Exclusive: मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी पर कांग्रेस में बवाल, 2024 में विपक्षी एकता पर लगा प्रश्नचिन्ह

शराब घोटाले मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सीबीआई हिरासत में हैं। इसके समर्थन और विरोध को लेकर कांग्रेस के नेता दो धड़े में बंट गए हैं। इससे विपक्षी एकता पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया है।

Manish Sisodia

दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया

दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के दूसरे सबसे बड़े नेता फिलहाल सीबीआई की हिरासत में हैं। दिल्ली में मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी जहां भ्रष्टाचार को लेकर केजरीवाल सरकार पर हमलावर हैं वहीं कांग्रेस कन्फ्यूज नजर आ रही है। सूत्र बता रहे हैं कि सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस पार्टी दो धड़े में बंट गई है।

माकन को प्रेस कॉन्फ्रेंस की नहीं मिली मंजूरी

दिल्ली में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन जो पार्टी मुख्यालय से केजरीवाल को शराब नीति पर डिबेट के लिए ललकार चुके थे, उन्हीं माकन को केंद्रीय नेतृत्व ने दो बार मांगने के बावजूद प्रेस कांफ्रेंस के लिए मंच नहीं दिया। जिसके बाद एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए माकन न सिर्फ बिफरे नजर आए बल्कि आप के समर्थन में उतरे कांग्रेस नेताओं को भी नसीहत दे दी।

सिंघवी का ट्वीट, कांग्रेस की राय नहीं

कांग्रेस मीडिया प्रभारी जयराम रमेश जो सिसोदिया की गिरफ्तारी पर अभिषेक मनु सिंघवी के ट्वीट को निजी बता रहे थे, उन्होंने ही सिसोदिया पर एक्शन को एजेंसियों का दुरुपयोग करार दे दिया। हालांकि सिंघवी ने ये भी साफ किया कि उन्होंने अपनी राय एक वकील के तौर पर रखी थी, न कि कांग्रेस पार्टी के नेता की तरह। इसके अलावा राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भी सिसोदिया के समर्थन में उतर आए।

AAP पर राहुल का स्टैंड क्लियर

राहुल गांधी 2024 में कांग्रेस की राजनीति के लिए टीएमसी, बीआरएस, आम आदमी पार्टी और सपा को मुफीद नहीं मानते हैं। ये बात जानते हुए ही दिल्ली कांग्रेस के कई नेता सिसोदिया और आप पर लगातार हमले करते रहे। जिसमें दिल्ली अध्यक्ष अनिल चौधरी, संदीप दीक्षित, अलका लांबा, मुदित अग्रवाल, अभिषेक दत्त के अलावा केंद्रीय नेता अजय माकन भी खुलकर जयराम रमेश और केंद्रीय नेताओं को नसीहत देते नजर आए।

लेकिन पार्टी के कई उम्रदराज नेताओं को 2024 से बड़ी उम्मीदें हैं इसलिए वो पार्टी संगठन को दांव पर लगाकर भी विपक्षी एकता की उम्मीद के दीए को नहीं छोड़ना चाहते हैं। वहीं पार्टी में राहुल गांधी के साथ खड़े नेताओं का मानना है कि कांग्रेस की कीमत पर कोई विपक्षी एकता नहीं होनी चाहिए और ऐसे में जो पार्टियां बिना कांग्रेस विपक्षी एकता की बात करती हैं दरअसल वो बीजेपी की बी टीम ही हैं।

सिसोदिया की गिरफ्तारी पर क्या कांग्रेस में दो फाड़?

सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद पैदा हुए राजनैतिक भूचाल ने कांग्रेस को बैकफुट पर ला दिया है। उसकी वजह कांग्रेस पार्टी में इसको लेकर दो अलग-अलग धड़े होना है। राहुल गांधी का दूसरा मत होने के बावजूद जेडीयू, शिवसेना उद्धव गुट और आरजेडी के भी सिसोदिया के पक्ष में आ जाने पर कांग्रेस नेतृत्व पर समर्थन में आने का दबाव बढ़ गया। लेकिन कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के इस फैसले का नुकसान पार्टी को दिल्ली, पंजाब, गोवा, गुजरात समेत कई राज्यों में भी हो सकता है और राहुल की लाइन विपक्ष के सहयोगी दलों को लेकर क्लियर है।

दरअसल कांग्रेस में विपक्षी एकता को लेकर दो मत हैं। पहला पार्टी के वो पुराने नेता जो किसी भी कीमत पर विपक्षी एकता के जरिए 2024 में कांग्रेस की सत्ता में वापसी चाहते हैं। वहीं दूसरा राहुल की विचारधारा वाले नेता है जिनका मानना है कि पहले पार्टी खड़ी हो, आप को समर्थन देने की 2013 वाली गलती न दोहराई जाए वरना वो देश में कांग्रेस पार्टी का स्पेस ले लेगी।

ऐसे में सिसोदिया की गिरफ्तारी के समर्थन में राहुल के करीबी अजय माकन के आ जाने से लड़ाई अब कांग्रेस बनाम कांग्रेस हो चली है। रायपुर में कांग्रेस के अधिवेशन से लेकर पहले भी कई बार राहुल गांधी पार्टी की रणनीति में वीटो लगाने के बजाय नेताओं पर ही 2024 की रणनीति बनाने का मंशा जता चुके हैं। ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि कांग्रेस बनाम कांग्रेस के इस विवाद का आगे बढ़ना तय है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | एक्सप्लेनर्स (explainer News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

गौरव श्रीवास्तव author

टीवी न्यूज रिपोर्टिंग में 10 साल पत्रकारिता का अनुभव है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से लेकर कानूनी दांव पेंच से जुड़ी हर खबर आपको इस जगह मिलेगी। साथ ही चुना...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited