पंजाब, झारखंड, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश को बजट में किया नजरअंदाज: विपक्षी दलों ने सरकार पर लगाए गंभीर इल्जाम; जानें किसने क्या कहा

Budget 2025-26: क्या मोदी सरकार ने बजट 2025-26 में गैर भाजपा शासित प्रदेश को नजरअंदाज किया है? ये आरोप विपक्षी दलों ने लगाया है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत कई विपक्षी दलों का दावा है कि मोदी सरकार ने इस बजट में झारखंड, पंजाब, तेलंगाना को नजरअंदाज किया है।

Opposition Made Serious Allegations against Modi Government

बजट 2025-26 को लेकर विपक्षी दलों का सरकार पर गंभीर आरोप।

Opposition Made Serious Allegations against Modi Government: केंद्र सरकार ने आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए देश का आम बजट पेश कर दिया है। इस बार के बजट में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। जिनमें से सबसे अहम टैक्स स्लैब में बदलाव का फैसला माना जा रहा है। मोदी सरकार ने इस बार के बजट में जहां मिडिल क्लास को राहत देने की कोशिश की है। वहीं विपक्षी दलों ने ये आरोप लगाया है कि केंद्रीय बजट में सरकार ने गैर भाजपा शासित प्रदेशों को नजरअंदाज किया है। आम आदमी पार्टी के नेता और सीएम भगवंत मान ने पंजाब को नजरअंदाज करने की बात कही, तो वहीं झामुमो ने झारखंड के लोगों को नजरअंदाज करने का आरोप सरकार पर लगाया। आपको एक-एक करके इस रिपोर्ट में बताते हैं कि किसने क्या कुछ कहा।

बजट में झारखंड और यहां के लोगों को नजरअंदाज किया गया

झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने शनिवार को दावा किया कि केंद्रीय बजट 2025-26 में राज्य के लिए कुछ भी नहीं है। उसने आरोप लगाया कि केंद्रीय बजट में राज्य और इसके लोगों को ‘पूरी तरह से नजरअंदाज’ किया गया है। इससे पहले दिन में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया। झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडेय ने कहा, ‘‘बजट में झारखंड के लिए कुछ भी प्रस्तावित नहीं किया गया है। पड़ोसी राज्य बिहार को कई परियोजनाएं दी गयी हैं, लेकिन झारखंड और उसके लोगों की पूरी तरह उपेक्षा की गयी है।’’ वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते समय बिहार केंद्र में रहा और सीतारमण ने राज्य के लिए कई घोषणाएं कीं। इनमें मखाना बोर्ड की स्थापना, पश्चिमी कोसी नहर के लिए वित्तीय सहायता और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) पटना की क्षमता बढ़ाने के लिए सहायता करना शामिल है। झामुमो नेता ने आरोप लगाया कि झारखंड के खनिज देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, लेकिन राज्य के साथ ‘‘सौतेला व्यवहार’’ किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद थी कि केंद्र सरकार राज्य को 1.36 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करेगी। लेकिन बजट में इसका कोई उल्लेख नहीं है। हम पूछना चाहते हैं कि झारखंड के प्रति ऐसा उपेक्षापूर्ण रवैया क्यों अपनाया गया।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई ने दावा किया कि केंद्रीय बजट में समाज के सभी वर्गों, विशेषकर महिलाओं, युवाओं, छात्रों, उद्यमियों और मध्यम वर्गीय परिवारों का ध्यान रखा गया है। झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा, ‘‘विकासोन्मुख बजट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास’ के दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है और यह 2047 तक ‘विकसित भारत’ के सपने को हासिल करने में मदद करेगा।’’

केंद्रीय बजट में पंजाब को एक बार फिर नजरअंदाज किया गया

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को केंद्रीय बजट पर निराशा व्यक्त करते हुए दावा किया कि सीमावर्ती राज्य को एक बार फिर "अनदेखा" किया गया है और उसे कुछ भी नहीं दिया गया है। आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने इसे "चुनावी बजट" बताते हुए कहा कि इसमें केवल बिहार के लिए घोषणाएं की गई हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में अपना आठवां बजट पेश किया। बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मान ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार द्वारा पेश बजट में एक बार फिर पंजाब को नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "केंद्र सरकार ने पंजाब के किसानों और युवाओं को कुछ भी नहीं दिया है।" मुख्यमंत्री ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) या राज्य के उद्योग के लिए कोई पैकेज घोषित नहीं करने के लिए केंद्र की आलोचना की। उन्होंने कहा, "केंद्र ने न तो किसानों को उनकी फसलों पर एमएसपी दी है और न ही राज्य को किसी उद्योग के लिए कोई पैकेज दिया है। पंजाब को ऐसा कुछ भी नहीं दिया गया है जिससे उसकी अर्थव्यवस्था और भविष्य में सुधार हो सके।"

मान ने कहा, "यह बजट चुनावी बजट है, जिसमें केवल बिहार राज्य के लिए घोषणाएं हैं।" उन्होंने कहा कि एक बार फिर केंद्र ने बजट में पंजाब और पंजाबियों के साथ सौतेला व्यवहार किया है। उन्होंने कहा, "लेकिन हम पंजाब को अपने पैरों पर खड़ा करेंगे।"

तेलंगाना को इस बार के बजट में कुछ नहीं मिला: कविता

तेलंगाना में विपक्षी दल भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की विधान परिषद सदस्य के. कविता ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रदेश से भाजपा और कांग्रेस के आठ-आठ सांसद होने के बावजूद इसे केंद्रीय बजट में कोई निधि नहीं मिली। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में सवाल किया कि यह बजट है या ‘अनदेखी करने वाला बजट’ है। बीआरएस प्रमुख के. चंद्रखेशर राव की बेटी कविता ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के आठ-आठ सांसद होने के बावजूद तेलंगाना को कुछ नहीं मिला। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में बीआरएस का खाता भी नहीं खुल सका था। भाजपा और कांग्रेस ने राज्य की कुल 17 सीट में से आठ-आठ पर जीत दर्ज की थी, जबकि एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी हैदराबाद सीट बरकरार रखी।

बिहार को मिला तोहफा, आंध्र की बुरी तरह अनदेखी क्यों की गई?

