अमेरिका पहुंच राहुल हुए और आक्रामक, BJP-RSS पर बोला ताबड़तोड़ हमला, इन 10 प्वाइंट से समझिए
अमेरिका दौरे पर राहुल गांधी के तेवरों में बहुत आक्रामकता नजर आ रही है और वह कई मुद्दों पर पीएम मोदी, भाजपा और आरएसएस को निशाने पर ले रहे हैं। राहुल के इन बयानों पर देश में घमासान मचा हुआ है। क्या- क्या कहा राहुल गांधी ने जानिए।
राहुल गांधी के आक्रामक तेवर
- अमेरिका में राहुल गांधी का आक्रामक तेवरों के साथ बीजेपी और आएसएस पर हमला
- राहुल गांधी के बयानों की गूंज भारत में, विपक्ष भी कर रहा पलटवार
- कई मुद्दों पर पीएम मोदी, भाजपा और आरएसएस को निशाने पर लिया
Rahul Gandhi Attacks BJP-RSS: नेता विपक्ष राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं और यहां आक्रामक तेवर के साथ बीजेपी और आएसएस पर हमला बोल रहे हैं। उनके बयानों की गूंज भारत में हो रही है और विपक्ष भी पलटवार कर रहा है। राहुल के तेवरों में बहुत आक्रामकता नजर आ रही है और वह कई मुद्दों पर पीएम मोदी, भाजपा और आरएसएस को निशाने पर ले रहे हैं। राहुल के इन बयानों पर देश में घमासान मचा हुआ है। राहुल गांधी अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। शनिवार से शुरू हुई उनकी यात्रा का पहला पड़ाव डलास था और वह सोमवार को वाशिंगटन पहुंचे। राहुल ने अब तक इस दौरे पर क्या-क्या कहा है, जानते हैं।
भारत के प्रधानमंत्री देश के संविधान पर हमला कर रहे हैं
राहुल गांधी ने टेक्सास के डलास में कहा, अमेरिका की तरह हमारा भी मानना है कि हर किसी को भागीदारी की अनुमति दी जानी चाहिए। हम मानते हैं कि हर किसी को सपने देखने का हक होना चाहिए और जाति, भाषा, धर्म, परंपरा, इतिहास की परवाह किए बगैर हर किसी को अवसर मिलना चाहिए। यही लड़ाई है। चुनाव में यह लड़ाई तब चरम पर पहुंच गयी जब भारत में लाखों लोगों को साफ समझ आ गया कि भारत के प्रधानमंत्री देश के संविधान पर हमला कर रहे हैं।
56 इंच का सीना अब इतिहास है
वर्जीनिया के हर्नडन में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के लोगों के बीच राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने डर फैलाया। छोटे व्यवसायों पर एजेंसियों का दबाव डाला गया। सब कुछ सेकेंड में गायब हो गया, यह मेरे लिए दिलचस्प है। उन्होंने कहा, भाजपा के लोगों को यह डर फैलाने में सालों लग गए और कुछ सेकंड में सब गायब हो गया। राहुल गांधी ने आगे कहा, संसद में मैं प्रधानमंत्री को सामने से देखता हूं और मैं आपको बता सकता हूं कि 56 इंच का सीना, भगवान से सीधा संबंध, यह सब अब खत्म हो गया है, यह सब अब इतिहास है।
मैं पीएम मोदी से नफरत नहीं करता..
वाशिंगटन डीसी के जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत में राहुल ने कहा, मैं पीएम मोदी से नफरत नहीं करता, लेकिन उनके दृष्टिकोण से असहमत हूं। भाजपा और आरएसएस को भारत को अलग-अलग चीजों के समूह के रूप में देखने की गलतफहमी है। 'मोहब्बत की दुकान' नारे के संदर्भ में ने राहुल ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण से असहमत हैं, लेकिन उनसे नफरत नहीं करते हैं या उन्हें अपना दुश्मन नहीं मानते हैं। राहुल गांधी ने कहा, यह अधिक मजेदार है, आप राजनीति में जाते हैं, आप उस आदमी पर चिल्लाते हैं और वह आदमी आप पर चिल्लाता है, फिर आप उसे गाली देते हैं, फिर वह आपको गाली देता है। यह उबाऊ चीज है। आपको आश्चर्य होगा, लेकिन मैं वास्तव में श्री मोदी से नफरत नहीं करता। उनका अपना एक दृष्टिकोण है, ठीक है, मैं उनके दृष्टिकोण से सहमत नहीं हूं, लेकिन मैं उनसे नफरत नहीं करता हूं। कई मामलों में मैं उसके साथ सहानुभूति रखता हूं। मुझे नहीं लगता कि वह मेरे दुश्मन हैं। उनका दृष्टिकोण अलग है, वह जो कर रहे हैं उसके प्रति मेरी सहानुभूति और करुणा है।
निष्पक्ष चुनाव होते तो बीजेपी 246 के आसपास भी नहीं होती
लोकसभा चुनावों को नियंत्रित चुनाव करार देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर निष्पक्ष चुनाव होते तो भाजपा 240 सीटों के करीब भी नहीं होती। जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पूरे अभियान को इस तरह से संरचित किया गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर में अपना काम कर सकें। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग वही कर रहा है जो भाजपा चाहती थी। राहुल ने कहा, मुझे नहीं लगता कि निष्पक्ष चुनाव होने पर भाजपा 240 सीटों के करीब भी पहुंचती। उन्होंने हमारे बैंक खाते बंद कर दिए थे। चुनाव आयोग ने वैसा ही किया जैसा भाजपा चाहती थी। पूरे चुनाव अभियान को इस तरह से डिजाइन किया गया था कि मोदी देश भर में अपना काम आसानी से कर सकें। जिन राज्यों में वे कमजोर थे और जिन राज्यों में वे मजबूत थे, उन्हें अलग तरीके से डिजाइन किया गया था। इसलिए मैं कहता हूं कि चुनाव स्वतंत्र नहीं थे।
