भारत से मुकाबले के लिए समुद्र में 'जिन्ना' को उतार रहा पाकिस्तान, BRAHMOS के मुकाबले SMASH में कितना दम?
पाकिस्तानी नौसेना अपने पहले स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित जिन्ना-क्लास फ्रिगेट को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है, जो देश की नौसेना बलों को आधुनिक बनाने और रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में उसका अहम कदम है।

समुद्र में पाकिस्तान का मंसूबा (@Raad_Pak)
BRAHMOS Vs SMASH: भारत से मुकाबले के लिए पाकिस्तान जिन्ना-क्लास फ्रिगेट लॉन्च करने की तैयारी में है। साथ ही उसका मकसद भारत के ब्रह्मोस से मुकाबला करने का भी है। पाकिस्तान ने इस युद्धपोत को घातक SMASH एंटी-शिप बैलिस्टिक सुपरसोनिक मिसाइलों से लैस करने का मंसूबा बनाया है। जिन्ना-क्लास फ्रिगेट कार्यक्रम की एक खास विशेषता SMASH सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली का एकीकरण है जो एक अत्याधुनिक, घरेलू रूप से विकसित हथियार जिसे नौसेना और भूमि-आधारित दोनों लक्ष्यों पर विनाशकारी सटीकता के साथ हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है।
जिन्ना-क्लास फ्रिगेट लॉन्च करने की तैयारी
पाकिस्तानी नौसेना अपने पहले स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित जिन्ना-क्लास फ्रिगेट को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है, जो देश की नौसेना बलों को आधुनिक बनाने और रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में उसका अहम कदम है। पाकिस्तानी नौसेना आठ जिन्ना श्रेणी के फ्रिगेट बनाने की योजना बना रही है।
क्या-क्या खासियतें?अत्याधुनिक जिन्ना श्रेणी का यह युद्धपोत अत्याधुनिक सेंसरों, उन्नत हथियार प्रणालियों और स्वदेशी SMASH सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली से लैस होगा। पाकिस्तान को उम्मीद है कि यह नौसेना रक्षा प्रौद्योगिकी में उसकी क्षमता में बढ़ोतरी करेगा और भारत के मुकाबले में उसे ला खड़ा करेगा। जिन्ना श्रेणी के इस फ्रिगेट को विभिन्न प्रकार के लड़ाकू अभियानों के लिए डिजाइन किया गया है, जिनमें सतह-रोधी युद्ध, पनडुब्बी-रोधी युद्ध और वायु रक्षा अभियान शामिल हैं।
तुर्की का बड़ा हाथ
जिन्ना श्रेणी का यह युद्धपोत पाकिस्तान के समुद्री रक्षा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकता है। पाकिस्तान की ताकत में इजाफा करने में तुर्की का बड़ा हाथ है। पाकिस्तान के इस युद्धपोत को तुर्की के साथ मिलकर बनाए गए MILGEM क्लास के युद्धपोत की तकनीक और अनुभवों के आधार पर बनाया है। तुर्की के इस प्रोजेक्ट की वजह से पाकिस्तानी इंजीनियरों और शिपबिल्डर्स को युद्धपोत को डिजाइन करने और उसका निर्माण करने की क्षमता हासिल हुई है। तुर्की की वजह से अब पाकिस्तान स्वदेशी स्तर पर युद्धपोत बनाने में सक्षम हुआ है।
स्टील्थ तकनीक से लैस
पाकिस्तान का दावा है कि यह स्टील्थ तकनीक से लैस है जिससे यह रेडार की पकड़ में कम आएगा और दुश्मन के हमले से बचना आसान रहेगा। इसमें शक्तिशाली प्रपल्शन सिस्टम भी लगा हुआ है जिससे तेजी से अभियान को अंजाम दिया जा सकेगा। इससे यह युद्धपोत पाकिस्तानी और अंतरराष्ट्रीय समुद्री इलाके में तेजी से गश्त लगा सकेगा। दावा है कि इस युद्धपोत में ऐसा ट्रैकिंग सिस्टम लगा है जो संभावित दुश्मन के खतरे के बारे में इसे तुरंत आगाह कर देगा।
ब्रह्मोस के मुकाबले कितना दम?
पाकिस्तान का दावा है कि उसकी घरेलू सुपरसोनिक मिसाइल SMASH एंटी शिप और जमीन पर हमला करने में सक्षम है। पाकिस्तानी नौसेना के मुताबिक यह मिसाइल 350 किमी तक मार कर सकती है। इस दौरान इसकी स्पीड 2.5 मैक रहेगी। उसका दावा है कि यह मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम वाले इलाके में भी हमला करने में सक्षम है। वहीं भारत की ब्रह्मोस मिसाइल 2.8 मैक की रफ्तार से हमला करती है, जो दुनिया में सबसे तेज क्रूज मिसाइल है। ब्रह्मोस मिसाइल 400 किमी से ज्यादा दूरी तक हमला करने में सक्षम है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। एक्सप्लेनर्स (Explainer News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

प्रधानमंत्री मोदी के कनाडा जी-7 शिखर सम्मेलन में जाने के आसार कम, ट्रूडो की विदाई के बावजूद क्यों फंसा पेंच?

Explained: जेलेंस्की के आक्रमक हमलों से झुकेंगे पुतिन या फिर यूक्रेन पर बरपाएंगे कहर? तीसरे विश्वयद्ध के मुहाने पर खड़ी है दुनिया!

जेलेंस्की का कबूलनामा... 117 ड्रोन से रूस पर किया हमला, ऑपरेशन रहा कामयाब; समझिए क्या फिर होगी दोनों देशों के बीच भयंकर जंग

आखिर कैसे एक के बाद एक पांच रूसी एयरबेस पर हमला कर गया यूक्रेन, जिसमें ध्वस्त हो गए 41 बॉम्बर; पढ़िए जेलेंस्की के सबसे खतरनाक मिशन की कहानी

'पाकिस्तान है तकफीरीवाद का केंद्र...' AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अल्जीरिया में बताया पाक का ग्रे लिस्ट में आना क्यों जरूरी
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited