रईसी की मौत सुप्रीम लीडर खामनेई के लिए बड़ा झटका, एक नहीं कई संकटों से घिरा है ईरान
Ebrahim Raisi Death: रईसी सुप्रीम लीडर खामनेई के बहुत नजदीकी और विश्वासपात्र थे। ऐसे कई मौके आए जब रईसी ने खामनेई को मुश्किल वक्त से निकाला। माना जा रहा था कि वह उनके उत्तराधिकारी हो सकते हैं लेकिन उनके असामयिक निधन से ईरान के सामने एक बड़ा संकट पैदा हो गया है।
हेलिकॉप्टर हादसे में ईरान के राष्ट्रपति की मौत।
Ebrahim Raisi Death: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलिकॉप्टर दुर्घटना मौत हो गई है। ईरानी मीडिया ने इसकी पुष्टि कर दी है। रईसी की मौत सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामनेई के लिए एक बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है। बता दें कि रविवार को अजरबैजान से लौटते समय रईसी का हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया। इस हेलिकॉप्टर में ईरान के विदेश मंत्री भी सवार थे। यह हादसा ऐसे समय हुआ है जब ईरान कई तरह की चुनौतियों से घिरा हुआ है। अमेरिका और इजरायल के साथ उसकी रिश्ते में तल्खी पहले से मौजूद है। हाल के दिनों में मध्य पूर्व में ऐसे कई राजनीतिक परिदृश्य उभरे हैं जिनमें ईरान की बड़ी भूमिका मानी जा रही है।
ईरान में सुप्रीम लीडर का होता है अंतिम निर्णय
सबसे बड़ी बात यह है कि ईरान सत्ता के शीर्ष में बदलाव के लिए तैयार हो रहा था। सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामनेई की उम्र 85 साल की हो गई है। माना जाता है कि अगले कुछ वर्षों में वह इस पद पर बने रहने के योग्य नहीं रह पाएंगे। ईरान को उनके उत्तराधिकारी के चुनाव जैसे बड़ी चुनौती से गुजरना है। ईरान में सरकार का कामकाज का तरीका अन्य देशों की तरह नहीं है। यहां सत्ता की शक्तियां मौलवियों, राजनेताओं और सेना में बंटी हुई है। यहां किसी भी मामले में अंतिम निर्णय राष्ट्रपति का नहीं बल्कि सुप्रीम लीडर का होता है।
सुप्रीम लीडर खामनेई के बहुत ही भरोसेमंद थे रईसी
रईसी सुप्रीम लीडर खामनेई के बहुत नजदीकी और विश्वासपात्र थे। ऐसे कई मौके आए जब रईसी ने खामनेई को मुश्किल वक्त से निकाला। माना जा रहा था कि वह उनके उत्तराधिकारी हो सकते हैं लेकिन उनके असामयिक निधन से ईरान के सामने एक बड़ा संकट पैदा हो गया है। ईरान की सत्ता में नया बदलाव और राष्ट्रपति पद के लिए नए शख्स का चुनाव ऐसे समय होगा जब तेहरान अपने परमाणु कार्यक्रमों को लेकर पश्चिम देशों के प्रतिबंधों एवं आलोचनाओं का सामना कर रहा है। ईरान की आर्थिक हालत भी ठीक नहीं है। सऊदी अरब सहित मध्य पूर्व के कई देशों के साथ उसके संबंध तनावपूर्ण चल रहे हैं।
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अपना हित देखते हुए नए राष्ट्रपति का चुनाव
हादसे में ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुलाहियन की भी मौत हुई है। हुसैन के निधन से विदेशी मामलों पर असर पड़ेगा। समझा जाता है कि ईरान के नए विदेश मंत्री उनके डिप्टी अली बघेरी हो सकते हैं लेकिन कट्टरपंथी नेता इन पर भरोसा करेंगे कि नहीं, इस पर भी सस्पेंस हैं। राष्ट्रपति पद के लिए ईरान एक ऐसे व्यक्ति का चुनाव कर सकता है जो न केवल देश में मान्य हो बल्कि पश्चिमी देशों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए। ईरान यह भी चाहेगा कि नया राष्ट्रपति देश को चीन और रूस के साथ करीबी बढ़ाने वाला हो।
दुनिया पर पड़ेगा ईरान-इजरायल के टकराव का असर
ईरान के लिए सबसे बड़ी चुनौती इजरायल के साथ उसके संबंधों को लेकर बनेगी। गत अप्रैल में इजरायल पर हुए ड्रोन एवं मिसाइल हमलों के बाद दोनों देशों के संबंध खतरनाक मोड़ ले चुके हैं। हमास और हिज्बुल्ला को समर्थन दिए जाने से ईरान पहल से ही इजरायल के निशाने पर है। दोनों देशों के बीच यदि टकराव बढ़ता है तो इसका असर मध्य पूर्व सहित पूरी दुनिया पर पड़ेगा।
ईरान के विमानों के कलपुर्जे हुए पुराने
ईरान में बचावकर्मियों ने राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, देश के विदेश मंत्री और अन्य अधिकारियों को ले जा रहे उस हेलीकॉप्टर को बरामद कर लिया जो एक दिन पहले उत्तर पश्चिमी पर्वतीय क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। रईसी ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत में यात्रा कर रहे थे। रईसी रविवार को तड़के अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के साथ एक बांध का उद्घाटन करने के लिए अजरबैजान में थे। यह तीसरा बांध है, जिसे दोनों देशों ने अरास नदी पर बनाया है। ईरान देश में कई प्रकार के हेलीकॉप्टर उड़ाता है लेकिन अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण उसके लिए इन हेलीकॉप्टर के पुर्जे हासिल करना मुश्किल हो गया है। उसकी सेना का हवाई बेड़ा भी 1979 की इस्लामिक क्रांति से पहले का है।
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