राज्यसभा में आज NDA की अगली 'अग्निपरीक्षा', समझिए उच्च सदन का नंबर गेम, यहां पारित होने पर वक्फ बिल बन जाएगा कानून

Waqf Amendment Bill in Rajya Sabha : उच्च सदन में इस विधेयक को पारित कराने में भाजपा को कोई मुश्किल नहीं आएगी। संसद का बजट सत्र 4 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। इसे देखते हुए सरकार की कोशिश राज्यसभा से इस विधेयक को पारित कराने की होगी। संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद वक्फ संशोधन विधेयक कानून बन जाएगा।

Rajya sabha

अब राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पर होगी बहस।

Waqf Amendment Bill in Rajya Sabha : लोकसभा ने गुरुवार रात वक्फ संशोधन विधेयक-2025 ध्वनिमत से पारित हो गया। विधेयक पर करीब 13 घंटे की लंबी बहस के बाद मत विभाजन हुआ। इस मत विभाजन में विधेयक के समर्थन में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े। लोकसभा में पारित हो जाने के बाद यह विधेयक गुरुवार को राज्यसभा में पेश होगा। राज्यसभा में भी इस विधेयक पर चर्चा होगी और फिर मत विभाजन होगा। लोकसभा की तरह यहां भी आंकड़े और नंबर गेम NDA के साथ है। एक्सपर्ट का मानना है कि उच्च सदन में इस विधेयक को पारित कराने में भाजपा को कोई मुश्किल नहीं आएगी। संसद का बजट सत्र 4 अप्रैल को समाप्त हो रहा है। इसे देखते हुए सरकार की कोशिश राज्यसभा से इस विधेयक को पारित कराने की होगी। संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद वक्फ संशोधन विधेयक कानून बन जाएगा।

उच्च सदन में अभी कुल सदस्यों की संख्या 236

राज्यसभा में नंबर गेम की बात करें तो अभी इस उच्च सदन में कुल सदस्यों की संख्या 236 है। राज्यसभा में वक्फ संशोधन बिल पास कराने के लिए सरकार को 119 सांसदों के समर्थन की जरूरत है। मनोनीत और निर्दलीय सदस्यों को मिलाकर एनडीए का आंकड़ा 125 तक पहुंच जाता है। वहीं विपक्षी दलों की बात करें तो वहां उनकी 95 है। वहीं 16 सदस्य ऐसे हैं जिन पर अभी सस्पेंस बना हुआ है। आइये जानते हैं राज्यसभा में क्या है नंबर गेम।

वक्फ बिल का समर्थन करने वाले NDA के दल

बीजेपी-98

जेडीयू-4

एनसीपी-3

टीडीपी-2

जेडीएस-1

आरपीआई (अठावले) -1

शिवसेना-1

एजीपी-1

आरएलडी-1

यूपीपीएल-1

आरएलएम-1

पीएमके-1

टीएमसी एम-1

एनपीपी-1

निर्दलीय-2

मनोनीत-6

कुल 125

वक्फ विधेयक की खिलाफत करने वाले दल (इंडिया गठबंधन )

कांग्रेस-27

टीएमसी-13

डीएमके-10

एसपी-4

आप-10

वाईएसआरसी-7

आरजेडी-5

जेएमएम-3

सीपीआईएम-4

सीपीआई-2

आईयूएमएल-2

एनसीपी -पवार- 2

शिवसेना -यूबीटी- 2

एजीएम-1

एमडीएमके-1

केसीएम-1

निर्दलीय-1

कुल 95

वक्फ बिल पर सस्पेंस रखने वाले दलबीआरएस-4

बीजेडी-7

एआइएडीएमके-4

बीएसपी-1

कुल 16

रिजिजू ने दिया विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में वक्फ संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सरकार के इस कदम को मुस्लिम विरोधी बताने के कई विपक्षी सदस्यों के दावों को खारिज करते हुए कहा कि इस विधेयक को मुसलमानों को बांटने वाला बताया जा रहा है, जबकि सरकार इसके जरिए शिया, सुन्नी समेत समुदाय के सभी वर्गों को एक साथ ला रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार तो देश में सबसे छोटे अल्पसंख्यक समुदाय पारसी को भी बचाने के लिए प्रयास कर रही है। रिजिजू ने कहा, ‘विपक्ष सरकार की आलोचना कर सकता है, लेकिन यह कहना कि हिंदुस्तान में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है, सही नहीं है।’

'भारत से ज्यादा अल्पसंख्यक कहीं सुरक्षित नहीं'

उन्होंने कहा, ‘मैं खुद अल्पसंख्यक हूं और कह सकता हूं कि भारत से ज्यादा अल्पसंख्यक कहीं सुरक्षित नहीं हैं। हर अल्पसंख्यक समुदाय शान से इस देश में जीवन जीता है।’ उन्होंने विपक्षी सदस्यों को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘सदन में इस तरह देश को बदनाम करना....आने वाली पीढ़ियां आपको माफ नहीं करेंगी।’ मंत्री ने कहा कि विधेयक के पारित होने के बाद देश के करोड़ों मुसलमान प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देंगे। रिजिजू के जवाब के बाद सदन ने अनेक विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को खारिज करते हुए 232 के मुकाबले 288 मतों से वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को पारित किया। सदन ने मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 को भी ध्वनिमत से मंजूरी दे दी।

इन दलों ने किया विधयेक का विरोध

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल भाजपा के सहयोगी दलों जद(यू), तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), जनसेना और जनता दल (सेक्यूलर) ने वक्फ (संशोधन) विधेयक का समर्थन किया। झारखंड में भाजपा की सहयोगी आजसू ने भी विधेयक का समर्थन किया।

कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक एवं अन्य विपक्षी दलों ने विधेयक को असंवैधानिक और मुसलमानों की जमीन हड़पने वाला बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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