Rajasthan Politics: हनुमान बेनीवाल की पार्टी से कांग्रेस करेगी गठबंधन? मुश्किल है राह, अपने ही कर रहे विरोध

Lok Sabha Chunav: राजस्थान में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस का क्या प्लान है? इस सवाल का जवाब ढूंढना ज्यादा मुश्किल नहीं है। दरअसल, राजस्थान में कांग्रेस के कुछ नेताओं ने आरएलपी से संभावित समझौते का विरोध किया है। मतलब हनुमान बेनीवाल से कांग्रेस का समझौता हो सकता है।

Congress Plan For Rajasthan Lok Sabha Chunav

राजस्थान में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का प्लान।

Congress Plan For Rajasthan: क्या आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस पार्टी का राजस्थान में खाता खुल पाएगा या पिछले आम चुनाव के नतीजों के तरह सभी 25 सीटों पर शिकस्त झेलनी पड़ेगी। इस बार तो सूबे में समीकरण भी कांग्रेस के पक्ष में नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में कांग्रेस विकल्प की तलाश कर रही है। जिसके तहत हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के साथ गठबंधन करने पर विचार कर रही है। आपको सारा समीकरण समझाते हैं।

कांग्रेस को फिर सता रहा खाता नहीं खुलने का खौफ?

जब राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार थी, अशोक गहलोत मुख्यमंत्री थे, उस वक्त लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम में पार्टी की खटिया खड़ी हो गई थी। 25 लोकसभा सीटों वाले राजस्थान में कांग्रेस को एक सीट भी नसीब नहीं हुई थी। पिछले चुनाव में हनुमान बेनीवाल की पार्टी ने भाजपा के साथ समझौता कर लिया था और एक सीट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल किया था। बेनीवाल खुद सांसद बने थे और अन्य सभी 24 सीटों पर भाजपा को जीत हासिल हुई थी। कांग्रेस के हाथ खाली रह गए थे, इस बार भी पार्टी को ये डर सता रहा है, क्योंकि अब तो सूबे में पार्टी की सरकार भी नहीं है।

हनुमान बेनीवाल से होगा लाभ या फिर नुकसान?

राजस्थान की सियासत में हनुमान बेनीवाल का नागौर और उसके आसपास इलाकों में अच्छा-खासा प्रभाव है, उन्होंने 2019 में राजस्थान की नागौर सीट पर ही लोकसभा चुनाव जीता था। फिलहाल वो खींवसर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। ऐसे में जाहिर है कि यदि कांग्रेस से समझौता होता भी है तो बेनीवाल के खाते में उनके दबदबे वाला क्षेत्र यानी नागौर आएगा। मगर कुछ कांग्रे नेताओं को अभी से ही ये बात गले से नहीं उतर रही है।

बेनीवाल से गठबंधन का विरोध कर रहे कुछ नेता

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस राजस्थान में हनुमान बेनीवाल की आरएलपी के साथ गठबंधन करने पर विचार कर रही है, हालांकि पार्टी नेताओं के एक वर्ग ने गठबंधन को लेकर विरोध जाहिर किया है। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने मंगलवार को यहां राज्य के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में पार्टी की चयन समिति की बैठक के दौरान गठबंधन पर अपना विरोध व्यक्त किया।

बेनीवाल के खाते में जाएगी नागौर लोकसभा सीट

सूत्रों ने कहा कि राज्य के कुछ अन्य वरिष्ठ नेता भी बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के साथ संभावित गठबंधन के खिलाफ हैं और उन्होंने कांग्रेस के प्रति बेनीवाल के पिछले विरोध और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ उनकी टिप्पणियों का हवाला दिया है। अगर गठबंधन हुआ तो नागौर लोकसभा सीट बेनीवाल के खाते में जाने की पूरी संभावना है।

जाट समुदाय के लोगों का कांग्रेस की ओर झुकाव

हनुमान बेनीवाल को राजस्थान में जाटों का नेता माना जाता है। यही देखते हुए पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें अपनी ओर कर लिया था। अब इस बार बीजेपी बेनीवाल की ओर कुछ ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है, क्योंकि वो जानती है कि सूबे की सत्ता पर काबिज होने के चलते उसे खासा लाभ मिलेगा।

वहीं बेनीवाल की पार्टी के साथ कांग्रेस के गठबंधन के पक्षधर लोगों का मानना है कि बेनीवाल को जाट समुदाय का लाभ मिलने से पार्टी को फायदा होगा। सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व एक या दो दिन में गठबंधन पर अंतिम निर्णय लेगा। राजस्थान में लोकसभा की 25 लोकसभा सीट हैं और 2019 के आम चुनावों कांग्रेस राज्य में खाता भी नहीं खोल पाई थी। देखना होगा कि इस चुनाव में कांग्रेस फिर से शून्य पर क्लीन बोल्ड होती है या फिर राजस्थान से खुशखबरी मिलती है।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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