Rajya Sabha Chunav: उत्तर प्रदेश में अखिलेश के 'PDA' में भाजपा ने ऐसे लगाई सेंध! समझें जातीय समीकरण

BJP Plan For Uttar Pradesh: राज्यसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में भाजपा ने प्रत्याशियों के चयन में जातीय समीकरण साधने की पूरी कोशिश की है। अखिलेश यादव के 'पीडीए' फॉर्मूले के खिलाफ इसे जबरदस्त सियासी मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। आखिर क्या है बीजेपी का असल प्लान, रिपोर्ट में समझिए।

लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा का मास्टरस्ट्रोक।

Rajya Sabha Elections News: राजनीति में जाति की जितनी अहमियत है, वैसे ही कई राज्यों में आज भी जाति की राजनीति को तवज्जो दी जाती है। देश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी भी इस बात को बखूबी समझती है। उत्तर प्रदेश की सियासत में जातीय समीकरण का आज भी खूब बोलबाला है। ऐसे में अखिलेश यादव के ‘PDA’ (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) फॉर्मूले को ध्वस्त करने की कोशिश की गई है। राज्यसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में भाजपा ने प्रत्याशियों के चयन में जातीय समीकरण साधने का प्रयास किया है।

लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने लिया फैसला

हाल ही में हुए 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 3 सूबे में सरकार बनाई। इनमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान शामिल है। भाजपा और मोदी के प्रति लोगों का झुकाव अभी बरकरार है। 10 सालों से देश की सत्ता पर काबिज भाजपा के लिए लोगों की लोकप्रियता में फिलहाल गिरावट नहीं देखने को मिली, मगर जातीय समीकरण और कुछ अहम मुद्दों को यदि भाजपा नजरअंदाज कर दे, तो उसे बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है। लोकसभा चुनाव नजदीक है, जिसे देखते हुए पार्टी हर वो फैसला लेना पसंद करेगी, जिससे उसे इन चुनावों में लाभ मिले। राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम की घोषणा में कुछ इसी तरह का फॉर्मूला नजर आ रहा है।

उत्तर प्रदेश की अहमियत को बेहतर समझती है बीजेपी

भारतीय जनता पार्टी समेत सभी सियासी पार्टियां देश की अधिक लोकसभा सीटों वाले राज्य की अहमियत समझती है। यूपी में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं, सियासत में ये कहावत है कि दिल्ली की कुर्सी का रास्ता यूपी से ही होकर जाता है। ऐसे में इस सूबे को नजरअंदाज करना किसी भी सियासी दल के लिए अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने के समान होगा। पिछले दो आम चुनावों में भाजपा ने इस राज्य में सबसे अधिक सीटों पर प्रचंड जीत हासिल की है, वो इस बार भी जीत के सिलसिले को बरकरार रखना चाहेगी, तभी वो जातीय समीकरण साध रही है। आपको समझाते हैं कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अखिलेश के पीडीए में सेंधमारी करने के लिए क्या कदम उठाया है।

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