आरएसएस कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को कमतर मानता है
राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) कुछ धर्मों, भाषाओं और समुदायों को अन्य की तुलना में कमतर मानता है। उन्होंने कहा कि भारत में राजनीति के लिए नहीं बल्कि इसी बात की लड़ाई लड़ी जा रही है। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने सोमवार को वाशिंगटन के वर्जीनिया उपनगर में हर्नडॉन में भारतीय अमेरिकी समुदाय के सैकड़ों लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि लड़ाई किस बारे में है। लड़ाई राजनीति के बारे में नहीं है।
भारत राज्यों का एक संघ
राहुल ने कहा, भारत राज्यों का एक संघ है और संविधान में यह स्पष्ट तौर पर लिखा है। इंडिया अर्थात भारत राज्यों का एक संघ है। इसका मतलब है कि यह भाषाओं, परंपराओं, ऐतिहासिक चीजों आदि का संघ है। राहुल ने आरएसएस का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा, वे कहते हैं कि यह (भारत) एक संघ नहीं है। ये अलग चीजें हैं। इन सबमें सिर्फ एक चीज बेहद महत्वपूर्ण है, जिसका मुख्यालय नागपुर में है।
निष्पक्षता होगी, तब हम आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेंगे
राहुल गांधी ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब भारत में आरक्षण के लिहाज से निष्पक्षता होगी और अभी ऐसा नहीं है। राहुल ने विश्वविद्यालय के छात्रों ने राहुल से आरक्षण को लेकर सवाल किया था और पूछा था कि यह कब तक जारी रहेगा। इस पर उन्होंने कहा, जब भारत में (आरक्षण के लिहाज से) निष्पक्षता होगी, तब हम आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेंगे। अभी भारत इसके लिए एक निष्पक्ष जगह नहीं है। राहुल ने कहा, जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपये में से 10 पैसे मिलते हैं। दलितों को 100 रुपये में से पांच रुपये मिलते हैं और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों को भी लगभग इतने ही पैसे मिलते हैं। सचाई यह है कि उन्हें उचित भागीदारी नहीं मिल रही है।
समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर प्रस्ताव आने पर ही बात करेंगे
समान नागरिक संहिता के बारे में राहुल ने कहा कि वह इस पर तभी टिप्पणी करेंगे जब उन्हें पता चलेगा कि भारतीय जनता पार्टी का प्रस्ताव क्या है। उन्होंने कहा, भाजपा समान नागरिक संहिता का प्रस्ताव कर रही है। हमने इसे नहीं देखा है। हमें नहीं पता कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं। हमारे लिए इस पर टिप्पणी करने का कोई मतलब नहीं है। जब वे इसे लाएंगे, तब हम इसे देखेंगे और इस पर टिप्पणी करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इंडिया गठबंधन के सदस्यों में मतभेद हैं, लेकिन वे कई बातों पर सहमत भी हैं।
भाजपा और आरएसएस चाहते हैं कि महिलाएं घर पर रहें
राहुल ने कहा, भाजपा और आरएसएस चाहते हैं कि महिलाएं घर पर ही रहें। महिलाओं के प्रति भारतीय पुरुषों के रवैये में बदलाव की जरूरत है। राहुल ने कहा कि अगर महिलाएं कोई व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं तो उन्हें आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए और उनके साथ वैसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए, जैसा पुरुषों के साथ किया जाता है। कांग्रेस नेता ने कहा, भाजपा और आरएसएस का मानना है कि महिलाओं को एक खास भूमिका तक ही सीमित रखा जाना चाहिए। उन्हें घर पर रहना चाहिए, उन्हें खाना बनाना चाहिए, उन्हें ज्यादा बात नहीं करनी चाहिए और हमारा मानना है कि महिलाओं को वह सब करना चाहिए जो वे करना चाहती हैं।
भारत में कौशल वाले लाखों लोगों को दरकिनार किया जा रहा
टेक्सास राज्य के डलास में राहुल ने कहा कि भारत में कौशल वाले लाखों लोगों को दरकिनार किया जा रहा है। उन्होंने महाभारत के एकलव्य की पौराणिक कथा का जिक्र भी किया जिसने अपने गुरु के कहने पर अपना अंगूठा काटकर उन्हें दे दिया था। राहुल ने कहा कि भारत में कौशल की कोई कमी नहीं है बल्कि वहां कौशल रखने वाले लोगों के लिए सम्मान नहीं है। उन्होंने कहा, क्या आपने एकलव्य की कहानी सुनी है? भारत में जो कुछ हो रहा है, अगर आप इसे समझना चाहते हैं तो यहां लाखों, करोड़ों एकलव्य की कहानियां आए दिन सामने आ रही हैं। कौशल वाले लोगों को दरकिनार किया जा रहा है, उन्हें काम करने या आगे बढ़ने नहीं दिया जा रहा है और यह हर जगह हो रहा है।
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