Operation Kaveri:कैसे पड़ा ऑपरेशन कावेरी नाम? सूडान से अब तक कितने भारतीयों को बचाया गया; यहां जानें सबकुछ

Operation Kaveri: ऑपरेशन कावेरी के तहत अब तक सूडान में फंसे भारतीयों के दो जत्थे जेद्दा एयरपोर्ट पहुंच चुके हैं। 135 भारतीयों को लेकर तीसरा जत्था भी सूडान से जेद्दा एयरपोर्ट के लिए रवाना हो चुका है। सूडान में करीब 3000 भारतीय फंसे हुए हैं।

सूडान में भारत का निकासी अभियान ऑपरेशन कावेरी (@MEAIndia)

Operation Kaveri: सूडान (Sudan) इन दिनों संघर्ष की आग में जल रहा है। इस लड़ाई का केंद्र अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) और सेना के बीच छिड़ा यु्द्ध है। दोनों सूडान (Sudan Conflict) में अपने दबदबे के लिए संघर्षरत हैं। इस लड़ाई में अब तक 400 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और करीब 10 दिन से देश युद्ध का मैदान बना हुआ है। इस बीच मोदी सरकार (Modi Government) ने सूडान (Sudan War) में फंसे भारतीयों को बचाने के लिए ऑपरेशन कावेरी (What is operation Kaveri) शुरू किया है। इसके तहत युद्धग्रस्त देश में फंसे करीब 3000 भारतीयों की वापसी के लिए निकासी अभियान चलाया जा रहा है।

भारत सरकार ने इस ऑपरेशन का नाम 'ऑपरेशन कावेरी'(Operation Kaveri kya hai) दिया है। इससे पहले भारत ने अफगानिस्तान में तालिबान का शासन होने के बाद वहां 'ऑपरेशन देवी शक्ति' (Operation Devi shakti) चलाया था। वहीं रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के लिए 'ऑपरेशन गंगा'(Operation Ganga) चलाया गया था। भारत सरकार द्वारा विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए चलाए गए ऑपरेशन को इस तरह नाम देने की एक खास वजह होती है? आइए जानते हैं सूडान में कितने भारतीय फंसे हैं? अब तक कितनों को बचाया गया और इसे ऑपरेशन कावेरी नाम क्यों दिया गया है?

कितने भारतीय फंसे हैं? भारत सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, सूडान के अलग-अलग इलाकों में करीब 3000 भारतीय फंसे हुए हैं। इसमें ज्यादातर लोग भारत के दक्षिणी राज्यों में से हैं। जानकारी के मुताबिक, सूडान के बंदरगाह पर करीब 500 भारतीय पहुंच चुके हैं। इन भारतीयों को भारतीय वायु सेना के विमान सी- 130 और INS सुमेधा के जरिए भारत लाया जा रहा है।

अब तक कितने भारतीयों को निकाला गया?सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं। विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, वायुसेना के सी-130जे विमान से 135 अन्य भारतीयों को लेकर तीसरा जत्था सूडान से रवाना हो गया। यह जेद्दा एयरपोर्ट पहुंचेगा। इससे पहले विदेश राज्य मंत्री ने वायु सेना के इसी विमान से 148 लोगों की दूसरे जत्थे की जेद्दा एयरपोर्ट पर अगवानी की। वहीं इससे पहले नौसेना के पोत आईएनएस सुमेधा से 278 भारतीयों को जेद्दा बंदगाह पहुंचाया गया था।

अब जानिए क्यों पड़ा ऑपरेशन कावेरी नामएक रिपोर्ट के मुताबिक, सूडान में फंसे ज्यादातर भारतीय दक्षिणी राज्यों के हैं। ऐसे में इस ऑपरेशन को कावेरी नाम दिया गया है। दरअसल, कावेरी कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्यों में बहने वाली प्रमुख नदियों में से एक है। यह नदी इस क्षेत्र की पवित्र नदी मानी जाती है। यहां के लोग इस नदी की पूजा कावेरीअम्मा (मां कावेरी) के रूप में करते हैं। सूत्रों के मुताबिक, मां के रूप में यह नदी तमाम बाधाओं के बावजूद अपने गंतव्य तक पहुंचती है। भारत सरकार ने इस अपॅारेशन की बागडोर केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन को दी है। वह केरल से ही आते हैं।

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