बिहार को कब मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा? मांग पर फिर गरमाई सियासत; जानें किसने क्या कहा
Bihar Politics: बिहार में विशेष दर्जे की मांग को लेकर राजनीतिक बयानबाजी एक बार फिर शुरू हो गई है। हर कोई इस सवाल के जवाब का इंतजार कर रहा है कि क्या बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा? और यदि हां, तो कह मिलेगा? आपको समझाते हैं कि एक बार फिर इस मुद्दे ने तूल क्यों पकड़ लिया है।
बिहार में फिर गरमाई सियासत।
When Will Bihar get Special State Status: बिहार की सियासत में कब क्या हो जाए, ये कोई नहीं समझ सकता है। साल 2014 में जब नरेंद्र मोदी की केंद्र में सरकार बनी थी, उस वक्त से ये सवाल उठ रहा है कि क्या बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा? इस दौरान नीतीश कुमार ने कई बार पलटी मारी, कभी लालू यादव के साथ गए, तो कभी वापस भाजपा के साथ आए, फिर लालू के साथ गए और फिर भाजपा के साथ आ गए। पलटी मारने वाली सियासत लगातार आगे बढ़ रही है, नीतीश की गाड़ी कभी इस पक्ष रहती है तो कभी उस पक्ष, लेकिन अब तक इस सवाल का जवाब किसी को नहीं मिल सका है कि क्या बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा या नहीं और मिलेगा तो कब मिलेगा?
बिहार में फिर शुरू हुई विशेष दर्जे की मांग को लेकर राजनीति
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देना एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा रहा है। जब-जब नीतीश कुमार भाजपा के साथ रहते हैं तो वो और उनकी पार्टी के नेता दोनों ये दावा करते हैं कि अब वे मोदी सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की डील फिक्स कर लेंगे। हालांकि अब तक इसकी कोई पुष्टि हो नहीं सकी है। इन दिनों बिहार में विशेष दर्जे की मांग को लेकर राजनीतिक बयानबाजी फिर शुरू हो गई है।
महागठबंधन और एनडीए के बीच तेज हुई जुबानी नोकझोंक
बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी महागठबंधन के बीच शुक्रवार को राज्य को विशेष दर्जा देने की मांग को लेकर एकबार फिर तीखी नोकझोंक हुई। संसद के बजट सत्र से पहले यह मामला तूल पकड़ता दिख रहा है। बिहार में विशेष दर्जा की लंबे समय से चली आ रही यह मांग सबसे पहले झारखंड के गठन के तुरंत बाद की गई थी। हालांकि केंद्र सरकार का मानना है कि 14वें वित्त आयोग द्वारा प्रावधान को खत्म कर दिए जाने के बाद से विशेष दर्जा दिया जाना अब संभव नहीं है।झारखंड बनने के बाद राज्य का खनिज संपदा वाला इलाका नवगठित राज्य में चला गया था।
भाजपा-जदयू गठबंधन पर मीरा कुमार ने साधा निशाना, पूछा सवाल
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने भाजपा-जदयू गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा, 'इससे बड़ी विडंबना और क्या हो सकती है कि केंद्र में शासन करने वाली भाजपा, सहयोगी पर निर्भर होने के बावजूद जदयू द्वारा उठाई गई मांग को स्वीकार नहीं कर रही है।' मीरा कुमार का इशारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाले जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की ओर था, जिसने पिछले महीने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर विशेष श्रेणी का दर्जा या विशेष आर्थिक पैकेज के रूप में पर्याप्त सहायता की मांग की थी।
पलटी मारने को लेकर नीतीश कुमार पर कांग्रेस ने किया कटाक्ष
कांग्रेस नेता ने जदयू प्रमुख नीतीश कुमार पर भी कटाक्ष करते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री को अपने सहयोगी के प्रति कुछ सम्मान दिखाना चाहिए, जिन्होंने हमें धोखा देने और कई बार पलटी मारने के बाद फिर से उनके साथ गठबंधन कर लिया है।' कांग्रेस राज्य में विपक्षी गठबंधन का हिस्सा है। नीतीश कुमार ने एक समय ‘इंडिया’ गठबंधन के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी लेकिन बाद में वह इस साल जनवरी में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग में लौट आए थे।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने एक दिन पहले दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और बिहार के एक अन्य उपमुख्यमंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के बीच हुई बैठक के बारे में पूछे जाने पर सीधा जवाब देने से बचते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया है कि वह विकसित भारत चाहते हैं। यह तभी संभव है जब बिहार भी विकसित हो। हर राज्य के विकास के लिए जो कुछ भी जरूरी है, वह किया जाएगा।'
विशेष राज्य दर्जे की मांग पर क्या बोले डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी?
बिहार सरकार के वित्त विभाग का प्रभार भी संभाल रहे सम्राट चौधरी की केंद्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात के बारे में कयास लगाया जा रहा है कि उन्होंने आगामी केंद्रीय बजट से राज्य की अपेक्षाओं के बारे में उनके सामने प्रस्तुति दी होगी। शुक्रवार शाम राष्ट्रीय राजधानी से पटना लौटे चौधरी ने कहा, 'प्रधानमंत्री हमेशा बिहार के विकास के बारे में चिंतित रहे हैं और हम प्रधानमंत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री से पूर्ण सहयोग की उम्मीद करते हैं।' उन्होंने जदयू द्वारा विशेष दर्जे की मांग जोरदार तरीके से उठाए जाने के बारे में पूछे गए सवालों पर कोई टिप्पणी करने से बचते हुए कहा कि बिहार में लंबित सभी कार्य केंद्रीय मदद से पूरे किए जाएंगे।
जदयू ने कांग्रेस पर बिहार को अनदेखा करने का लगाया आरोप
बिहार के मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता श्रवण कुमार ने आरोप लगाया कि केंद्र में पिछली कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने विशेष दर्जे की मांग को 'अनदेखा' किया और उम्मीद जताई कि मोदी बिहार को उसका हक देंगे। राजग में शामिल केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) भी इस मांग का अब समर्थन कर रही है।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद अरुण भारती ने हाल में कहा था, 'हमारी पार्टी शुरू से ही बिहार को विशेष दर्जे के समर्थन में रही है। हमें विशेष दर्जे या विशेष पैकेज के रूप में कुछ सहायता मिलने का भरोसा है।' इस बीच, महागठबंधन की अगुआई करने वाले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने राजग पर निशाना साधते हुए दावा किया कि सत्तारूढ़ गठबंधन लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है।
लालू यादव की पार्टी ने पूछा- क्या वे लोगों को मूर्ख समझते हैं?
राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा, 'भाजपा और जदयू केंद्र और राज्य दोनों जगह सत्ता में हैं। फिर भी, ज़रूरी कदम उठाने के बजाय, वे मांग कर रहे हैं। क्या वे लोगों को मूर्ख समझते हैं?' राजद नेता ने कहा कि विशेष दर्जे की मांग सबसे पहले राबड़ी देवी सरकार ने उठाई थी। राजद 2000 में बिहार के विभाजन के समय सत्ता में था। भाई वीरेंद्र ने दावा किया, 'मैं नाम लेकर ज़्यादा विवाद पैदा नहीं करना चाहता। लेकिन उस समय केंद्र में राजग की सरकार थी और उसके नेताओं ने जानबूझकर बिहार को विशेष दर्जा देने से इनकार कर दिया, क्योंकि उन्हें डर था कि मेरी पार्टी को इसका श्रेय मिल जाएगा।'
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आयुष सिन्हा author
मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो...और देखें
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