Rahul Choose Raebareli Or Wayanad Explained: रायबरेली छोड़ेंगे या वायनाड... कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है भारी खामियाजा; जानें राहुल गांधी के फैसले का नफा-नुकसान
Raebareli Or Wayanad LS Seat Retained by Rahul: दावे किए जा रहे हैं कि राहुल गांधी वायनाड सीट छोड़ सकते हैं और रायबरेली के सांसद बने रह सकते हैं। खुद खड़गे ने कहा कि 'राहुल की जरूरत है उत्तर भारत को है, वायनाड की जनता को उनके सीट छोड़ने का मलाल नहीं होना चाहिए।' आपको इसके साइड इफेक्ट समझाते हैं।
किस सीट को छोड़ेंगे राहुल गांधी?
Rahul Gandhi in Dilemma to Retain Raebareli Or Wayanad: कहा जा रहा है कि राहुल गांधी किस सीट को छोड़ेंगे और किस सीट से सांसद बने रहेंगे इसका फैसला आलाकमान ने कर लिया है। हालांकि इस फैसले को लेकर अब तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि राहुल केरल की वायनाड सीट छोड़ सकते हैं और रायबरेली के सांसद बने रहने का ऐलान कर सकते हैं। इसके संकेत खुद कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे दे रहे हैं। आपको यहां समझने की जरूरत है कि रायबरेली या वायनाड... जिस सीट को भी राहुल छोड़ते हैं, उसके साइड इफेक्ट क्या हो सकते हैं।
रायबरेली सीट के सांसद बने रहेंगे राहुल गांधी?
ऐसे दावे बार-बार किए जा रहे हैं कि राहुल गांधी वायनाड सीट छोड़ सकते हैं और रायबरेली के सांसद बने रह सकते हैं। खुद खड़गे इसके लिए माहौल बनाने लगे हैं। उन्होंने हाल ही में ये बयान दिया कि राहुल की जरूरत है उत्तर भारत को है, ऐसे में वायनाड की जनता को उनके सीट छोड़ने का मलाल नहीं होना चाहिए। हालांकि कहा ये भी जा रहा है कि राहुल ने ये फैसला पार्टी अध्यक्ष खड़गे के उपर छोड़ दिया है। ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष का ये बयान इस ओर इशारा कर रहा है कि वो रायबरेली के सांसद बने रह सकते हैं।
रायबरेली के सांसद बने रहने के पीछे की रणनीति
लंबे अरसे के बाद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के प्रदर्शन में इस कदर सुधार हुई है, ऐसे में पार्टी के दिग्गजों का मानना है कि अब यूपी पर ज्यादा से ज्यादा फोकस करने की जरूरत है। जमीन पर अपनी पकड़ और मजबूत करने की कोशिश की जानी चाहिए, जिससे भविष्य में कांग्रेस उत्तर प्रदेश में और बेहतर प्रदर्शन कर सके। ऐसे में यदि राहुल गांधी केरल की वायनाड सीट छोड़ते हैं तो इसकी वजह से कांग्रेस को भी भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है, आपको उसकी वजह समझनी चाहिए।
राहुल ने वायनाड सीट छोड़ी तो क्या होगा नुकसान?
