सावधान! Unsecured Loan लेने की प्लानिंग कर रहे हैं? ध्यान में रखें ये 5 बातें

Unsecured Loan: अनसेक्योर्ड लोन के मामले में उधारकर्ता को लोन लेने के लिए किसी कोलैट्रल को गिरवी रखने की ज़रूरत नहीं होती है। पर्सनल लोन, सेलरी लोन, तथा क्रेडिट कार्ड असुरक्षित लोन के कुछ उदाहरण हैं। अगर आप अनसेक्योर्ड लोन की तलाश कर रहे हैं, यहां कुछ पहलू दिए गए हैं जिनकी आपको जानकारी ज़रूर होनी चाहिए।

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असुरक्षित लोन लेने से पहले सोच विचार करना चाहिए

Unsecured Loan: बात चाहे जीवन के किसी लक्ष्य को फंड करने की हो या कैश की कमी को दूर करने का सवाल हो, लोन काफी उपयोगी साबित होते हैं। न केवल लोन से तत्काल फंड मिल जाता है, बल्कि बड़े खर्च करना अफॉर्डेबल भी हो जाता है। जीवन का लक्ष्य, जैसे घर खरीदना, कारोबार शुरु करना, या अपने बच्चे की हायर एजुकेशन को फंड करना हो, ये कुछ मंहगे खर्च हैं जिनको पूरा करने में लोन से सहायता मिल सकती है।

लोन खास तौर पर दो तरह के होते हैं- सेक्योर्ड लोन और अनसेक्योर्ड लोन। सेक्‍योर्ड लोन, जैसे होम लोन, कार लोन, तथा लोन अगेन्स्ट एफडी के मामले में, उधारकर्ता को कोलैट्रल सिक्यूरिटी को उधारदाता के पास गिरवी रखना होता है। दूसरी तरफ, अनसेक्योर्ड लोन के मामले में उधारकर्ता को लोन लेने के लिए किसी कोलैट्रल को गिरवी रखने की ज़रूरत नहीं होती है। पर्सनल लोन, सेलरी लोन, तथा क्रेडिट कार्ड असुरक्षित लोन के कुछ उदाहरण हैं। अनसेक्योर्ड लोन ऐसे सबसे जाने पहचाने लोन होते हैं जिनको उधारकर्ताओं द्वारा आमतौर पर लिया जाता है। यदि आप अनसेक्योर्ड लोन की तलाश कर रहे हैं, यहां कुछ पहलू दिए गए हैं जिनकी आपको जानकारी ज़रूर होनी चाहिए।

असुरक्षित लोन कौन ले सकता है?ऐसे उधारकर्ता जो सेक्‍योर्ड लोन लेने की योग्यता नहीं रखते हैं, वे अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अनसेक्योर्ड लोन लेने पर विचार कर सकते हैं। अनसेक्योर्ड लोन के साथ आमतौर पर ब्याज की उच्च दरें जुड़ी रहती हैं तथा डिफाल्ट करने पर पेनल्टी भी देनी पड़ती है। अनसेक्योर्ड लोन के लिए आवेदन करने से पहले, उधारकर्ताओं को यह तय कर लेना चाहिए कि उनके पास अपने लोन के बारे में डिफाल्ट से बचने के लिए एक मजबूत रिपेमेंट प्लान है, और यदि डिफाल्ट किया जाता है, तो उसके लिए भारी पेनल्टी चुकानी पड़ सकती है।

आपको यह लोन कब लेना चाहिए और कब इससे बचना चाहिए? अनसेक्योर्ड लोन मंहगे होते हैं। उनको नीचे दी गई स्थितियों में लिया जाना चाहिए:-

  • फंड्स की व्यवस्था करने के लिए आपके पास यही एकमात्र ऑप्शन है।
  • क्योंकि लोन की अवधि कम समय की होती है, आपके पास इसको चुकाने की मजबूत योजना है।
  • आप प्रीपेमेंट चार्ज मैनेज कर सकते हैं।
अनसेक्योर्ड लोन लेना एक खराब फाईनेंशियल फैसला हो सकता है, अगर आपने इसे नीचे दी गई स्थितियों में लिया हो :-

  • आपका क्रेडिट स्कोर कम है।
  • आपके पास आमदनी का नियमित साधन नहीं है।
  • आप लोन नहीं चुका सकते हैं, क्योंकि इसके साथ उच्च ब्याज जुड़ा रहता है।
अनसेक्योर्ड लोन लेते समय इन बातों पर विचार किया जाना चाहिएअपने क्रेडिट स्कोर की जांच कर लें:-

आपकी एप्लिकेशन पर विचार करते समय उधारदाता जिन फैक्टर्स पर विचार करते हैं, उनमें आपका क्रेडिट स्कोर सबसे ज्यादा मायने रखता है। उच्च क्रेडिट स्कोर से आप ब्याज दर और लोन के दूसरे नियमों और शर्तों के बारे में अपने हित का ध्यान रखते हुए मोल-भाव कर सकते है।

आमदनी का स्टेबल स्रोस:-

यह निश्चित कर लें कि आप निरन्तर आमदनी प्राप्त करते हैं। नियमित तौर पर और समय पर आप लोन की रिपेमेंट कर सकेंगे, इसलिए उधारदाता इसको एस्सेस करते हैं।

