PPF मैच्योर होने वाला है? इन 3 निवेश विकल्पों पर करें विचार, हो जाएंगे मालामाल

Public Provident Fund: लॉन्ग टर्म सरकारी बचत योजनाओं में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) बहुत ही बेहतर ऑप्शन है। इस पर मिलने वाली ब्याज दर अन्य बचत योजनाओं से अधिक होती है। लेकिन मैच्योर होने के बाद इस रकम को कहां निवेश करना चाहिए। यहां बताए गए ऑप्शन पर विचार कर सकते हैं।

Public Provident Fund-PPF

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) मैच्योर होने पर क्या करना चाहिए?

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत सबसे लोकप्रिय टैक्स-सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स में से एक है। यह 15 साल की लॉक-इन अवधि के साथ एक लॉन्ग टर्म सरकारी बचत योजना (गवर्नमेंट सेविंग स्कीम) है, जिसमें मौजूदा समय में 7.1% वार्षिक ब्याज दर दी जाती है, और जिसे वार्षिक आधार पर कम्पाउंड किया जाता है। हालांकि, पीपीएफ पर मिलने वाले टैक्स लाभ इसकी यूएसपी हैं- मूल राशि (प्रिंसिपल अमाउंट), अर्जित ब्याज और मैच्योरिटी रकम सभी टैक्स-फ्री होते हैं।

जैसा कि किसी भी मैच्योर होने वाले निवेश के साथ होता है, हम या तो फिर से निवेश कर सकते हैं या लक्ष्य या जरुरत को पूरा करने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। यदि आपका पीपीएफ निवेश शीघ्र ही मैच्योर होने वाला है, लेकिन आपको तत्काल फंड की जरुरत नहीं है, तो यहां पर कुछ निवेश विकल्प बताएं गए हैं जिन पर आप विचार कर सकते हैं।

नए डिपॉजिट के बिना PPF अकाउंट को एक्स्टेंड करें

पीपीएफ अकाउंट के मैच्योर होने पर इसको बंद करना जरूरी नहीं है। आप बिना कोई और डिपॉजिट किए आप अकाउंट टर्म को रिटेन तथा एक्स्टेंड कर सकते हैं। इस तरह से, आप हर फाइनेंशियल वर्ष के दौरान लागू ब्याज को प्राप्त करते रहेंगे। लेकिन, यदि आप एक वर्ष या अधिक समय के लिए नए डिपॉजिट किए बिना अपने PPF के मैच्योर होने के बाद इसे एक्स्टेंड करते हैं, तो हो सकता है कि आपको फिर से अकाउंट में नए डिपॉजिट शुरू करने का ऑप्शन न मिले। यदि आपको फंड की जरुरत है, तो फाइनेंशियल वर्ष के दौरान आप अकाउंट से आंशिक विथड्रावल कर सकते हैं।

नए डिपॉजिट के साथ पीपीएफ अकाउंट को एक्स्टेंड करें

जब 15 वर्षों के बाद पीपीएफ अकाउंट मैच्योर हो जाता है, तो हर बार नए कान्ट्रीब्यूशन के साथ इसे 5 वर्ष के ब्लॉक के लिए एक्स्टेंड कर सकते हैं। अपने पीपीएफ अकाउंट को एक्स्टेंड करने के लिए, आपको अकाउंट के मैच्योर होने के एक वर्ष के भीतर बैंक या पोस्ट ऑफिस को सूचित जरूर करना होगा। यदि आप ऐसा नहीं करते, तो आपके पीपीएफ अकाउंट को ऑटोमेटिक रूप से 5 वर्षों के लिए एक्स्टेंड कर दिया जाएगा, लेकिन आपको डिपॉजिट करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। आपके बैलेंस पर वार्षिक ब्याज मिलता रहेगा।

