हलवा सेरेमनी पर राहुल गांधी vs निर्मला सीतारमण, विपक्ष के नेता को वित्त मंत्री ने दिया जवाब; जानें क्या है माजरा

Halwa Ceremony Controversy: हलवा सेरेमनी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बीच वार पलटवार का दौर चल रहा है। आखिर ऐसा क्या हुआ जो सीतारमण को राहुल के लिए ये कहना पड़ गया कि उन्होंने वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों का अपमान किया है। आपको सारा माजरा बताते हैं।

Rahul Gandhi vs Nirmala Sitharaman on Halwa Ceremony

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण vs नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी

Rahul Gandhi vs Nirmala Sitharaman: जहां एक ओर बजट को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार को जमकर घेरा, तो वहीं बजट से पहले होने वाले हलवा सेरेमनी को लेकर भी सियासी उठापटक का दौर बदस्तूर जारी है। हलवा समारोह से जुड़ा वो विवाद आखिर क्या है, जिसे लेकर संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी को जवाब दिया है। निर्मला सीतारमण ने नेता प्रतिपक्ष पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि हलवा सेरेमनी बजट की तैयारी का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है और इसकी आलोचना इससे जुड़े कर्मचारियों का ‘अपमान करना’ है।

राहुल गांधी के लिए क्या बोलीं वित्त मंत्री सीतारमण?

लोकसभा में बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा, 'हलवा समारोह उस समय से चल रहा है जब से वित्त मंत्रालय का प्रीटिंग प्रेस मिंटो रोड में हुआ करता था। हमारे देश में कोई भी अच्छा काम करने से पहले मुंह मीठा करने की परंपरा है। इसकी आलोचना करना बजट की तैयारियों से जुड़े कर्मचारियों का मजाक उड़ाना और उनका अपमान करना है।' उन्होंने ये जवाब विपक्ष के नेता राहुल गांधी को दिया।

राहुल गांधी के किस बयान पर वित्त मंत्री ने दिया जवाब?

इससे एक दिन पहले 29 जुलाई, 2024 (सोमवार) को बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए राहुल गांधी ने दावा किया था कि 20 अधिकारियों ने देश का बजट बनाने का काम किया है, लेकिन इनमें से सिर्फ एक अल्पसंख्यक एवं एक ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) हैं और उनमें एक भी दलित एवं आदिवासी नहीं है। इसके साथ ही राहुल ने बजट से पहले की हलवा रस्म का जिक्र करते हुए कहा था, 'इस सरकार में दो-तीन प्रतिशत लोग ही हलवा तैयार कर रहे हैं और उतने ही लोग हलवा खा रहे हैं तथा शेष हिंदुस्तान को यह नहीं मिल रहा है।'

राहुल गांधी के आरोप का जवाब देते हुए क्या बोलीं FM?

सीतारमण ने इस आरोप के जवाब में कहा, 'हलवा समारोह के बाद इससे जुड़े कर्मचारी बजट जारी नहीं होने तक बाहर नहीं आते हैं। पहले उन्हें नौ दिन और आठ रात अलग-थलग गुजारनी पड़ती थीं, लेकिन अब उन्हें पांच रात और चार दिन सबसे दूर रहना होता है। वे बजट के बाद ही बाहर आ पाते हैं। बजट की गोपनीयता के लिए ऐसा करना जरूरी होता है।'

'कर्मचारियों का अपमान है राहुल गांधी का बयान'

उन्होंने इस बजट की तैयारियों से जुड़ी चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा, 'उप-प्रबंधक कुलदीप शर्मा पिता के निधन के बावजूद बजट तैयारियों में शामिल हुए और बाहर नहीं निकले। इसी तरह सुभाष अपने बेटे का निधन होने के बाद भी बाहर नहीं आये। राहुल गांधी का बयान ऐसे कर्मचारियों का अपमान है।'

क्या होता है हलवा सेरेमनी, कब होता है आयोजित?

हलवा समारोह (Halwa Ceremony) को बजट दस्तावेज को अंतिम रूप देने का आखिरी चरण माना जाता है। यह केंद्र सरकार के बजट की तैयारी में शामिल वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को ‘अलग रखने’ की प्रक्रिया है। इस तरह वे कुछ दिनों के लिए बाहरी दुनिया से पूरी तरह अलग-थलग हो जाते हैं।
ये अधिकारी और कर्मचारी संसद में बजट पेश होने तक नॉर्थ ब्लॉक (वित्त मंत्रालय का दफ्तर) के ‘बेसमेंट’ में ही रहते हैं। वहां पर पूरी गोपनीयता रखी जाती है। वित्त मंत्री के लोकसभा में अपना बजट भाषण पूरा करने के बाद ही वे बाहर निकलते हैं।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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