देश के पहले चुनावी भाषण में मुस्लिम लीग के खिलाफ गरजे थे पंडित नेहरू, 25000 मील की तय की थी यात्रा

First Lok Sabha Election in India: पंडित नेहरू ने चुनाव की घोषणा के बाद 1 अक्टूबर, 1951 से अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया। कुछ ही महीनों में पंडित नेहरू ने देश के कोने-कोने में चुनाव प्रचार किया। एक रिपोर्ट के अनुसार, इसके लिए उन्होंने कुल 25000 मील की दूरी तय की थी। इसमें 18000 मील हवाई रास्ते, 5200 मील कारों, 1600 मील रेल और 90 मील नावों पर बैठकर तय किया था।

JL Nehru

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First Lok Sabha Election in India: लोकसभा से लेकर विधानसभा और प्रधानी के चुनाव में एक बड़ा हिस्सा चुनाव प्रचार का होता है। भले ही अब चुनाव प्रचार बहुत ही हाईटेक हो गया हो, बदलती टेक्नोलॉजी ने इसे बहुत ही चकाचौंध से भर दिया हो, चुनावी फीवर से लेकर जनता का मूड सोशल मीडिया पर मापा जा रहा हो, लेकिन प्रत्याशी को चुनाव जीतने के लिए जमीन पर उतरना ही पड़ता है। राजनीति में शायद जमीन पर सक्रियता का कोई विकल्प भी नहीं है। यही कारण है कि सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष की हर छोटी-बड़ी पार्टी लोगों के बीच जाकर धुआंधार रैलियां कर रही है।

हालांकि, यहां हम बात देश की पहली चुनावी रैली की करेंगे। देश की आजादी के दो साल बाद ही भारत में चुनाव आयोग की स्थापना कर दी गई थी। मार्च, 1950 में सुकुमार सेन को पहला चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया। वह पश्चिम बंगाल में मुख्य सचिव के पद पर तैनात थे, जाहं से उन्हें मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर दिल्ली लाया गया था।

पहले चुनाव की घोषणा

सुकुमार सेन ने चुनाव आयुक्त बनते ही देश में पहले आम चुनाव की घोषणा कर दी। ये चुनाव 25 अक्टूबर 1951 से 21 फरवरी 1952 के बीच आयोजित किए गए थे। देश का पहला आम चुनाव 489 सीटों पर लड़ा गया था, जिसमें 53 राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया था और 1874 उम्मीदवार मैदान में थे। चुनाव की घोषणा होते ही पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया।

25000 मील चले पंडित नेहरू

पंडित नेहरू ने चुनाव की घोषणा के बाद 1 अक्टूबर, 1951 से अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया। यह वह दौर था जब पंडित नेहरू कांग्रेस के स्टार कैंपेनर और प्रधानमंत्री पद का मुख्य चेहरा थे। कुछ ही महीनों में पंडित नेहरू ने देश के कोने-कोने में चुनाव प्रचार शुरू कर दिया। एक रिपोर्ट के अनुसार, इसके लिए उन्होंने कुल 25000 मील की दूरी तय की थी। इसमें 18000 मील हवाई रास्ते, 5200 मील कारों, 1600 मील रेल और 90 मील नावों पर बैठकर तय किया था।

नेहरू का पहला चुनावी भाषण

एक रिपोर्ट के अनुसार, पंडित नेहरू का पहला चुनावी भाषणा पंजाब के लुधियाना में हुआ था। यहां उन्होंने, मुस्लिम लीग का उदाहरण देते हुए सांप्रदायिक दलों पर जमकर हमला बोला। पंडित नेहरू ने कहा, वो लोग हिंदू और सिख संस्कृति के नाम पर सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे रहे हैं, जैसा एक ज़माने में मुस्लिम लीग ने किया था।

नेहरू का दूसरा चुनावी भाषण

पंडित नेहरू का दूसरा चुनावी भाषण 2 अक्टूबर को गांधी जयंत के दिन दिल्ली में आयोजित हुआ था। इस भाषण में उन्होंने कहा था कि कांग्रेस पार्टी छुआछूत और ज़मींदारी की प्रथा मिटाने के लिए संकल्परत है। अगर कोई शख्स धर्म के नाम पर किसी दूसरे शख्स पर हाथ उठाता है, उससे वो अपनी आखिरी सांस तक लड़ेंगे। नेहरू का यह भाषण करीब डेढ़ घंटे का था।

364 सीटों पर जीती थी कांग्रेस

देश में हुए आम चुनावों के जब परिणाम जारी हुए तो कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिला। कांग्रेस ने अकेले 364 सीटों पर जीत हासिल की थी। दूसरे नंबर पर 3.27 फीसदी वोट के साथ भाकपा 16 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई थी।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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