साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया का साथ देगी कांग्रेस, समझिए प्रियंका गांधी संग मुलाकात के मायने

WFI Controversy: आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में क्या साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि दोनों पहलवानों की कांग्रेस नेताओं से लगातार नजदीकियां बढ़ रही हैं। खुद प्रियंका गांधी, दीपेंद्र हुड्डा ने साक्षी मलिक के घर पहुंचकर मलिक और पूनिया से मुलाकात की।

Priyanka Gandhi met Sakshi Malik and Bajrang Punia

क्या चुनाव लड़ेंगे बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक?

Congress With Sakshi Malik And Bajrang Punia: साक्षी मलिक ने रेसलिंग से संन्यास ले लिया है और बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है। भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के विश्वस्त संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में दोनों ने ये कदम उठाया। इस बीच कांग्रेस पार्टी ने दोनों पहलवानों का साथ देने का ऐलान किया है। खुद पार्टी महासचिव और गांधी परिवार की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने दोनों से मुलाकात की है। इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं।

क्या चुनाव लड़ेंगे बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक?

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जब संजय सिंह डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बने तो बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने वाले पहवानों ने विरोध फिर विरोध शुरू कर दिया। चुनाव के फैसले आने के तुरंत बाद साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने प्रेस कांफ्रेंस की। इसमें साक्षी ने कुश्ती से संन्यास लेने का फैसला किया। अगले ही दिन पूनिया ने ने अपना पद्मश्री सम्मान लौटाने का ऐलान कर दिया। थोड़ी ही देर बाद प्रियंका गांधी ने साक्षी और पूनिया से मुलाकात की। इसके बाद ये सवाल उठने लगे कि क्या अब दोनों पहवान 2024 में चुनाव लड़ने का प्लान बना रहे हैं?

कांग्रेस देगी साथ, प्रियंका ने की साक्षी-पूनिया से मुलाकात

ओलंपिक विजेता पहलवानों साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया से मुलाकात कर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने न्याय की लड़ाई में उनका साथ देने का भरोसा दिलाया। दरअसल, प्रियंका शुक्रवार को साक्षी के घर पहुंची, ये वही दिन था जब बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री सम्मान लौटाने की घोषणा की थी। प्रियंका ने दोनों से मुलाकात की, उनके साथ इस मौके पर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी मौजूद थे। इससे पहले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद दीपेंद्र हुड्डा से भी साक्षी मलिक ने मुलाकात की थी। अब ये सवाल उठ रहे हैं कि हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले रेसलर्स मलिक और पूनिया की हरियाणा कांग्रेस के नेताओं से ज्यादा करीबी देखने को मिल रही है। क्या अंदरखाने में कोई ऐसी खिचड़ी पक रही है कि दोनों आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से उम्मीदवार बनाए जाएंगे?

साक्षी मलिक से बार-बार मुलाकात कर रहे दीपेंद्र हुड्डा

दीपेंद्र हुड्डा ने सोशल मीडिया मंच X पर एक पोस्ट में लिखा कि 'भारत की एकमात्र ओलंपिक पदक विजेता महिला पहलवान साक्षी मलिक के दिल्ली निवास पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ जाकर बहन साक्षी मलिक और भाई बजरंग पुनिया का हौसला बढ़ाया और उन्हें आश्वासन दिया कि हम न्याय की इस लड़ाई में आपके साथ खड़े हैं।'

इससे पहले उन्होंने पोस्ट किया और लिखा कि 'भारत की एकमात्र ओलंपिक पदक विजेता महिला पहलवान बहन साक्षी ने अपने साथ हुए घोर अन्याय व केंद्र सरकार की वादाखिलाफी से परेशान होकर कुश्ती खेल से संन्यास ले लिया। ये देश की महिलाओं के सम्मान और खेल जगत के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। आज सुबह साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादयान मिले। वे अपने साथ हुई वादाखिलाफी से बेहद आहत थे। हमने उनसे आग्रह किया कि देशहित में कुश्ती से संन्यास के अपने फैसले पर पुनर्विचार करें और उन्हें विश्वास दिलाया कि न्याय मिलने तक उनका साथ नहीं छोड़ेंगे।'

महिला पहलवानों के यौन शोषण का लगाया था आरोप

भारतीय कुश्ती में विवादों का अंत होता नहीं दिख रहा क्योंकि शुक्रवार को टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के विश्वस्त संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला किया। डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण के करीबी संजय गुरुवार को यहां हुए चुनाव में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बने और उनके पैनल ने 15 में से 13 पद पर जीत हासिल की। इस नतीजे से तीन शीर्ष पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और पूनिया को काफी निराशा हुई जिन्होंने महासंघ में बदलाव लाने के लिए काफी जोर लगाया था। इन शीर्ष पहलवानों ने साल के शुरू में बृजभूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया था जिन पर उन्होंने महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया था और यह मामला अदालत में लंबित है। नीचे पढ़िए पूनिया ने पत्र में क्या लिखा।

टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के विश्वस्त संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में शुक्रवार को अपना पद्मश्री सम्मान लौटाने का फैसला किया। इससे एक दिन पहले साक्षी मलिक ने संन्यास की घोषणा की थी। डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण के करीबी संजय गुरुवार को यहां हुए चुनाव में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बने और उनके पैनल ने 15 में से 13 पद पर जीत हासिल की। इस नतीजे से तीन शीर्ष पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और पूनिया को काफी निराशा हुई, जिन्होंने महासंघ में बदलाव लाने के लिए काफी जोर लगाया था।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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