पहले बंगाल, फिर बिहार और पंजाब, अब यूपी में INDIA को खतरा? बदल रहे अखिलेश यादव के सुर
Opposition Alliance in Danger: पहले पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने विपक्षी गठबंधन INDIA से कन्नी काटी, फिर पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कांग्रेस को तेवर दिखाए, नीतीश के पलटी मारने की चर्चा चल ही रही है कि उत्तर प्रदेश से भी विपक्ष के लिए शुभ संकेत नहीं आए हैं। अब अखिलेश यादव के सुर बदले-बदले से लग रहे हैं।
ममता बनर्जी, नीतीश कुमार के बाद अखिलेश यादव?
Akhilesh Yadav Slams Congress: विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूजिव अलायंस (INDIA) की एकजुटता के तमाम दावों की पोल उस वक्त खुल गई, जब पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। इसके बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान ने भी साफ कर दिया कि सूबे की सभी 13 सीटों पर आम आदमी पार्टी ही चुनाव लड़ेगी, विवादों का सिलसिला यहीं नहीं थमा। जिस नीतीश कुमार ने इस गठबंधन INDIA की पहल की थी, उन्होंने खुद एक बार फिर पलटी मारने का मूड बना लिया है। बिहार में सियासी पारा सातवें आसमान पर है। इसी बीच अब उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के सुर भी बदले-बदले नजर आ रहे हैं।
अखिलेश की नजर में INDIA में टूट की वजह कांग्रेस
विपक्षी गठबंधन INDIA में दरार के लिए अखिलेश यादव ने कांग्रेस को असल जिम्मेदार करार दिया है। एक निजी मीडिया हाउस से बातचीत में अखिलेश ने कहा कि गठबंधन सहयोगियों के साथ चर्चा और बातचीत में पार्टी को जो उत्साह दिखाने की जरूरत थी, वह दिखाई नहीं दे रहा है। कांग्रेस को आगे आना चाहिए था।
अखिलेश यादव यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि 'कांग्रेस को आगे आना चाहिए था। भारत गठबंधन पर चर्चा करने और उससे जुड़ने में कांग्रेस को जो उत्साह दिखाने की जरूरत थी, वह गायब था।' आगामी लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी के साथ प्रचार करने को लेकर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी। अखिलेश ने कहा कि 'आने वाला समय बताएगा कि ये सहयोग सफल होता है या नहीं।' इशारा समझना आसान है, अखिलेश भी कांग्रेस से खफा-खफा हैं। ऐसे में अगर अखिलेश भी विपक्षी गठबंधन से कन्नी काट लेते हैं तो इसमें कोई हैरानी नहीं होगी।
अगर अखिलेश ने तोड़ा गठबंधन, तो क्या होगी वजह?
मध्य प्रदेश चुनाव में कांग्रेस का धोखा अखिलेश अब तक भुला नहीं पाए होंगे। उस वक्त कांग्रेस और सपा के बीच जमकर जुबानी जंग देखी गई थी। अखिलेश के खिलाफ कांग्रेस के कई दिग्गज तीखी बयानबाजी कर रहे थे और खुद सपा के मुखिया ने भी कांग्रेस को खरी-खोटी सुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। ममता ने तो कांग्रेस से नाता तोड़ लिया, नीतीश भी उसी राह पर हैं तो क्या अब अगला नंबर अखिलेश का है?
पहले पश्चिम बंगाल में पड़ी दरार, फिर पंजाब और बिहार
अलायंस में रही ममता की पार्टी टीएमसी का सबसे बड़ा दर्द यही है कि राज्य में कांग्रेस का सलूक उनके साथ ठीक नहीं था। ममता बनर्जी और उनकी पार्टी ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। इसकी वजह ये थी कि INDIA गठबंधन में शामिल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में यात्रा निकालती है और अपनी सहयोगी पार्टी टीएमसी और प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बुलाना तो दूर बताना भी उचित नहीं समझती है।
बीते कई दिनों से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी की बेलगाम जुबान से भी ममता आजिज आ गई थी। टीएमसी सांसद ने तो साफ शब्दों में कहा कि INDIA गठबंधन से अलग होने की तीन वजहें हैं, 1- अधीर रंजन चौधरी, 2- अधीर रंजन चौधरी, 3- अधीर रंजन चौधरी। पश्चिम बंगाल के बाद पंजाब में भी गठबंधन का फॉर्मूला काम नहीं कर रहा है।
पंजाब में आम आदमी नहीं करेगी किसी तरह का समझौता
अब आम आदमी पार्टी (AAP) ने अलायंस से अलग होने का संकेत दे दिया है। पंजाब में कांग्रेस के साथ गठबंधन पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बीते बुधवार को कहा था कि देश में पंजाब हीरो बनेगा। लोकसभा चुनाव में पंजाब में आप सभी 13 सीटें जीतेगी। सीएम ने कहा हम सभी 13 सीटों पर लड़ रहे हैं पंजाब में कांग्रेस से हमारा कोई समझौता नहीं। मान ने कहा कि पंजाब में 13 लोकसभा सीट के लिए करीब 40 उम्मीदवार शार्ट लिस्ट किए गए हैं। पार्टी लोकसभा की 13 सीटों के लिए सर्वे करा रही है। मान का यह बयान संकेत देता है कि केजरीवाल की पार्टी पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है।
बिहार और उत्तर प्रदेश में लगने वाला है बड़ा झटका?
नीतीश कुमार ने बिहार की सियासी सरगर्मी बढ़ा रखी है। दावा किया जा रहा है कि वो कभी भी महागठबंधन की सरकार गिराकर भाजपा के साथ मिलकर नई सरकार बना सकते हैं। याद दिला दें, नीतीश कुमार ही वो नेता हैं जिन्होंने विपक्षी दलों को एक साथ लाकर INDIA गठबंधन की नींव रखी थी। ऐसे में अगर वो ही इससे नाता तोड़ लेते हैं तो इस गठबंधन का अस्तित्व भला कहां बचेगा।
यूपी का हाल भी कुछ ऐसा ही है, हालांकि अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस पर छोटे दलों को साथ लेकर चलने की बड़ी जिम्मेदारी है। आगामी लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने संबंधी बयान को लेकर पत्रकारों के सवाल पर यादव ने कहा, 'ममता बनर्जी ने अकेले लड़ने के लिए कहा है, इसलिए कांग्रेस को उन्हें मनाना चाहिए। छोटे दलों को साथ लाने की कांग्रेस की बड़ी जिम्मेदारी है।'
विपक्षी दलों का गठबंधन ताश के पत्तों की तरह बिखर रहा है, मोदी और भाजपा को हराने का लक्ष्य लेकर एकसाथ आने वाली सभी पार्टियां INDIA गठबंधन से अलग हो रही हैं। पश्चिम बंगाल और बिहार के बाद सबकी निगाहें उत्तर प्रदेश पर है। 80 लोकसभा सीटों वाला यूपी किसी भी पार्टी की सरकार बनाने और गिराने की क्षमता रखता है।
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