नसों में ब्लॉकेज और उम्र के साथ दिल का कमज़ोर होना माना जाता था लेकिन अब 20 से 40 साल के युवा भी इस बीमारी की चपेट में हैं और उन्हें संभलने का मौका भी नहीं मिल रहा है. इस पीछे की वजह को समझने के लिए आपको पहले हार्ट को समझना होगा और फिर हार्ट अटैक को...आपके दिल है, जिसके दो पार्ट और चार चैंबर्स होते हैं यानी हर पार्ट में दो चैंबर होते हैं...दिल में एक तरफ से डीऑक्सिजनेटेड ब्लड यानी कम मात्रा में ऑक्सीजन वाला ब्लड जाता है और दिल में मौजूद वॉल्व इसे पंप करता है जिससे दूसरी तरफ से से ऑक्सिजनेटेड यानी ऑक्सीजन से भरपूर ब्लड दूसरी तरफ बाहर निकलता है। ये ब्लड छोटी-छोटी नसों और धमनियों से ही दिल से होकर गुज़रता है।

जब इन नसों में ब्लॉकेज होता है तो उसे हटाने के लिए स्टेंट डाला जाता है। कई बार ब्लड में बड़ा क्लॉट होने की वजह से खून की सप्लाई रुक जाती है और अचानक अटैक से मौत हो जाती है। अब आपको हार्टअटैक और कार्डियक अरेस्ट बीच का अंतर समझाता हूं । इसके लिए आपको दो तस्वीरें के दिखाता हूं। जो नसें ब्लड को हार्ट पहुंचाती हैं वो ब्लॉक हो जाती हैं जिससे हार्ट तक ब्लड पहुंचना कम या बंद हो जाता है उस स्थिति को हार्ट अटैक कहते हैं, इस तस्वीर में आप नॉर्मल आर्टरीज और ब्लॉक्ड आर्टरीज देखिए...। ये ब्लॉकेज ज़्यादा फैट- कॉलेस्ट्रॉल और गलत खानपान की वजह से हो जाता है। दूसरी तस्वीर कार्डियक अरेस्ट की है। इसमे हार्ट के अंदर इलेक्ट्रिकल प्रॉब्लम शुरू हो जाती है। इसमे हार्ट धड़कने की स्पीड बहुत बदल जाती है। कई बार हार्ट धड़कना भी बंद कर देता है और मरीज की मौत हो जाती है।

कोरोना के बाद देश और दुनियाभर में हार्ट अटैक के मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं, दुनियाभर के एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस वायरस की वजह से लोगों का दिल पहले से कमज़ोर हुआ है...ब्रिटेन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन के मुताबिक, कोरोना के दौरान अस्पतालों में भर्ती हुए मरीजों में किस तरह ब्लॉकेज की बीमारी बढ़ी हैं...वो बताता हूं। ब्ल्ड क्लॉटिंग - 27 गुना ज़्यादा। हार्टफेल - 21 गुना ज़्याादा। ब्रेन स्ट्रोक- 17 गुना ज़्यादा। कोरोना के जाने का बाद भी लोगों पर इसका असर बना हुआ है इसलिए अपने हॉर्ट को लेकर बहुत सावधान रहें और हो सके तो अपने डॉक्टर की सलाह लेकर जांच ज़रूर कराएं।

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