इधर कांग्रेस उत्तर प्रदेश समेत हिंदी बेल्ट में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए रणनीतियां तैयार कर रही है, वहीं दूसरी ओर आगामी 2026 में केरल विधानसभा चुनाव होने हैं। केरल में कांग्रेस का बढ़ता कद सारा सियासी जगत देख रहा है, संभावनाएं हैं कि यदि सबकुछ ऐसे ही चलता रहा तो वहां कांग्रेस अगली सरकार बना लेगी। जिसका ट्रेलर लोकसभा चुनावों में साफ-साफ देखने को मिला है। इस बीच अगर राहुल गांधी ने वायनाड सीट छोड़ दी और कांग्रेस की ओर से इस सीट पर किसी बड़े चेहरे को मैदान में नहीं उतारा गया, तो निश्चित तौर पर केरल की जनता में इसे लेकर काफी नकारात्मक संदेश जाएगा। जो कांग्रेस के लिए भारी नुकसानदेह हो सकता है।
केरल में हुए लोकसभा चुनाव से समझिए गणित
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों में कांग्रेस नीत गठबंधन UDF को 18 सीटों पर जीत हासिल हुई है। केरल में कुल 20 लोकसभा सीटें हैं। यहां कांग्रेस ने 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें 14 सीटों पर जीत हासिल हुई। इस चुनाव में राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी LDF को महज एक सीट पर जीत हासिल हुई है, इसके अलावा भाजपा ने 1 सीट पर जीत हासिल की।
बैठक में राहुल की सीट पर बनी रही असमंजस
राहुल गांधी वायनाड और रायबरेली में से कौन सी सीट लेंगे, इसपर CWC की बैठक में भी चर्चा हुई थी। सूत्रों ने दावा किया था कि दक्षिण और उत्तर भारत के नेताओं के बीच चर्चा हुई। केरल लोकसभा सांसद के. सुरेश ने उस वक्त ये कहा था कि राहुल गांधी को वायनाड सीट रखना चाहिएस क्योंकि वायनाड की जनता ने दूसरी बार को जितवा कर भेजा है। उस वक्त रायबरेली सीट के लिए यूपी CLP नेता आराधना मिश्रा ने ये जवाब दिया था कि रायबरेली सीट गांधी परिवार की परंपरागत सीट है। कांग्रेस के दिग्गजों का मानना है कि रायबरेली और अमेठी के अलावा 6 सीट का जीतना कांग्रेस पार्टी का उत्तर प्रदेश में फिर से जीवित करने वाला है। यूपी 80 लोकसभा सीटों वाला राज्य है।
रायबरेली नहीं छोड़ने की एक और बड़ी वजह
चुनावी भाषण के दौरान सोनिया गांधी ने भी कहा था कि 'मैं आपको अपना बेटा सौंप रही हूं।' यहीं से चर्चा होने लगी थी कि परिवार की विरासत राहुल गांधी रायबरेली से संभालेंगे। अमेठी और रायबरेली सीट को गांधी परिवार की पारिवारिक सीट कही जाती है, निश्चित तौर पर राहुल के जेहन में फैसला लेने से पहले ये बात जरूर आएगी।
राहुल गांधी के सामने निर्वाचन क्षेत्र चुनने का सवाल
लगातार दूसरी बार राहुल गांधी की जीत सुनिश्चित करने वाली वायनाड लोकसभा सीट के तहत इस आदिवासी जिले और मुस्लिम बहुल मलप्पुरम के तीन-तीन विधानसभा क्षेत्र के साथ ही कोझीकोड जिले का एक क्षेत्र है जहां ईसाइयों की तादाद अच्छी-खासी है। राहुल ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की एनी राजा को 3.64 लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया है। कांग्रेस के दिग्गज नेता के रायबरेली से भी जीत दर्ज करने के बाद अब सवाल खड़ा हो गया है कि वह किस निर्वाचन क्षेत्र को चुनेंगे। हालांकि, उन्होंने कहा है कि अभी उन्होंने यह फैसला नहीं लिया है कि वह लोकसभा में किस सीट का प्रतिनिधित्व करेंगे।
सीट चुनने को लेकर राहुल ने खुद क्या दिया था जवाब?
