Operation Northern Arrow: तकनीक के सामने घुटने टेकते दिखे इजरायल के दुश्मन, हिजबुल्लाह की भी टूटी रीढ़

Operation Northern Arrow: तेल अवीव के दुश्मन तकनीक के सामने घुटने टेकते नजर आ रहे हैं। इस बीच हिजबुल्लाह की कमर भी टूट गई है। युद्ध मशीनरियों के सतत विकास, शोध और उत्पादन में इजरायल ने भारी निवेश किया है। यहीं चीज इजरायली जंगी संस्थानों को बेमिसाल बनाती है। आपको कुछ खास पहलुओं को समझना चाहिए।

इजरायली सेना ने किया हिजबुल्लाह का काम तमाम!

Israel vs Hezbollah: 70 के दशक का उत्तरार्ध था, मिस्र, सीरिया और जॉर्डन ने एक साथ इजरायल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सरसरी तौर पर अरब देशों के इस हमले के सामने यहूदी राष्ट्र को घुटने टेक देने चाहिए थे, लेकिन जो हुआ वो तारीख का पन्नों में दर्ज हो गया। इजरायल ने जमीन से लेकर आसमान तक में अपने जंगी कुव्वत का परचम लहरा दिया। 1967 की वो जंग इजरायलियों की ताकत का शानदार नमूना बन गयी। काबिले गौर है कि उस वक्त मिस्र के पास फाइटर जेट का बड़ा जंगी बेड़ा था, बावजूद इसके वो अपना करिश्मा दिखाने में पूरी तरह नाकाम रहा। जंग में हवाई बढ़त को लगातार कायम रखते हुए इजरायली हवाई जंगबाज़ों ने दुश्मनों के कई टैकों, बख्तरबंद गाड़ियों, बैट्रियों और एरियल डिफेंस सिस्टम को नेस्तनाबूत कर दिया। इस बात को मिस्र के तत्कालीन राष्ट्रपति गमाल अब्देल नासिर ने माना था कि रणभूमि में बढ़त हासिल करने में इजरायल का कोई सानी नहीं है। तेल अवीव अपनी इसी खासियत का आज भी बरकरार रखे हुए है।

लड़ाई के सभी मोर्चों पर बेमिसाल है इजरायल

बीते हफ्तों में दुनिया ने देखा कि किस तरह से वायरलैस वॉकी टॉकी और पेजर का इस्तेमाल करके IDF ने हिजबुल्लाह को निशाना बनाया। इजरायल के इस ऑप्रेशन में करीब 4,000 लोग घायल हुए या फिर मारे गए। जिस दौरान ये धमाके हुए हिजबुल्लाह के लड़ाकों के होश फाख्ता हो गए कि आखिर हो क्या रहा है? इतिहास के पन्ने पलटकर देखे तो माचिस की तीली और सिगरेट तक इजरायल के हथियार रहे है। जमीनी लड़ाइयों में पारगंत होने के साथ ही तकनीकी लड़ाइयों में इजरायल को महारत हासिल है। आज जिस सदी में दुनिया जी रही है, उसमें किसी भी अप्रत्याशित चीज को हथियार में तब्दील किया जा सकता है। कम्युनिकेशन डिवाइस, ड्रोन, टीवी और किसी भी तरह के रेडियो तरंगों से संचालित डिवाइस इजरायल के लिए हथियार है। हाल में ही सामने आया कि टोह लेने के लिए इजरायल कार में लगे कैमरों तक हैक कर सकता है। दुश्मन की सरजमीं की जानकारी हासिल करने के लिए दूर बैठकर ही इजरायली सेना किसी भी कार के कैमरे को हैक कर उसकी फुटेज का विश्लेषण कर जमीनी हमले का ड्राफ्ट तैयार कर सकती है। इस तरह से IDF ने हथियार, जंग और टोही अभियानों की अवधारणा लगभग बदल सी दी है। 57 साल पहले अब्देल नासिर ने इजरायल के जिस दबदबे और जंगी बढ़त की बात कहीं थी, आज भी वो इस मोर्चें पर श्रेष्ठता बनाए हुए है। जमीनी और तकनीकी धरातल पर तेल अवीव से जीतना दिवास्वप्न से ज्यादा कुछ नहीं है। IDF हर उस हमले के लिए तैयार है, जो कि सोच से परे है। हूती, हिजबुल्लाह और हमास खुद को इस स्तर पर लाने में नाकाम रहे है।

तेल अवीव के पास है तजुर्बा और तकनीक

युद्ध मशीनरियों के सतत विकास, शोध और उत्पादन में इजरायल ने भारी निवेश किया है। यहीं चीज इजरायली जंगी संस्थानों को बेमिसाल बनाती है। राष्ट्र के तौर पर जन्म से ही उसे कई हमलों और ऑप्रेशंस का सामना करना पड़ा, अनुभवजन्य ज्ञान को जब तकनीक का साथ मिला तो इजरायल में एक से एक हथियारों को बनाया गया। आज IWI (Israel Weapon Industries) के बनाए हथियार दुनिया भर में अपना लोहा मनवा रहे है। प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में तेल अवीव ने जो बेजोड़ काम किया, उसने शांतिकाल और युद्धकाल दोनों में ही उसे विजयश्री दिलवायी। भले ही रक्षा उत्पादों में उसका बाजार छोटा है लेकिन इस इंडस्ट्री ने इजरायल को आर्थिक सबलता भी दी है। आज थर्मो-डायनामिक्स, क्वाटंम कम्प्यूटिंग, रिमोट सेसिंग, आर्टिफिशिल इंटेलीजेंस, ब्लॉकचैन, साइबर सुरक्षा, रक्षा उत्पाद समेत चिकित्सा प्रौद्योगिकी और सिंचाई एवं कृषि के क्षेत्र में यहूदी राष्ट्र अमेरिका की बराबरी कर रहा है।
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