VVPAT मशीन से EVM पर उठने वाले सवालों पर लगेगा विराम? आखिर क्यों पड़ी इसकी जरूरत

VVPAT Machines in Voting: कोई भी वोटर जब EVM का बटन दबाता है तो VVPAT मशीन से एक कागज की पर्ची निकलती है, जिसमें वो देख सकता है कि उसने किसे वोट डाला है, EVM पर उठ रहे सवालों के बाद ही वीवीपैट का जन्म हुआ।

How VVPAT Machines Works

VVPAT को लाने का मकसद EVM को लेकर पारदर्शिता और विश्वास को मजबूत करना था

मुख्य बातें
  • ईवीएम का बटन दबाते ही बीप की आवाज के बाद वीवीपैट मशीन में वोट की एक पर्ची प्रिंट होकर निकलती है
  • VVPAT Machine की मदद से वोट देने वाला वोटर विजुअली 7 सेकंड तक इस पर्ची को देख सकता है
  • जिसके बाद ये पर्ची वीवीपैट के अंदर मौजूद सीलबंद बॉक्स में गिर जाती है

How VVPAT Machines Works: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के लिए वोटिंग होने में बस कुछ ही समय बाकी है, ऐसे में लोगों के मन में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर सवाल मन में सामने आ रहे हैं इसके पीछे की वजह भी है अक्सर विपक्ष ईवीएम मशीन को लेकर सवाल उठाता रहा है और उसका कहना है सत्तारूढ़ दल EVM को हैक कर लेता है, जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित होते हैं, दरअसल VVPAT को लाने का मकसद EVM को लेकर पारदर्शिता और विश्वास को मजबूत करना था।

इसके जबाब में और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयता कायम रखने के लिए वीवीपैट यानी वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल मशीन (VVPAT Machines) की मदद ली जा रही है, ईवीएम पर उठ रहे सवालों ने ही वीवीपैट का जन्म दिया, इसे ईवीएम मशीन के साथ जोड़ा जाता है।

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कैसे काम करती है VVPAT?

वोटिंग के दौरान वोटर के ईवीएम का बटन दबाते ही बीप की आवाज के बाद बगल में रखी वीवीपैट मशीन में मतदाता के वोट की एक पर्ची प्रिंट होकर निकलती है यानी कहा जा सकता है कि वीवीपैट एक प्रिंटर की तरह ही काम करती है ये सुनिश्चित करती है कि मतदाता ने जिसको वोट दिया है वो सही में उसी को गया है या फिर इसमें कोई गड़बड़ी हो गई, यानी ये कहा जा सकता है कि किसी तरह का विवाद होने पर ईवीएम में पड़े वोट के साथ पर्ची का मिलान किया जा सकता है।

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वोटर विजुअली 7 सेकंड तक देख सकता है

VVPAT Machine की मदद से वोट देने वाला वोटर विजुअली 7 सेकंड तक इस पर्ची को देख सकता है कि उसने किसे वोट किया है, मतलब कि उसका वोट उसके अनुसार ही पड़ा है यानी जिस पार्टी के प्रत्याशी को उसने वोट दिया है क्या वो वोट उसे ही पड़ा है या नहीं, जिसके बाद ये पर्ची वीवीपैट के अंदर मौजूद सीलबंद बॉक्स में गिर जाती है।

Voters को फीडबैक देने का एक तरीका

VVPAT या वेरिफाइड पेपर रिकार्ड (VPR) एक मतदाता मत प्रणाली का उपयोग करते हुए मतदाताओं को फीडबैक देने का एक तरीका है। एक वीवीएपीएटी मतदान मशीनों के लिए एक स्वतंत्र सत्यापन प्रणाली के रूप में है, जिससे मतदाताओं को यह सत्यापित करने के लिए अनुमति दी जाती है कि उनका वोट सही ढंग से डाला गया, संभावित चुनाव धोखाधड़ी या खराबी का पता लगा सके और संग्रहीत इलेक्ट्रॉनिक परिणामों का ऑडिट करने के लिए साधन प्रदान कर सके।

वोटिंग के बीच विसंगति के मामले में क्या होता है?

VVPAT और EVM पर वोटिंग के बीच विसंगति के मामले में, उस विशेष मतदान केंद्र की पर्चियों की फिर से गणना की जाती है यदि विसंगति बनी रहती है, तो वीवीपैट पेपर पर्चियों द्वारा स्थापित गणना ईवीएम पर दर्ज मतों की गणना पर प्रबल होती है।

जान लें सबसे पहले कहां हुआ था VVPAT का इस्तेमाल?

भारत में, भारतीय आम चुनाव, 2014 में एक पायलट परियोजना के रूप में 543 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में से 8 में वोटर वैरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) प्रणाली की शुरुआत की गई थी, मतदाता सत्यापित पेपर लेखापरीक्षा का निशान पहली बार भारत में सितंबर 2013 में नाकसेन (विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र) में नागालैंड में एक चुनाव में इस्तेमाल किया गया था।

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रवि वैश्य author

मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें

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