जब राहुल गांधी से हाल ही में मीडिया ने ये सवाल पूछा था तो उन्होंने कहा था कि 'मैंने दोनों सीट जीत ली हैं और मैं रायबरेली तथा वायनाड के मतदाताओं को दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं। अब मुझे फैसला करना होगा कि मैं किस सीट को चुनूं। हम चर्चा करेंगे और फिर फैसला करेंगे। दोनों सीटों पर नहीं रह सकता, लेकिन मैंने अभी तक फैसला नहीं किया है। मुझसे पूछा जा रहा है कि मैं वायनाड से सांसद रहूंगा या रायबरेली से, मैं दोनों जगह से सांसद रहना चाहता हूं। आप सभी को बधाई।'
आसान नहीं थी वायनाड सीट पर राहुल गांधी की लड़ाई
राहुल गांधी को चुनौती देने के लिए मजबूत उम्मीदवार खड़े करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और वाम दल ने दावा किया कि अगर वह उत्तर प्रदेश के रायबरेली से चुनाव जीतते हैं तो वायनाड सीट छोड़ देंगे। दिलचस्प बात यह है कि लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में केरल में मतदान पूरा होने तक यह पुष्टि नहीं की गई थी कि राहुल गांधी उत्तर प्रदेश से किसी और सीट से भी चुनाव लड़ सकते हैं। भाकपा ने वायनाड से राहुल के मुकाबले अपनी वरिष्ठ नेता एनी राजा को उतारा, जबकि भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन को उतारा था।
अपनी हरी-भरी पहाड़ियों, विविध सांस्कृतिक विरासत और अच्छी-खासी आदिवासी आबादी के लिए मशहूर वायनाड लोकसभा सीट तब से भारतीय राजनीति के केंद्र में रही है जब से राहुल गांधी ने 2019 में यहां से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।
वायनाड लोकसभा सीट का समीकरण समझिए
वायनाड लोकसभा सीट में सात विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें- कलपेट्टा, सुल्तान बाथेरी, मनंथावाडी, तिरुवम्बाडी, निलम्बुर, वंडूर और इरानाड शामिल हैं। वायनाड की अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली खेती को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जिसमें बाजार के दामों में उतार-चढ़ाव और फसलों का बर्बाद होना शामिल है। इस निर्वाचन क्षेत्र में आदिवासी कल्याण, पर्यावरण संरक्षण से जुड़े मुद्दे भी हैं और मजबूत बुनियादी ढांचे के विकास की आवश्यकता भी है।
यूडीएफ ने इस क्षेत्र में राहुल गांधी के काम पर केंद्रित प्रचार अभियान चलाया जबकि भाजपा और वाम दल ने इस पर पलटवार करते हुए निर्वाचन क्षेत्र से उनकी लंबे समय तक अनुपस्थिति का आरोप लगाया था और मानव-पशु संघर्ष समेत लोगों से जुड़े कई मुद्दों को हल करने में उनकी नाकामी का मुद्दा उठाया था। कांग्रेस ने दलील दी थी कि राहुल ने वायनाड में लोगों खासतौर से आदिवासियों और गरीबों की जिंदगियों में सुधार लाने के मकसद से कई योजनाएं शुरू कीं।
2019 में राहुल गांधी ने हासिल की थी बड़ी जीत
राहुल ने 2019 के लोकसभा चुनाव में वायनाड से भाजपा के अपनी करीबी प्रतिद्वंद्वी पी पी सुनीर के खिलाफ 4,31,770 मतों के अच्छे-खासे अंतर से जीत हासिल की थी। वायनाड में 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान 80.31 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार 73.57 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। राहुल गांधी के तीन अप्रैल को कलपेट्टा में रोडशो ने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान पूरे देश का ध्यान खींचा। यह 2019 के रोडशो से अलग था जब कांग्रेस के सहयोगी दल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के हरे झंडे भीड़ में कांग्रेस के झंडों पर भारी पड़े थे।
इस बार की चुनावी रैली में दोनों ही पार्टी के झंडे नदारद दिखे। झंडों के बजाय पार्टी कार्यकर्ताओं ने विभिन्न रंगों के गुब्बारे लिए हुए थे। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेता अमित शाह ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए आईयूएमएल के हरे झंडों के संदर्भ में कहा था कि इलाके में एक रैली के दौरान यह पता लगाना मुश्किल था कि यह भारत है या पाकिस्तान।
एनी राजा को 3,64,422 वोटों से राहुल ने हराया
राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी भाकपा उम्मीदवार एनी राजा को 3,64,422 मतों के अंतर से हराया है। गांधी वायनाड का दौरा ऐसे समय कर रहे हैं, जब अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह यह सीट छोड़ देंगे और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के पारंपरिक गढ़ रायबरेली का संसद में प्रतिनिधित्व करेंगे। हालांकि इसका फैसला कब होगा, इसके लिए हर कोई टकटकी लगाए देख रहा है।
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