Baramulla Seat: उमर अब्दुल्ला की सियासी राह में इंजीनियर बने रोड़ा, उत्तर कश्मीर की सीट पर दिलचस्प हुआ मुकाबला
Baramulla Seat : बारामूला सीट पर लगभग 17 लाख मतदाता हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अकबर लोन विजयी हुए थे। इस बार उमर श्रीनगर को छोड़कर इस सीट से उम्मीदवार हैं। इस सीट पर उन्हें सज्जाद लोन और इंजीनियर से कड़ी टक्कर मिल रही है।
बारामूला सीट पर इस बार रोचक मुकाबला।
Baramulla Seat : जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के मतदान में लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। चौथे चरण में श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र में 1989 के बाद रिकॉर्ड मतदान हुआ। अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह पहला लोकसभा चुनाव है। चौथे चरण में 13 मई को श्रीनगर सीट पर करीब 38 फीसद मतदान हुआ। बम्पर वोटिंग लोकतंत्र पर लोगों के बढ़ते विश्वास को दर्शा रही है। अब पांचवें चरण में उत्तर कश्मीर की बारामूला सीट पर मतदान होना है। इस सीट से फारूक अब्दुल्ला एवं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला चुनाव मैदान में है। इस सीट पर उनका मुकाबला पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन से तो है ही अब इंजीनियर रशीद के चुनावी ताल ठोकने के बाद इस सीट का चुनावी मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
तिहाड़ जेल में बंद हैं रशीद
अवामी इत्तेहाद पार्टी के मुखिया इंजीनियर ने इस सीट पर चुनावी जंग को रोचक बना दिया है। बता दें कि इंजीनियर टेरर फंडिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं लेकिन उनका चुनाव प्रचार उनके बेटे अबरार रशीद कर रहे हैं। गत सोमवार को अबरार ने उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा इलाके में रोड शो किया और अपने पिता के लिए वोट मांगे। उनके रोड शो में उन्हें देखने और सुनने के लिए भारी संख्या में लोग जुटे। अबरार ने यहां चुनावी रैली को भी संबोधित किया।
बेटे अबरार कर रहे चुनाव प्रचार
अबरार की उम्र अभी 26 साल है। सियासत की पेचीदगियां उन्हें नहीं मालूम लेकिन अपने पिता के लिए वह चुनाव प्रचार कर माहौल अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अबरार ने कहा, 'हमने सात मई से ही चुनाव प्रचार शुरू कर दिया। रैलियों में इतनी संख्या में लोग आएंगे इसकी हमें उम्मीद नहीं थी।'
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रशीद में मतदाताओं को रिझाने की क्षमता
जानकार मान रहे हैं कि इस सीट पर अभी तक उमर और सज्जाद लोन के बीच सीधा मुकाबला था लेकिन रशीद की इंट्री से चुनावी समीकरण बदल गए हैं। रशीद इस सीट के अलग-अलग समुदाय के मतदाताओं को रिझाने एवं अपने विरोधी उम्मीदवारों के वोट बैंक में सेंध लगाने की क्षमता रखते हैं। वह इस चुनाव में एक्स फैक्टर साबित हो सकते हैं। ऐसे में चुनाव परिणाम किसी के भी पक्ष में जा सकता है। अपने पिता के प्रभाव को देखते हुए अबरार कुपवाड़ा, हंदवाड़ा सहित अन्य इलाकों में लगातार चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
भाजपा ने नहीं उतारा उम्मीदवार
जम्मू कश्मीर में लोकसभा की पांच सीटें हैं जिनमें से तीन सीटें घाटी में पड़ती हैं। लोकसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार न खड़ा करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सज्जाद लोन और अल्ताफ बुखारी के जरिए अपने समर्थन को परखना चाहती है। बताया जा रहा है कि इन दोनों पार्टियों को उसका समर्थन है।
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बारामूला सीट का सियासी गणित
बारामूला सीट पर लगभग 17 लाख मतदाता हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अकबर लोन विजयी हुए थे। इस बार उमर श्रीनगर को छोड़कर इस सीट से उम्मीदवार हैं। इस सीट पर उन्हें सज्जाद लोन और इंजीनियर से कड़ी टक्कर मिल रही है। सज्जाद लोन के कुपवाड़ा और हंदवाड़ा के क्षेत्रों में अपने आधार और युवाओं के इंजीनियर रशीद की ओर रुख से उमर कड़े मुकाबले में फंस गए हैं। पीडीपी के फैयाज अहमद मुकाबले को और भी रोचक बना रहे हैं।
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