दरों की तुलना करें:-

अलग-अलग उधारदाता लोन पर अलग-अलग दरें ऑफर करते हैं। इसलिए, अपने लोन के लिए उधारदाता को तय करने से पहले, आपको ब्याज दरों की तुलना कर लेनी चाहिए। अनसेक्योर्ड लोन मंहगे होते हैं, और इस संबंध में अलग-अलग उधारदाताओं के बारे में जानकारी इकठ्ठी करके, आप अपने लिए सबसे बेहतर उपलब्ध डील को चुन सकते हैं, जिससे आप पैसा बचा पाएंगे।

फीस और चार्ज:-

लोन को अंतिम रूप से तय करने से पहले, चार्ज की जांच कर लें जैसे प्रोसेसिंग फीस, प्रीपेमेंट चार्ज, देरी से पेमेंट करने की फीस आदि, जो आपके लोन पर लागू होते हैं।

छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज न करें:-

लोन पर लागू नियम और शर्तों को पढ़ लें, खास तौर पर छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें। इससे आपको यह बात समझ में आ जाएगी कि उधारदाता के साथ लोन के समझौते में क्या-क्या बातें शामिल हैं।

क्या होता है यदि आप लोन की सर्विसिंग नहीं कर पाते हैं?

अनसेक्योर्ड लोन छोटी अवधि के लिए दिए जाते हैं, जिसके कारण ईएमआई मंहगी साबित होती है। ईएमआई रिपेमेंट के बारे में चूक करने से आपको बहुत अधिक पेनल्टी देनी पड़ सकती है, जिससे आपके कर्ज का बोझ बढ़ जाएगा। नतीजे के तौर पर, आपका क्रेडिट स्कोर भी प्रभावित हो सकता है जिससे भविष्य में लोन लेने की आपकी संभावना खत्म हो सकती है।

अनसेक्योर्ड लोन के विकल्प

यदि आपके पास सिक्यूरिटी के रूप में गिरवी रखने के लिए एस्सेट है, तथा आप सेक्योर्ड लोन के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया को पूरा करते हैं, तो अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए इसे लेने पर विचार करें क्योंकि यह कम खर्चीला साबित होगा। आप लोन लेने की बजाए अपने परिवार या मित्रों से भी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। कुछ अन्य विकल्प जैसे गोल्ड लोन या लोन अगेन्स्ट एफडी लेने पर भी विचार किया जा सकता है, और साथ ही इन दोनो को बैंकों से बहुत कम ब्याज दर पर लिया जा सकता है। कई मामलों में, आप डिजिटल गोल्ड निवेश जैसे एसजीबी के अगेन्स्ट भी लोन ले सकते हैं, यदि उनकी मैच्योरिटी अगले दो वर्षों की अवधि में होने वाली है।

ध्यान दें कि कुछ गैर-बैंक उधारदाता गोल्ड लोन के बारे में 25-40% जितनी उच्च ब्याज दर को चार्ज करके आपको फंसाने का धंधा कर सकते हैं। ब्याज का धंधा करने वाले अनरेगुलेटेड आदमियों से दूर रहें जिनके पास आपकी कोलैट्रल को सुरक्षित रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय मौजूद नहीं होते हैं। इसकी बजाए, रेगुलेटेड बैंक तथा एनबीएफसी से ही गोल्ड लोन लें।

यदि आप लोन ले रहे हैं, तो इसे एक फॉर्मल एग्रीमेंट माने तथा नियमों का पालन करें, खास तौर पर ऐसा रिपेमेंट के लिए ज़रूर करें। यदि आपने होम लोन या पर्सनल लोन लिया हुआ है और आपको और फंड्स की ज़रूरत है, तो टॉप-अप लोन लेने पर विचार करें, जिसे अक्सर बैंक अपने मौजूदा उधारकर्ताओं को देते हैं। आमतौर पर टॉप-अप लोन के अंतिम इस्तेमाल पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है, लेकिन कुछ बैंक टॉप-अप होम लोन का प्रयोग केवल घर से जुड़े उद्देश्यों के लिए ही करने देते हैं।

सार

क्योंकि अनसेक्योर्ड लोन के साथ कोलैट्रल नहीं होती है, इसलिए उनके साथ सेक्योर्ड लोन की तुलना में अधिक जोखिम जुड़ा रहता है। इसलिए, उधारदाता, अपने जोखिम को कम करने के लिए, आमतौर पर अनसेक्योर्ड लोन उच्च ब्याज दरों पर देते हैं। परिणामस्वरूप, इन लोन के लिए ईएमआई उच्च होती है। साथ ही, अनसेक्योर्ड लोन आमतौर पर छोटी अवधि यानी 12 से 60 महीनों की अवधि के लिए दिए जाते हैं। डिफाल्ट की स्थिति में, उधारकर्ता पर लगाई जाने वाली पेनल्टी भी काफी अधिक होती है, और इसलिए, उनके कर्ज के जाल में फंसने की संभावना भी अधिक होती है। लोन डिफाल्ट करने से उधारकर्ता के क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ सकता है जिससे भविष्य में लोन मिलने की उसकी संभावनाएं कम हो सकती हैं।

(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)

(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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