PPF को बंद कर दें और जमा की गई राशि को फिर से निवेश करें

मैच्योर होने के बाद आप अपने पीपीएफ अकाउंट को बंद कर सकते हैं तथा इसकी राशि को अपने सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए, आपको अकाउंट बंद करने का फॉर्म भरना होगा और इसे उस बैंक या पोस्ट ऑफिस ब्रांच में जमा करवाना होगा जहां पर आपका पीपीएफ अकाउंट है। फिर आप अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों के आधार पर इस PPF पूंजी को किसी दूसरे इन्वेस्टमेंट एवेन्यू में फिर से निवेश कर सकते हैं। यहां पर कुछ निवेश विकल्प दिए गए हैं जिन पर आप विचार कर सकते हैं:

डेट फंड:- यदि आप निम्न से मध्यम जोखिम उठाने वालों में आते हैं, तो डेट-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड आपके लिए सही साबित हो सकते हैं। इन फंड्स द्वारा कम से कम 60% राशि को डेट या फिक्स्ड-इनकम इंस्ट्रूमेंट्स और शेष को इक्विटी में निवेश किया जाता है। फंड के डेट कम्पोनेंट से आपके पोर्टफोलियो को स्टेबिलिटी मिलती है, और दूसरी तरफ इक्विटी पोर्शन से आपके निवेश की वैल्यू बढ़ती है।

बैलेंस्ड एडवेंटेज फंड:- ये डायनामिक फंड हैं, जो मार्केट की स्थितियों के अनुसार इक्विटी और डेट के बीच में एलोकेशन को बदल सकते हैं, और इस तरह से, यह उन लोगों के लिए अच्छे हैं जो मध्यम से उच्च जोखिम उठाना चाहते हैं। आप इन फंड्स से दीर्घकाल में 8-12% के रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं।

फ्लेक्सी-कैप, मल्टी-कैप और मल्टी-एसेट फंड:- यदि आप उच्च जोखिम उठा सकते हैं, तो मार्केट कैपिटेलाइजेशन में निवेश करने वाले इक्विटी फंड में अपने पैसों को निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। इस प्रकार के फंड विकल्पों में फ्लेक्सी-कैप या मल्टी-कैप इक्विटी स्कीम शामिल हैं। फ्लेक्सी-कैप फंड ऐसी कंपनियों में निवेश करते हैं जिनकी कैपिटेलाइज़ेशन अलग-अलग होती, जिनमें आवंटन (एलोकेशन) आधारित प्रतिबंध नहीं होते हैं। मल्टी-कैप फंड विभिन्न मार्केट कैपिटेलाइज़ेशन में निवेश करते हैं लेकिन अलग-अलग कैपिटेलाइज़ेशन के लिए कोई खास एलोकेशन मेंडेट नहीं होता है। मल्टी-एसेट फंड अन्य आदर्श विकल्प हैं जिसमें निवेशक को डेट, इक्विटी, गोल्ड तथा रियल एस्टेट के लाभ मिल जाते हैं। आदर्श रूप से, इन फंड्स को तभी चुने जब कम से कम 5-8 वर्ष के लिए निवेश के साथ जुड़े रहना चाहते हैं।

PPF के जरिए एकत्र की गई सम्पत्ति बहुत बड़ी पूंजी हो सकती है, जिसकी देखरेख और मैनेजमेंट समझदारी से करना चाहिए। यदि आपका पीपीएफ निवेश 30 साल की आयु की समाप्ति या 40 वर्ष की आयु के शुरुआत में मैच्योर हो रहा है, तो नए डिपॉजिट्‌स के साथ इसे एक्टेंड करने पर विचार करें। यदि आप किसी अन्य इंस्ट्रूमेंट में स्विच करना चाहते हैं, तो पहले बताए गए म्यूचुअल फंडों में से चुनने पर विचार करें। क्योंकि आपकी आयु अभी छोटी है, इस प्रकार के निवेश से आपके वेल्थ-जेनरेशन (धन-सृजन) प्रयासों को बढ़ावा मिल सकता है। लेकिन, आप रिटायरमेंट के नज़दीक हैं तो अपने पीपीएफ को नए डिपॉजिट के साथ या उसके बिना एक्स्टेंड करने पर विचार करें। यदि आप निवेश में बदलाव करना चाहते हैं तो आप डेट फंड पर भी विचार कर सकते हैं।

(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)

(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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