बजट घोषणाओं को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि ऐसा लगता है कि बिहार को तोहफा मिला है, लेकिन सवाल उठता है कि राजग के दूसरे स्तंभ आंध्र प्रदेश की ‘‘बुरी तरह’’ अनेदखी क्यों की गई? वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट में बिहार पर काफी ध्यान दिया गया है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य के लिए कई घोषणाएं कीं, जिनमें मखाना बोर्ड की स्थापना, पश्चिमी कोसी नहर के लिए वित्तीय सहायता और आईआईटी पटना की क्षमता बढ़ाने के लिए समर्थन शामिल है। लोकसभा में अपना रिकॉर्ड आठवां केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि केंद्र बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान स्थापित करेगा तथा राज्य की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए वहां ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की सुविधा भी देगा।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि ऐसा लगता है कि बिहार को घोषणाओं का खजाना मिल गया है। रमेश ने बिहार से भाजपा के सहयोगी दल जदयू और आंध्र प्रदेश से तेदेपा के स्पष्ट संदर्भ में ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘यह स्वाभाविक है क्योंकि साल के अंत में वहां (बिहार) चुनाव होना है। लेकिन राजग के दूसरे स्तंभ यानी आंध्र प्रदेश को इतनी बुरी तरह से नजरअंदाज क्यों किया गया है?’’ कांग्रेस नेता ने सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 जैसे पोषण सहायता कार्यक्रमों से संबंधित घोषणाओं को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा।

गोली के घाव पर मरहम पट्टी वाला बजट है: कांग्रेस का दावा

कांग्रेस ने शनिवार को केंद्रीय बजट में अर्थव्यस्था से जुड़े संकट के समाधान के लिए कुछ नहीं होने का आरोप लगाया और कहा कि गोली लगने के घाव पर मरहम पट्टी की गई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश किए गए आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में मोदी ने कहा कि आज देश ‘विकास भी, विरासत भी’ के मंत्र को लेकर चल रहा है और इस बजट में इसके लिए बहुत महत्वपूर्ण और ठोस कदम उठाए गए हैं। बजट में नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक वार्षिक आय को कर के दायरे से मुक्त रखा गया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘गोली लगने के घाव के लिए एक मरहम पट्टी!’’ उन्होंने आरोप लगाया कि वैश्विक अनिश्चितता के बीच, हमारे आर्थिक संकट को हल करने के लिए एक आदर्श बदलाव की आवश्यकता है, लेकिन यह सरकार विचारों को लेकर दिवालिया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि केवल आयकरदाताओं के लिए राहत दी गई है, लेकिन अर्थव्यवस्था पर इसका वास्तविक प्रभाव क्या होगा, यह देखना अभी बाकी है। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते बिहार के लिए कई घोषणाएं की गई हैं, जबकि आंध्र प्रदेश की अनदेखी की गई है। रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘अर्थव्यवस्था इस समय स्थिर वास्तविक मजदूरी, सामूहिक उपभोग में उछाल की कमी, निजी निवेश की सुस्त दरें तथा जटिल और पेचीदा जीएसटी प्रणाली रूपी संकटों से घिरी हुई है। बजट में इन समस्याओं को दूर करने के लिए कुछ नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि बिहार को घोषणाओं का खजाना मिल गया है। यह स्वाभाविक है क्योंकि साल के अंत में वहां चुनाव होने हैं।’’

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘बजट भारत की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुछ नहीं करेगा। सरकार ने समाज के गरीबों और हाशिए पर रहने वाले वर्गों के लिए कोई दृष्टिकोण या राहत नहीं होने के कारण खोखले नारे देकर जनता को धोखा देने की कोशिश की है।’’ उन्होंने दावा किया कि रोजगार सृजन के लिए कोई दृष्टिकोण नहीं, भारत के निवेश माहौल में सुधार के लिए कुछ भी नहीं, किसानों के लिए कोई एमएसपी गारंटी नहीं और मध्यम वर्ग के परिवारों के बजट को नष्ट करने वाली भारी मुद्रास्फीति का मुकाबला करने के लिए कोई रणनीति नहीं। वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि यह बजट मनरेगा को नष्ट करने का एक और प्रयास दर्शाता है क्योंकि केंद्र उस योजना के लिए आवंटित बजट को बढ़ाने में विफल रहा जो करोड़ों भारतीय नागरिकों को सुरक्षा कवच प्रदान करती है। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि बजट ने यह संदेश दिया है कि यह सरकार केवल अपनी राजनीति के लिए चुनावी हथकंडे अपनाने में सक्षम है, लेकिन आज देश भर में अनुभव किए जा रहे गंभीर आर्थिक संकट का समाधान नहीं कर सकती है।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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