BJP से जुड़े थे कन्हैया लाल के हत्यारे, नेताओं ने आरोपियों को छुड़ाया था...सीएम गहलोत का पलटवार
सीएम गहलोत ने आरोप लगाया कि भाजपा राजस्थान में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश कर रही है।
सीएम अशोक गहलोत
Rajasathan Election 2023: राजस्थान में सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि दर्जी कन्हैया लाल तेली के हत्यारे भारतीय जनता पार्टी से जुड़े थे। पिछले साल 28 जून को उदयपुर में दो लोगों ने कन्हैया लाल की उनकी दुकान पर हत्या कर दी थी और इसकी गूंज पूरे देश में सुनाई पड़ी थी। गहलोत ने आरोप लगाया कि कन्हैया लाल की हत्या के आरोपियों को पुलिस ने उनकी हत्या से कुछ दिन पहले एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया था और भाजपा नेता उन्हें छुड़ाने के लिए पुलिस स्टेशन आए थे।
गहलोते बोले, अपराधियों का संबंध भाजपा से है
समाचार एजेंसी एएनआई ने गहलोत के हवाले से कहा कि इन अपराधियों का संबंध भाजपा से है। घटना के कुछ दिन पहले पुलिस ने इन आरोपियों को किसी अन्य मामले में गिरफ्तार किया था और कुछ भाजपा नेता उन्हें छुड़ाने के लिए पुलिस स्टेशन गए थे। गहलोत ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा राजस्थान में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश कर रही है। गहलोत का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस टिप्पणी के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखती है। उन्होंने गुरुवार को उदयपुर के पास एक चुनावी रैली के दौरान दर्जी कन्हैया लाल की नृशंस हत्या का जिक्र करते हुए यह बात कही थी।
पीएम मोदी ने गहलोत सरकार को ठहराया था जिम्मेदार
पीएम मोदी ने कहा था, कन्हैया लाल जी की हत्या राज्य सरकार पर एक बड़ा दाग है। उदयपुर में इतनी जघन्य घटना इसलिए हुई क्योंकि वहां कांग्रेस सरकार है जो आतंकवादियों से सहानुभूति रखती है। पीएम मोदी की टिप्पणी के जवाब में गहलोत ने रविवार को कहा कि बीजेपी को चुनावों में हार का एहसास हो गया है और इसलिए वह अजीब दावे कर रहे हैं। वे हमारे द्वारा शुरू की गई योजनाओं और कानूनों के बारे में एक शब्द भी नहीं बोल रहे हैं। वे चुनाव से पहले गड़बड़ी फैलाना चाहते हैं। कन्हैया लाल की हत्या की जांच के बारे में बात करते हुए गहलोत ने कहा कि राजस्थान पुलिस का स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से बेहतर तरीके से संभाल सकता था।
एनआईए की बजाय एसओजी बेहतर संभाल लेती जांच
उन्होंने कहा कि अगर एनआईए की बजाय एसओजी मामले पर काम कर रही होती तो जांच तार्किक निष्कर्ष तक पहुंच गई होती। उन्होंने कहा कि एनआईए ने घटना के दिन ही मामला अपने हाथ में ले लिया था और राज्य सरकार ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी। सीएम गहलोत ने कहा, कोई नहीं जानता कि एनआईए ने क्या कार्रवाई की है। अगर हमारी एसओजी ने मामले को आगे बढ़ाया होता, तो दोषियों को अब तक न्याय के कटघरे में लाया गया होता। गहलोत ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी और जैसे ही मुझे इसकी जानकारी मिली, मैंने अपना निर्धारित कार्यक्रम रद्द कर दिया और उदयपुर के लिए रवाना हो गया। हालांकि, भाजपा के कई शीर्ष नेताओं ने उदयपुर घटना की जानकारी मिलने के बाद भी हैदराबाद में एक कार्यक्रम में भाग लेने का फैसला किया।
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