Independence Day: मनमोहन सिंह को आज पीछे छोड़ देंगे पीएम मोदी, किन मुद्दों पर कर सकते हैं बात? 5 पॉइंट में समझिए सबकुछ

15 August: स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पीछे छोड़ देंगे। लाल किले पर लगातार 11वीं बार तिरंगा फहराएंगे। वो ऐसा करने वाले देश के तीसरे प्रधानमंत्री बन जाएंगे। उनके अलावा जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने ये कीर्तिमान अपने नाम रखा है। आपको बताते हैं आज पीएम के संबोधन में क्या खास हो सकता है।

PM Modi Manmohan Singh

नरेंद्र मोदी, जवाहरलाल नेहरू और मनमोहन सिंह।

Independence Day Special: पीएम मोदी आज अपने नाम एक नया कीर्तिमान (Record) दर्ज करने जा रहे हैं। वो लाल किले से झंडा फहराने के मामले में मनमोहन सिंह को पीछे छोड़ने वाले हैं, हालांकि जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी की बराबरी कर पाने से वो फिलहाल दूर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लगातार 11वीं बार राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे। इस अवसर पर लालकिले की प्राचीर से अपने संबोधन में में जहां वह अपनी सरकार का एजेंडा रखते हैं, रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करते हैं, महत्वपूर्ण नीति और कार्यक्रम की घोषणा करते हैं वहीं देश के समक्ष ज्वलंत मुद्दों के बारे में बात भी करते हैं। आपको इस लेख में बताते हैं 5 खास बातें।

नेहरू और इंदिरा को कितनी बार मिला ये सम्मान?

स्वतंत्रता दिवस पर अपने तीसरे कार्यकाल के पहले संबोधन में वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पीछे छोड़ देंगे। मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 के दौरान लाल किले की प्राचीर से 10 बार तिरंगा फहराया था। इस मामले में मोदी जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। नेहरू को यह सम्मान 17 और इंदिरा को 16 बार मिला था।

बांग्लादेश के मुद्दे का संबोधन में पीएम करेंगे जिक्र?

‘विकसित भारत’ का विषय उनके संबोधन में प्रमुखता से छाया रह सकता है। माना जा रहा है कि वह अपने संबोधन में बांग्लादेश में संकट की स्थिति, विशेष रूप से अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाए जाने का उल्लेख भी कर सकते हैं। ऐसा इसलिए हो सकता कि कई हिन्दू संगठनों ने इस मुद्दे को मजबूती से उठाया है और उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हिंसा की घटनाओं का विरोध सड़क पर उतर कर किया है।

कल्याणकारी कार्यक्रमों के बारे में करेंगे चर्चा?

मोदी कम बहुमत के साथ लगातार तीसरी बार अपनी सरकार को मिले जनादेश के बारे में भी बोल सकते हैं और इस बात पर विस्तार से चर्चा कर सकते हैं कि पिछले 10 वर्षों में शुरू किए गए सुधारों, विकास कार्यक्रमों और कल्याणकारी उपायों ने लोगों के जीवन को कैसे प्रभावित किया है। प्रधानमंत्री के संबोधन में लोगों की नजर इस बात पर भी रहेगी कि क्या वह किसी नई पहल की घोषणा करते हैं या वर्तमान में लागू किए जा रहे कल्याणकारी कार्यक्रमों के दायरे का क्या विस्तार करते हैं।

जम्मू-कश्मीर के मसले पर क्या बोलेंगे पीएम मोदी?

उनके 15 अगस्त के भाषणों में अक्सर जम्मू एवं कश्मीर का जिक्र आता रहा है क्योंकि सरकार ने 2019 में अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को खत्म करने के बाद से पूर्ववर्ती राज्य में सुरक्षा और विकास प्रतिमानों को स्थापित करने के लिए लगातार काम किया है। हाल ही में इस क्षेत्र, विशेष रूप से जम्मू संभाग में कई आतंकी घटनाएं हुई हैं, जिनमें कई सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं। उच्चतम न्यायालय ने राज्य में विधानसभा चुनाव कराने के लिए 30 सितंबर की समय सीमा तय की है।

अपनी सरकार के प्रमुख फैसलों का करेंगे जिक्र?

ऐसी भी संभावना है कि तीसरे कार्यकाल के लिए मोदी के पद संभालने के बाद से सरकार द्वारा लिए गए कुछ प्रमुख निर्णयों को वह अपने संबोधन में रेखांकित कर सकते हैं। इस तरह के फैसलों में गरीबों के लिए आवास योजना का विस्तार, सड़क और रेल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देना और वक्फ बोर्डों और संपत्तियों को विनियमित करने वाले कानून में प्रस्तावित बदलाव शामिल हैं, जिसकी विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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